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अति सर्वत्र वर्जते, लोगों को बीमार कर रहा इम्युनिटी बूस्टर का ओवरडोज - इम्युनिटी बूस्टर दवाइयां

कोरोना से बचने के लिए लोग इम्युनिटी बूस्टर का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. लिहाजा अब इम्युनिटी बढ़ाने वाले पदार्थों का ओवरडोज अब लोगों को बीमार कर रहा है. देखिए इम्यूनिटी पदार्थों के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल पर यह रिपोर्ट...

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ग्वालियर न्यूज
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Published : Sep 1, 2020, 6:41 PM IST

ग्वालियर। अति सर्वत्र वर्जते, यानि किसी भी चीज को जरुरत से ज्यादा लेने पर वह घातक होती है. कुछ ऐसा ही हो रहा है कोरोना काल में. कोविड-19 से बचने के लिए मजबूत इम्युनिटी एक बड़ा हथियार है. जिसके चलते कोरोना काल में इम्युनिटी बूस्टर दवाएं, काढ़ा, गिलोय और अन्य कई मसाले से बने पदार्थ लोग तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं. तो इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लोग यूटयूब और सोशल मीडिया के जरिए काढ़ा बना रहे हैं.

बीमार कर रहा इम्युनिटी बूस्टर का ओवरडोज

लिहाजा कोरोना के चलते इम्यूनिटी बढ़ाने के चक्कर में लोग इन सब पदार्थों का ओवरडोज ले रहे हैं. जो स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है. क्योंकि आमतौर पर लोगों को पता नहीं है कि इम्युनिटी बूस्टर काढ़ा बनाने में किस मात्रा में कौन सा सामान डाला जाए. यही वजह है कि इसका ओवरडोज लेने से लोग बीमार हो रहे हैं, जहां उन्हें उल्टी ,दस्त और मुंह में छाले जैसी शिकायतें आ रही हैं.

जरूरत से ज्यादा हो रहा काढ़े का इस्तेमाल

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि घर में मौजूद तुलसी, लेसन, हींग, जीरा, काली मिर्च, अदरक जैसी गर्म चीचों का सेवन जरूरत से ज्यादा किया जा रहा हैं जो अब परेशानी बन रहा है. ग्वालियर में आयुर्वेदिक अस्पताल के डॉक्टर विवेक देवलिया कहते हैं कि जिस आदमी की जितनी क्षमता हो, उसे उतना ही इम्युनिटी बूस्ट करने वाली चीजें लेनी चाहिए, लेकिन लोग इसका जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. जो उन्हें बीमार कर रहा है.

बीमार कर देती हैं जरूरत से ज्यादा इम्यूनिटी

आयुर्वेदिक काढ़ा बनाने के समय कालीमिर्च, सोंठ, छोटी पीपल की मात्रा 100 ML काढ़ा में आधा चम्मच पर्याप्त है. सामान्य व्यक्ति यदि इससे अधिक त्रिकूट चूर्ण का सेवन करता है तो उसे दर्द व पेट में गैस बनी की समस्या आ सकती है. इसी तरह गिलोय से अधिक सेवन करने में पसीना आना बीपी बढ़ने या घटने लगता है एक स्वस्थ व्यक्ति दो समय में अधिकतम 120ML काढ़ा का सेवन कर सकता है. काढ़ा सेवन भी सिर्फ 30 दिन किया जाए.

जितनी क्षमता उतने ही पदार्थ लें

डॉक्टर विवेक देवलिया बताते हैं कि काढ़े के लिए तमात चीजों को शामिल करने के लिए यूटयूब पर उसके सेवन का तरीका बताया जा रहा है. जबकि रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए चार ग्राम तुलसी के पत्ता, दो ग्राम दालचीनी, दो ग्राम अदरक, एक ग्राम काली मिर्च को आधा लीटर पानी में उबाल लें. जब वह आधा रह जाए तो आग से उतार लें. इस काढ़े को एक कप सुबह-शाम ले सकते हैं. जो सभी के लिए फायदेमंद रहता है.

कोरोना से बचाव के लिए रामबाण माने जा रहे काढ़े का गलत इस्तेमाल आपके लिए खतरा बन सकता है. इसलिए काढ़े को लेकर पूरा ख्याल रखें. काढ़ा दिन में सिर्फ एक बार ही लें और चाय की तरह काढ़ा पीने से बचें. तो बेहिसाब विटामिन-सी की टैबलेट भी ना लें. जबकि आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवा डॉक्टर की सलाह से ही लें. ताकि आप इम्यूनिटी के ओवरडोज से खुद को बचाए रखें. क्योंकि कोरोना के इस मुश्किल दौर में इम्यूनिटी बूस्टर की चीजें अगर आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं, इनका ओवरडोज घातक भी हो सकता है.

