इंदौर। नारी रूप में रहन-सहन से परेशान इंदौर की अलका सोनी आखिरकार अब अस्तित्व सोनी के रूप में पहचानी जाएंगी. दरअसल, अलका ने अपना जेंडर चेंज करा कर लड़के के रूप में अपना नया जन्म होने का दावा किया है. मुंबई के एक अस्पताल में जेंडर चेंज कराने के जटिल ऑपरेशन के बाद अलका से अस्तित्व बनने के बाद ईटीवी भारत पर अपने संदेश में कहा, मत पूछ ए खुदा क्या हुआ था मेरे साथ, बस दौर ए सितम था गुजर गया.
समाज में बदनामी के डर था बड़ी वजह
47 साल के इंदौर निवासी अस्तित्व सोनी जन्म से लड़की थे और उनके माता-पिता ने उन्हें अलका सोनी नाम दिया था. 20 साल की उम्र तक आते-आते अलका ने महसूस किया कि वह लड़की के रूप में सहज जीवन नहीं जी पा रही हैं. इतना ही नहीं, बचपन से होश संभालने के बाद वे अपने पहनावे और रहन-सहन से खुद को एक लड़के के रूप में ही साबित करने की कोशिश करती रही. हालांकि इस बीच उन्होंने कई बार अपना पहनावे और रहन-सहन से लड़का बनने की कोशिश भी की, लेकिन समाज में इसे अच्छा नहीं माने जाने के कारण वह नारी के रूप में ही जीवन व्यतीत कर रही थी. हालांकि इस बीच उनकी इस मुद्दे पर अपने माता-पिता से कई बार बात हुई, जिन्होंने हमेशा समाज में बदनामी अथवा लड़की से लड़का नहीं बनने के बारे में बताकर बार-बार समझाया. लेकिन इसके बाद भी अलका के लिए युवावस्था की दहलीज पर पहुंचने के दौरान शारीरिक परिवर्तन और नारी रूप झलकने के कारण लड़की बने रहना और ज्यादा मुश्किल होता गया.
शायरी के जरिए दिया संदेश
इस सब से परेशान अलका ने लड़की से लड़का बनने के बारे में तमाम जानकारी जुटाई. अलका ने फैसला किया कि वह दुनिया में कैसे आई थीं, यह उनके बस में नहीं था. लेकिन इस दुनिया से जाना कैसे हैं, यह जरूर बस में है. लिहाजा उन्होंने जेंडर एफर्मेशन सर्जरी कराने का फैसला किया, जिसके लिए उन्होंने तमाम औपचारिकताएं पूरा करने के बाद हाल ही में मुंबई के एक निजी अस्पताल में 2 दिन पहले अपना जेंडर चेंज कराया है. ऑपरेशन के बाद उन्होंने ईटीवी भारत को भेजे अपने शायरी आधारित संदेश में कहा कि, 'मत पूछ ए खुदा क्या हुआ था मेरे साथ, बस दौर ए सितम था गुजर गया'.
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डिजाइनर बॉडीज में हुई सर्जरी
जेंडर एफर्मेशन सर्जरी कराने के लिए अस्तित्व ने मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट विभाग की वेबसाइट पर आवेदन किया. इसके बाद सर्जरी के लिए मानसिक रोग विशेषज्ञ की अनुमति समेत तमाम कार्यालय औपचारिकताएं पूरा करने के बाद उनके प्रकरण को इंदौर जिला प्रशासन के समक्ष भेजा गया. जिसकी ऑनलाइन अनुमति जारी होने के बाद अस्तित्व ने अपने जन्मदिन के दिन ही 14 मार्च को अपनी सर्जरी मुंबई के डिजाइनर बॉडीज अस्पताल में यह सर्जरी कराई. सर्जरी होने के बाद उन्होंने अपने जन्मदिन को उत्सव के रूप में मनाया, इस दौरान उनके परिवार के कुछ लोग और करीब भी मौजूद रहे.
सभी मेरे फैसले पर खुश हैं
अस्तित्व का कहना है कि कोई भी व्यक्ति दूसरों को तभी प्यार कर सकता है, जब वह खुद को प्यार करें. इसलिए मैंने अलका से अस्तित्व के संघर्ष के बाद सफल मुकाम पाया है. मेरे फैसले से मेरे परिजन और मुझे जानने वाले सभी लोग बहुत खुश हैं. सब का आभार, क्योंकि सभी ने मेरा साथ दिया है. अब मैं अपने पुनर्जन्म के बाद अपने असली किरदार में हूं, ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि नए किरदार में मुझे ईश्वर नई जिम्मेदारी उठाने की शक्ति दे. जिससे कि मैं अपने जीवन को किसी अच्छे काम में लगा सकूं.