ग्वालियर। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव का ऐलान होने के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में पुलिस अलर्ट मोड़ पर आ गई है. क्योंकि हर बार देखा जाता है कि ग्वालियर चंबल अंचल में चुनावों के वक्त सबसे ज्यादा उपद्रव होता है. यही वजह है कि पंचायत चुनाव को देखते हुए पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. ग्वालियर चंबल अंचल में सबसे ज्यादा पंचायतें अतिसंवेदनशील हैं, ऐसे में चुनावों में झगड़े-विवादों की घटनाएं ज्यादा होती हैं. पंचायत चुनाव में दावेदारी करने वाले अभी पूरी तरह सामने नहीं आए. लेकिन पुलिस ने चुनाव को लेकर रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. किस गांव के अंदर क्या चल रहा है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस हर गांव में अपने मुखबिर तैयार कर रही है.
मुखबिर देंगे पुलिस को गुप्त सूचना: पुलिस मुखबिर तंत्र के जरिए यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि, गांव में कौन किसका दोस्त है और कौन किसका दुश्मन. इसके लिए गांव से पुलिस ने चार-चार मुखबिर बनाने के लिए प्लान तैयार कर लिया है. जो गांव के अंदर बैठकर वहां पर पनप रही हर प्लानिंग को पुलिस तक पहुंचाएंगे. क्योंकि देखा जाता है कि ग्वालियर चंबल अंचल में पंचायत चुनावों में सबसे ज्यादा उपद्रव के मामले सामने आते हैं. इस दौरान सबसे ज्यादा आपसी रंजिश, डराना-धमकाना जैसी घटनाएं सामने आती हैं, इसलिए पुलिस ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं.
अभी गांव की लिस्ट तैयार की जा रही है. जो संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाके हैं उन पर खास नजर रहेगी. साथ ही पिछले चुनावों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है कि, किस गांव में उपद्रव हुआ था और किस गांव में उपद्रव होने की संभावना है.
- अमित सांघी, पुलिस अधीक्षक
गांव की हर गतिविधि पर नजर: हर गांव में पुलिस का मुखबिर तंत्र मजबूत किया जाएगा और उस गांव की हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी. पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस ने 5 बिंदुओं की प्लानिंग की है. उसका पहला फोकस गांव में लोगों से तालमेल बढ़ाने का है, इसलिए देहात में पुलिस अधिकारियों को टास्क दिया गया है कि वह गांव-गांव घूमें, चौपाल पर बैठें, लोगों से मेलजोल बढ़ाएं. इससे पब्लिक और पुलिस में नजदीकियां बनेगी, तो जाहिर है कि खुराफात करने वालों की हरकत पर नजर रहेगी.
100 से अधिक अतिसंवेदनशील पंचायत: ग्वालियर में 266 ग्राम पंचायत हैं, जिनमें लगभग 100 से अधिक अतिसंवेदनशील पंचायत हैं. जहां पर उपद्रव होने की संभावना अधिक होती है. ऐसे में पुलिस ने हर गांव का रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है, जहां पर उपद्रव होने की संभावना है. इसके साथ ही पुलिस ने अलग-अलग टीमें बनाना शुरु कर दी हैं, जो गांव-गांव जाकर हर गतिविधि पर नजर रखेंगी.