ग्वालियर। अति सर्वत्र वर्जते, यानि किसी भी चीज को जरुरत से ज्यादा लेने पर वह घातक होती है. कुछ ऐसा ही हो रहा है कोरोना काल में. कोविड-19 से बचने के लिए मजबूत इम्युनिटी एक बड़ा हथियार है. जिसके चलते कोरोना काल में इम्युनिटी बूस्टर दवाएं, काढ़ा, गिलोय और अन्य कई मसाले से बने पदार्थ लोग तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं. तो इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लोग यूटयूब और सोशल मीडिया के जरिए काढ़ा बना रहे हैं.

बीमार कर रहा इम्युनिटी बूस्टर का ओवरडोज

लिहाजा कोरोना के चलते इम्यूनिटी बढ़ाने के चक्कर में लोग इन सब पदार्थों का ओवरडोज ले रहे हैं. जो स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है. क्योंकि आमतौर पर लोगों को पता नहीं है कि इम्युनिटी बूस्टर काढ़ा बनाने में किस मात्रा में कौन सा सामान डाला जाए. यही वजह है कि इसका ओवरडोज लेने से लोग बीमार हो रहे हैं, जहां उन्हें उल्टी ,दस्त और मुंह में छाले जैसी शिकायतें आ रही हैं.

जरूरत से ज्यादा हो रहा काढ़े का इस्तेमाल

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि घर में मौजूद तुलसी, लेसन, हींग, जीरा, काली मिर्च, अदरक जैसी गर्म चीचों का सेवन जरूरत से ज्यादा किया जा रहा हैं जो अब परेशानी बन रहा है. ग्वालियर में आयुर्वेदिक अस्पताल के डॉक्टर विवेक देवलिया कहते हैं कि जिस आदमी की जितनी क्षमता हो, उसे उतना ही इम्युनिटी बूस्ट करने वाली चीजें लेनी चाहिए, लेकिन लोग इसका जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. जो उन्हें बीमार कर रहा है.

बीमार कर देती हैं जरूरत से ज्यादा इम्यूनिटी

आयुर्वेदिक काढ़ा बनाने के समय कालीमिर्च, सोंठ, छोटी पीपल की मात्रा 100 ML काढ़ा में आधा चम्मच पर्याप्त है. सामान्य व्यक्ति यदि इससे अधिक त्रिकूट चूर्ण का सेवन करता है तो उसे दर्द व पेट में गैस बनी की समस्या आ सकती है. इसी तरह गिलोय से अधिक सेवन करने में पसीना आना बीपी बढ़ने या घटने लगता है एक स्वस्थ व्यक्ति दो समय में अधिकतम 120ML काढ़ा का सेवन कर सकता है. काढ़ा सेवन भी सिर्फ 30 दिन किया जाए.

जितनी क्षमता उतने ही पदार्थ लें

डॉक्टर विवेक देवलिया बताते हैं कि काढ़े के लिए तमात चीजों को शामिल करने के लिए यूटयूब पर उसके सेवन का तरीका बताया जा रहा है. जबकि रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए चार ग्राम तुलसी के पत्ता, दो ग्राम दालचीनी, दो ग्राम अदरक, एक ग्राम काली मिर्च को आधा लीटर पानी में उबाल लें. जब वह आधा रह जाए तो आग से उतार लें. इस काढ़े को एक कप सुबह-शाम ले सकते हैं. जो सभी के लिए फायदेमंद रहता है.

कोरोना से बचाव के लिए रामबाण माने जा रहे काढ़े का गलत इस्तेमाल आपके लिए खतरा बन सकता है. इसलिए काढ़े को लेकर पूरा ख्याल रखें. काढ़ा दिन में सिर्फ एक बार ही लें और चाय की तरह काढ़ा पीने से बचें. तो बेहिसाब विटामिन-सी की टैबलेट भी ना लें. जबकि आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवा डॉक्टर की सलाह से ही लें. ताकि आप इम्यूनिटी के ओवरडोज से खुद को बचाए रखें. क्योंकि कोरोना के इस मुश्किल दौर में इम्यूनिटी बूस्टर की चीजें अगर आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं, इनका ओवरडोज घातक भी हो सकता है.

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