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बीजेपी का सदस्यता अभियान 'पास या फेल', क्या सिंधिया के साथ नहीं गए ग्वालियर-चंबल के बड़े नेता

ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के कारण बनी शिवराज सरकार को बचाए रखने की जिम्मेदारी भी सिंधिया की है. सिंधिया ने अपने गढ़ ग्वालियर में तीन दिन तक बीजेपी का महासदस्यता अभियान चलाकर शक्ति प्रदर्शन किया, लेकिन कांग्रेस का दावा है कि, यह फर्जी अभियान था. देखिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट 'सदस्यता अभियान पास या फेल'

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सदस्यता अभियान पास या फेल
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Published : Aug 27, 2020, 8:25 PM IST

ग्वालियर। प्रदेश में सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल अंचल की 16 सीटों पर उपचुनाव होना है. लिहाजा पिछले दिनों ने बीजेपी ने यहा तमाम दिग्गजों की मौजदूगी में महासदस्यता अभियान चलाया. बीजेपी ने दावा किया कांग्रेस के हाजारों कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हुए हैं. बीजेपी ज्वाइन करने के बाद यह पहला मौका था जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अंचल के दौरे पर थे और कहां जा रहा था ज्योतिरादित्य सिंधिया के पहले दौरे पर हजारों कांग्रेस की वरिष्ठ और पावरफुल नेता बीजेपी में शामिल होंगे. लेकिन इस तीन दिवसीय बीजेपी के सदस्यता अभियान में ग्वालियर चंबल अंचल से सिंधिया समर्थक कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता बीजेपी में शामिल नहीं हुआ.

बीजेपी का सदस्यता अभियान 'पास या फेल'

तीन दिनों तक ग्वालियर में रहे बीजेपी के दिग्गज

ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने तीन दिनों तक ग्वालियर-चंबल में डेरा डालकर सदस्यता अभियान चलाया. बीजेपी का दावा है कि इस सदस्यता अभियान में 37 हजार से अधिक लोगों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है. बीजेपी ने अपने इस मेगा शो को हिट बातकर अपनी तैयारियों की बात कही. पार्टी का दावा है कि, उपचुनाव में वो सभी सीटें जीतेगी. बीजेपी नेता आशीष अग्रवाल का कहना है कि, 'हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हुए हैं और इस अंचल में अब कांग्रेस पार्टी की जड़े हिल चुकी हैं. उपचुनाव के बाद इस अंचल से कांग्रेस पूरी तरह से खत्म हो जाएगी'.

ज्योतिरादित्य सिंधिया का शक्ति प्रदर्शन
ज्योतिरादित्य सिंधिया का शक्ति प्रदर्शन

कांग्रेस ने अभियान को बताया फर्जी

पूर्व मंत्री लाखन सिंह ने बीजेपी के सदस्यता अभियान पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'यह पूरा फर्जी अभियान था. अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया का ग्वालियर-चंबल अंचल के सभी जिलों में दबदबा है, तो ग्वालियर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, भिंड और मुरैना जिले कें कांग्रेस संगठन से कोई भी बड़ा नेता सिंधिया के साथ क्यों नहीं गया. जबकि जिन कार्यकर्ताओं ने बीजेपी ज्वाइन किया है, उन पर भी दबाव बनाया गया था.

कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

ग्वालियर के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक जानकार देवश्री माली कहते है कि, 'सिंधिया का शक्ति प्रदर्शन तो सफल रहा. लेकिन जब अंचल में कांग्रेस संगठन के वे नेता जो कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेहद खास होते थे, उन्होंने बीजेपी ज्वाइन नहीं की. जब से सिंधिया कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए. वैसे ही इन नेताओं ने दूरी बना ली और आज भी वो कांग्रेस का झंडा थामे हुए हैं'.

अभी और घमासान मचेगा

खास बात ये है कि, इस अंचल के करीब 16 नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का साथ देते हुए अपनी विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी की सरकार बनावाई, लेकिन ये हकीकत है कि, ग्वालियर- चंबल में कांग्रेस संगठन के कई ऐसे बड़े नेता, जो कांग्रेस में रहते सिंधिया के बेहद करीबी माने जाते हैं, इन नेताओं ने सिंधिया के बीजेपी ज्वाइन करने के बाद फिलहाल तो साथ नहीं दिया. यही वजह है कि, कांग्रेस बीजेपी के इस महासदस्यता अभियान पर निशाना साध रही है. कांग्रेस से इतर बीजेपी फुल कॉन्फिडेंस में अपने सदस्यता अभियान को सफल बता रही है. दोनों पार्टियों के दावों से इतना तय है कि, उपचुनाव के चलते आरोप-प्रत्यारोप के दौर की ये तो अभी शुरुआत है. जैसे- जैसे चुनाव नजदीक आएगा. ग्वालियर-चंबल की सियासत में और घमासान मचेगा.

