ग्वालियर। सियासत और क्रिकेट दोनों ही अनियमितात से भरे खेल हैं. जहां कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है. इन दिनों ग्वालियर चंबल की राजनीति में कुछ ऐसा ही चल रहा है. जहां विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस के नाराज नेता अब घर वापसी में जुटे हैं. इन नेताओं की घर वापसी से ग्वालियर चंबल में बीजेपी नेताओं की परेशानी बढ़ गई है.
बीजेपी के नेताओं का मानना था कि कांग्रेस के इन बागी नेताओं की बगावत से कांग्रेस को नुकसान होगा, लेकिन कांग्रेस के झंडाबरदारों ने सियासी समर में ऐसा जाल बुना कि एक-एक करके कांग्रेस के बागी अब घर वापसी कर रहे हैं. चौधरी राकेश सिंह, साहब सिंह गुर्जर, वृंदावन सिकरवार उनके बेटे मानवेंद्र सिंह जैसे कांग्रेस के दिग्गज पार्टी में वापसी कर चुके हैं.
कांग्रेस नेताओं की घर वापसी पर बीजेपी का कहना है कि इससे उनकों कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. कांग्रेस अब भी गुटबाजी का शिकार है.जबकि कांग्रेस अपने नेताओं की घर वापसी से पार्टी को चुनाव में मजबूती की बात कह रही है.
दोनों ही पार्टी के नेता चाहे कुछ भी दावे करें. हकीकत तो ये है कि एक ओर कांग्रेस के इन नेताओं की घर वापसी से बीजेपी की जहां टेंशन बढ़ गयी है तो वहीं कांग्रेस को इन बागियों को खुश रखना किसी चुनौती से कम नहीं है.