ग्वालियर। प्रदेश के ग्वालियर-अंचल के 14 नर्सिंग कॉलेजों को नर्सिंग काउंसलिंग से झटका लगा है. इन कॉलेजों की मान्यता निरस्त की दी गई है. यह कॉलेज मान्यता के मानकों को पूरा नहीं कर रहे थे, इनमें काफी कमियां थीं. दूसरे कॉलेज बचे हैं जिनकी जांच की जानी है. कमेटी को अपनी रिपोर्ट 6 सप्ताह में पेश करनी होगी. ग्वालियर हाईकोर्ट की युगल पीठ ने ग्वालियर चंबल संभाग के 214 नर्सिंग कॉलेजों की जांच के लिए 30 सदस्य कमेटी बनाई थी जो कॉलेजों का निरीक्षण में लगी हैं.
हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर
भिंड के हरिओम ने इसी साल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में तर्क दिया कि अंचल में नर्सिंग कॉलेजों को नियम के खिलाफ मान्यता दी गई है. जिनके पास ना तो अस्पताल हैं और ना बेड की व्यवस्था. केवल कागजों में ही कॉलेज चल रहे हैं, इसलिए इनकी मान्यता को निरस्त किया जाए. इस पर नर्सिंग काउंसलिंग की ओर से तर्क दिया गया कि पिछले और वर्तमान सत्र में 271 कॉलेजों को मान्यता दी गई है. मान्यता देने से पहले पूरे नियमों को जांचा गया था.
कॉलेज की स्थिति पता लगाने का आदेश
इस मामले में कोर्ट ने 24 अगस्त 2021 को आदेश दिया था कि कॉलेज की वास्तविक स्थिति का पता लगाएं. इसके लिए आयोग बनाया जाए, आयोग के सदस्य कॉलेजों का निरीक्षण करेंगे. इस आदेश के खिलाफ प्राइवेट नर्सिंग एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की. एसोसिएशन का तर्क था कि जांच में जिन लोगों को शामिल किया गया है वह कॉलेजों की जानकारी नहीं रखते हैं. सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश में बदलाव कर दिया और जांच के लिए फिर से कमेटी बनाने का आदेश दिया.
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याचिका में बदलाव की मांग
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नर्सिंग कॉलेज ने निरीक्षण के लिए जांच कमेटी बनाई थी. वकील का कहना है कि जनवरी में दो महिने का समय दिया गया था, लेकिन यह लोग कमी पूरी करने के लिए टाइम मांग रहे हैं, इन्हें समय न दिया जाए. याचिका में बदलाव की मांग की गई है. वहीं ग्वालियर में संचालन करने वाले लोगों की जांच के लिए आयोग में एक जज और 2 अधिवक्ताओं को शामिल किया गया है, जिसे अपनी रिपोर्ट 6 सप्ताह में पेश करनी है.
(Nursing colleges in gwalior region) (Recognition of 14 nursing colleges canceled)