ग्वालियर।10साल पुराने एक भ्रुण परिक्षण के मामले में कोर्ट ने ग्वालियर के तीन डॉक्टरों को सजा सुनाई है. दिल्ली की एक सामाजिक संस्था 'बेटी बचाओ' के सदस्यों के स्टिंग आपरेशन के जरिए ये मामला सामने आया था.
तत्कालीन कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के जरिए चारों चिकित्सकों के खिलाफ जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया था. जिसमें उन्हें पीसी एवं पीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन का आरोपी बनाया गया था.
मामले में 10 साल बाद कोर्ट नें तीन डॉक्टरों को तीन हजार का जुर्माना और तीन साल की जेल से दंडित किया है. मामले में डॉ एसके श्रीवास्तव और डॉक्टर संध्या तिवारी के खिलाफ नर्सिंग होम एक्ट उल्लंघन की भी कार्रवाई की गई, जिसमें पंजीयन नहीं होने पर उन पर पांच- पांच हजार रुपए का जुर्माला लगाया गया है.
डॉ एसके श्रीवास्तव का हुरावली, संध्या तिवारी का दर्पण कॉलोनी और सुषमा त्रिवेदी का नई सड़क में क्लीनिक चल रहा था.