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आर्थिक राजधानी में व्यापार पर लगा ब्रेक, बंद पब्लिक ट्रांसपोर्ट ने रोकी रफ्तार

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Published : Jul 30, 2020, 12:58 PM IST

इंदौर में कोरोना संक्रमण की वजह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद है, जिसकी वजह से व्यापारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इंदौर में बाहर से आने वाले व्यापारियों की संख्या भी अब कम हो गई है.

Backward in business indore
व्यापार में पिछड़ा इंदौर

इंदौर। लॉकडाउन के कारण पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरे देश में बंद है, यदि इंदौर की बात की जाए तो इंदौर से किसी भी राज्य की राजधानी से सीधे कनेक्टिविटी है. कई ट्रेनों का आवागमन व कई बसों का संचालन भी इंदौर से सीधे किसी भी प्रदेश की राजधानी के साथ ही वहां के शहरों से भी जोड़ता है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इंदौर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरीके से बंद है. जिसके कारण प्रदेश की आर्थिक राजधानी में व्यापारियों को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. वहीं बाहर से आने वाले व्यापारी जो इंदौर से खरीदारी करते थे, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने की वजह से उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

व्यापार में पिछड़ा इंदौर

इंदौर को आर्थिक नुकसान

इंदौर में देश के कई लोग व्यापार करने के लिए आते थे, अब वो भी कोरोना संक्रमण देखते हुए नहीं आ रहे हैं. जिसके कारण इंदौर को आर्थिक रूप से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. व्यापारियों का कहना है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आसानी से कहीं पर भी जाकर अपना व्यापार आसानी से किया जा सकता था, जो व्यापारी अपने खुद के वाहन से बाहर जाकर व्यापार कर रहे हैं, उनको काफी पैसा खर्च कर व्यापार करना पड़ रहा है. जिसके कारण उन्हें काफी नुकसान भी हुआ है. व्यापारियों की ये भी मांग है कि प्रशासन ने कोरोना महामारी को रोकने के लिए जो गाइड लाइन निर्धारित की है, उनको ध्यान में रखते हुए पब्लिक ट्रांसपोर्ट चालू कर देना चाहिए. जिससे व्यापारियों के साथ ही जो लोग नौकरीपेशा या मजदूरी करते हैं, वो आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान जा सकें.

टू व्हीलर की खरीदी ज्यादा

एक ओर व्यापारी और आम आदमी आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं, वहीं अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई लोग टू व्हीलर भी खरीद रहे हैं, अनलॉक के बाद से इंदौर में टू व्हीलर की बिक्री में इजाफा हुआ है. आम आदमी अपने बजट को ध्यान में रखते हुए टू व्हीलर खरीद रहा है, व्यापारियों का मानना है कि टू व्हीलर से आसानी से काम किया जा सकता है. डिस्ट्रीब्यूटर का भी कहना है कि जब से इंदौर अनलॉक हुआ है, टू व्हीलर की बिक्री में इजाफा हुआ है.

पेट्रोल-डीजल के दाम

जिस तरह से आम आदमी पर्सनल व्हीकल की ओर बढ़ रहे हैं, उस कारण पेट्रोल और डीजल के दामों में नाममात्र का इजाफा हो रहा है. इंदौर में करीब 215 पेट्रोल पंप मौजूद हैं और इन्हीं पेट्रोल पंप से लॉकडाउन से पहले प्रतिदिन दो से तीन लाख लीटर पेट्रोल व 8 से 10 लाख लीटर डीजल की खपत होती थी, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण जहां पेट्रोल की खपत डेढ़ लाख प्रति लीटर के आसपास पहुंच चुकी है, वहीं यदि डीजल की बात करें तो डीजल की भी खपत में काफी अंतर आया है.

इंदौर में ट्रैफिक हुआ कम

ट्रैफिक पुलिस लगातार इंदौर की सड़कों पर चेकिंग अभियान चला रही है. अधिकारियों का कहना है कि आमतौर पर अनलॉक के पहले इंदौर में जिस तरह से भीड़ रहती थी, उसकी आधी भीड़ भी इंदौर की सड़कों पर अभी नहीं आई है. लॉकडाउन के पहले इंदौर में एक लाख से अधिक लोग व्यापार करने आते थे, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं होने के कारण ये लोग इंदौर नहीं आ रहे हैं. जिस कारण अभी इंदौर में उतना ट्रैफिक नहीं बढ़ा है, जितना सामान्य दिनों में रहता था.

फिलहाल जिस तरह इंदौर अनलॉक होने की ओर बढ़ रहा है तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में जो पब्लिक ट्रांसपोर्ट हैं, उनको जिला प्रशासन कुछ गाइड लाइन जारी कर चालू कर सकता है. इंदौर को कई प्रदेशों की राजधानी के साथ ही कई शहरों से सीधे भी आने वाले समय में जोड़ा जा सकता है. इंदौर प्रदेश की आर्थिक राजधानी है तो निश्चित तौर पर यहां के व्यापारी जिला प्रशासन से गुहार लगाकर चालू करवाने का प्रयास कर सकते हैं. यदि गाइडलाइन के साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट चालू किया जाता है तो निश्चित तौर पर इंदौर के व्यापारियों के साथ ही आम आदमी इंदौर से बेहतर तरीके से जुड़ सकता है.