ग्वालियर। प्रदेश में सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल अंचल की 16 सीटों पर उपचुनाव होना है. लिहाजा पिछले दिनों ने बीजेपी ने यहा तमाम दिग्गजों की मौजदूगी में महासदस्यता अभियान चलाया. बीजेपी ने दावा किया कांग्रेस के हाजारों कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हुए हैं. बीजेपी ज्वाइन करने के बाद यह पहला मौका था जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अंचल के दौरे पर थे और कहां जा रहा था ज्योतिरादित्य सिंधिया के पहले दौरे पर हजारों कांग्रेस की वरिष्ठ और पावरफुल नेता बीजेपी में शामिल होंगे. लेकिन इस तीन दिवसीय बीजेपी के सदस्यता अभियान में ग्वालियर चंबल अंचल से सिंधिया समर्थक कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता बीजेपी में शामिल नहीं हुआ.

बीजेपी का सदस्यता अभियान 'पास या फेल'

तीन दिनों तक ग्वालियर में रहे बीजेपी के दिग्गज

ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने तीन दिनों तक ग्वालियर-चंबल में डेरा डालकर सदस्यता अभियान चलाया. बीजेपी का दावा है कि इस सदस्यता अभियान में 37 हजार से अधिक लोगों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है. बीजेपी ने अपने इस मेगा शो को हिट बातकर अपनी तैयारियों की बात कही. पार्टी का दावा है कि, उपचुनाव में वो सभी सीटें जीतेगी. बीजेपी नेता आशीष अग्रवाल का कहना है कि, 'हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हुए हैं और इस अंचल में अब कांग्रेस पार्टी की जड़े हिल चुकी हैं. उपचुनाव के बाद इस अंचल से कांग्रेस पूरी तरह से खत्म हो जाएगी'.

ज्योतिरादित्य सिंधिया का शक्ति प्रदर्शन
ज्योतिरादित्य सिंधिया का शक्ति प्रदर्शन

कांग्रेस ने अभियान को बताया फर्जी

पूर्व मंत्री लाखन सिंह ने बीजेपी के सदस्यता अभियान पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'यह पूरा फर्जी अभियान था. अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया का ग्वालियर-चंबल अंचल के सभी जिलों में दबदबा है, तो ग्वालियर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, भिंड और मुरैना जिले कें कांग्रेस संगठन से कोई भी बड़ा नेता सिंधिया के साथ क्यों नहीं गया. जबकि जिन कार्यकर्ताओं ने बीजेपी ज्वाइन किया है, उन पर भी दबाव बनाया गया था.

कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

ग्वालियर के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक जानकार देवश्री माली कहते है कि, 'सिंधिया का शक्ति प्रदर्शन तो सफल रहा. लेकिन जब अंचल में कांग्रेस संगठन के वे नेता जो कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेहद खास होते थे, उन्होंने बीजेपी ज्वाइन नहीं की. जब से सिंधिया कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए. वैसे ही इन नेताओं ने दूरी बना ली और आज भी वो कांग्रेस का झंडा थामे हुए हैं'.

अभी और घमासान मचेगा

खास बात ये है कि, इस अंचल के करीब 16 नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का साथ देते हुए अपनी विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी की सरकार बनावाई, लेकिन ये हकीकत है कि, ग्वालियर- चंबल में कांग्रेस संगठन के कई ऐसे बड़े नेता, जो कांग्रेस में रहते सिंधिया के बेहद करीबी माने जाते हैं, इन नेताओं ने सिंधिया के बीजेपी ज्वाइन करने के बाद फिलहाल तो साथ नहीं दिया. यही वजह है कि, कांग्रेस बीजेपी के इस महासदस्यता अभियान पर निशाना साध रही है. कांग्रेस से इतर बीजेपी फुल कॉन्फिडेंस में अपने सदस्यता अभियान को सफल बता रही है. दोनों पार्टियों के दावों से इतना तय है कि, उपचुनाव के चलते आरोप-प्रत्यारोप के दौर की ये तो अभी शुरुआत है. जैसे- जैसे चुनाव नजदीक आएगा. ग्वालियर-चंबल की सियासत में और घमासान मचेगा.

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