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देश में मानसून मेहरबान लेकिन ग्वालियर परेशान, अब तक नहीं हुई औसत बारिश

ग्वालियर अंचल में जुलाई माह में अच्छी बारिश की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन बारिश बेहद कम बारिश रही. अगस्त में भी अपेक्षा के अनुरूप बारिश का अधिकांश कोटा पूरा नहीं हुआ.

No average rainfall in Gwalior yet
बिन बारिश के ग्वालियर परेशान
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Published : Aug 27, 2020, 12:34 AM IST

ग्वालियर। अंचल में मानसून का रूठना लगातार जारी है, पिछले 4 दिनों से बारिश जैसा माहौल बनने के बाद भी ग्वालियर में इंद्रदेव अपनी कृपा नहीं बरसा रहे हैं. मानसून की मेहरबानी देश के अधिकांश हिस्सों पर जारी है और कई इलाकों में इसका कहर भी देखने को मिल रहा है, लेकिन ग्वालियर चंबल संभाग औसत बारिश से भी काफी पीछे चल रहा है. जुलाई महीने में अच्छी बारिश की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन बारिश बेहद कम बारिश हुई. अगस्त में भी अपेक्षा के अनुरूप बारिश का अधिकांश कोटा पूरा नहीं हुआ.

बिन बारिश के ग्वालियर परेशान
ग्वालियर में अभी तक सिर्फ 437 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि हर साल 26 अगस्त की तुलना में औसत बारिश 584 मिली मीटर रिकॉर्ड होती है. यानी अभी भी 146 मिलीमीटर बारिश औसत कोटे से कम है. वैसे अगस्त माह की कुल औसत बारिश 290 मिलीमीटर है, जिसमें अभी तक 240 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. आने वाले तीन दिनों में यह कोटा भी पूरा हो सकता है. गौरतलब है कि ग्वालियर में औसत बारिश का कोटा 790 मिलीमीटर है.

उत्तरी बंगाल खाड़ी में एक दिन पहले बना कम दबाव का क्षेत्र मंगलवार को भी आगे नहीं बढ़ा. इसका कारण इस सिस्टम का अनुकूल हवा नहीं मिलना है, जिस कारण अभी बंगाल की खाड़ी में ही सिस्टम ठहरा हुआ है. अगले 24 घंटे के दौरान सिस्टम के आगे बढ़ने की उम्मीद है. साथ ही उत्तर प्रदेश के ऊपर से गुजर रही ट्रफ लाइन भी बुधवार तक नीचे आ सकती है. इससे अंचल में 27 अगस्त से बारिश का दौर शुरू होने की संभावना फिलहाल जताई जा रही है. 28 अगस्त को अंचल में अच्छी बारिश की उम्मीद है.

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बन रहे नए सिस्टम के कारण औसत बारिश के करीब ग्वालियर पहुंच सकता है. इसके अलावा मुरैना, भिंड, दतिया, श्योपुर और शिवपुरी भी तर हो सकते हैं. उधर उत्तरी भारत के कई अलग-अलग जिलों में भी अच्छी बारिश की संभावना है. बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से 30 अगस्त तक ग्वालियर चंबल अंचल में अच्छी बारिश की संभावना जताई जा रही है.

ग्वालियर। अंचल में मानसून का रूठना लगातार जारी है, पिछले 4 दिनों से बारिश जैसा माहौल बनने के बाद भी ग्वालियर में इंद्रदेव अपनी कृपा नहीं बरसा रहे हैं. मानसून की मेहरबानी देश के अधिकांश हिस्सों पर जारी है और कई इलाकों में इसका कहर भी देखने को मिल रहा है, लेकिन ग्वालियर चंबल संभाग औसत बारिश से भी काफी पीछे चल रहा है. जुलाई महीने में अच्छी बारिश की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन बारिश बेहद कम बारिश हुई. अगस्त में भी अपेक्षा के अनुरूप बारिश का अधिकांश कोटा पूरा नहीं हुआ.

बिन बारिश के ग्वालियर परेशान
ग्वालियर में अभी तक सिर्फ 437 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि हर साल 26 अगस्त की तुलना में औसत बारिश 584 मिली मीटर रिकॉर्ड होती है. यानी अभी भी 146 मिलीमीटर बारिश औसत कोटे से कम है. वैसे अगस्त माह की कुल औसत बारिश 290 मिलीमीटर है, जिसमें अभी तक 240 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. आने वाले तीन दिनों में यह कोटा भी पूरा हो सकता है. गौरतलब है कि ग्वालियर में औसत बारिश का कोटा 790 मिलीमीटर है.

उत्तरी बंगाल खाड़ी में एक दिन पहले बना कम दबाव का क्षेत्र मंगलवार को भी आगे नहीं बढ़ा. इसका कारण इस सिस्टम का अनुकूल हवा नहीं मिलना है, जिस कारण अभी बंगाल की खाड़ी में ही सिस्टम ठहरा हुआ है. अगले 24 घंटे के दौरान सिस्टम के आगे बढ़ने की उम्मीद है. साथ ही उत्तर प्रदेश के ऊपर से गुजर रही ट्रफ लाइन भी बुधवार तक नीचे आ सकती है. इससे अंचल में 27 अगस्त से बारिश का दौर शुरू होने की संभावना फिलहाल जताई जा रही है. 28 अगस्त को अंचल में अच्छी बारिश की उम्मीद है.

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बन रहे नए सिस्टम के कारण औसत बारिश के करीब ग्वालियर पहुंच सकता है. इसके अलावा मुरैना, भिंड, दतिया, श्योपुर और शिवपुरी भी तर हो सकते हैं. उधर उत्तरी भारत के कई अलग-अलग जिलों में भी अच्छी बारिश की संभावना है. बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से 30 अगस्त तक ग्वालियर चंबल अंचल में अच्छी बारिश की संभावना जताई जा रही है.

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