इंदौर। लॉकडाउन के कारण पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरे देश में बंद है, यदि इंदौर की बात की जाए तो इंदौर से किसी भी राज्य की राजधानी से सीधे कनेक्टिविटी है. कई ट्रेनों का आवागमन व कई बसों का संचालन भी इंदौर से सीधे किसी भी प्रदेश की राजधानी के साथ ही वहां के शहरों से भी जोड़ता है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इंदौर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरीके से बंद है. जिसके कारण प्रदेश की आर्थिक राजधानी में व्यापारियों को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. वहीं बाहर से आने वाले व्यापारी जो इंदौर से खरीदारी करते थे, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने की वजह से उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

व्यापार में पिछड़ा इंदौर

इंदौर को आर्थिक नुकसान

इंदौर में देश के कई लोग व्यापार करने के लिए आते थे, अब वो भी कोरोना संक्रमण देखते हुए नहीं आ रहे हैं. जिसके कारण इंदौर को आर्थिक रूप से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. व्यापारियों का कहना है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आसानी से कहीं पर भी जाकर अपना व्यापार आसानी से किया जा सकता था, जो व्यापारी अपने खुद के वाहन से बाहर जाकर व्यापार कर रहे हैं, उनको काफी पैसा खर्च कर व्यापार करना पड़ रहा है. जिसके कारण उन्हें काफी नुकसान भी हुआ है. व्यापारियों की ये भी मांग है कि प्रशासन ने कोरोना महामारी को रोकने के लिए जो गाइड लाइन निर्धारित की है, उनको ध्यान में रखते हुए पब्लिक ट्रांसपोर्ट चालू कर देना चाहिए. जिससे व्यापारियों के साथ ही जो लोग नौकरीपेशा या मजदूरी करते हैं, वो आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान जा सकें.

टू व्हीलर की खरीदी ज्यादा

एक ओर व्यापारी और आम आदमी आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं, वहीं अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई लोग टू व्हीलर भी खरीद रहे हैं, अनलॉक के बाद से इंदौर में टू व्हीलर की बिक्री में इजाफा हुआ है. आम आदमी अपने बजट को ध्यान में रखते हुए टू व्हीलर खरीद रहा है, व्यापारियों का मानना है कि टू व्हीलर से आसानी से काम किया जा सकता है. डिस्ट्रीब्यूटर का भी कहना है कि जब से इंदौर अनलॉक हुआ है, टू व्हीलर की बिक्री में इजाफा हुआ है.

पेट्रोल-डीजल के दाम

जिस तरह से आम आदमी पर्सनल व्हीकल की ओर बढ़ रहे हैं, उस कारण पेट्रोल और डीजल के दामों में नाममात्र का इजाफा हो रहा है. इंदौर में करीब 215 पेट्रोल पंप मौजूद हैं और इन्हीं पेट्रोल पंप से लॉकडाउन से पहले प्रतिदिन दो से तीन लाख लीटर पेट्रोल व 8 से 10 लाख लीटर डीजल की खपत होती थी, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण जहां पेट्रोल की खपत डेढ़ लाख प्रति लीटर के आसपास पहुंच चुकी है, वहीं यदि डीजल की बात करें तो डीजल की भी खपत में काफी अंतर आया है.

इंदौर में ट्रैफिक हुआ कम

ट्रैफिक पुलिस लगातार इंदौर की सड़कों पर चेकिंग अभियान चला रही है. अधिकारियों का कहना है कि आमतौर पर अनलॉक के पहले इंदौर में जिस तरह से भीड़ रहती थी, उसकी आधी भीड़ भी इंदौर की सड़कों पर अभी नहीं आई है. लॉकडाउन के पहले इंदौर में एक लाख से अधिक लोग व्यापार करने आते थे, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं होने के कारण ये लोग इंदौर नहीं आ रहे हैं. जिस कारण अभी इंदौर में उतना ट्रैफिक नहीं बढ़ा है, जितना सामान्य दिनों में रहता था.

फिलहाल जिस तरह इंदौर अनलॉक होने की ओर बढ़ रहा है तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में जो पब्लिक ट्रांसपोर्ट हैं, उनको जिला प्रशासन कुछ गाइड लाइन जारी कर चालू कर सकता है. इंदौर को कई प्रदेशों की राजधानी के साथ ही कई शहरों से सीधे भी आने वाले समय में जोड़ा जा सकता है. इंदौर प्रदेश की आर्थिक राजधानी है तो निश्चित तौर पर यहां के व्यापारी जिला प्रशासन से गुहार लगाकर चालू करवाने का प्रयास कर सकते हैं. यदि गाइडलाइन के साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट चालू किया जाता है तो निश्चित तौर पर इंदौर के व्यापारियों के साथ ही आम आदमी इंदौर से बेहतर तरीके से जुड़ सकता है.

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