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Gwalior High Court: HC में गलत बयान देकर मुश्किल में पड़े मुरैना SP, DGP से मांगा जवाब, समन और वारंटी तामिली को लेकर पूछे थे सवाल

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Published : Jul 31, 2022, 9:08 PM IST

हाई कोर्ट की एकलपीठ ने एक मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस विभाग विचाराधीन व्यक्ति की दुर्दशा को समझने के लिए तैयार नहीं है. अधिकारियों की लापरवाही के चलते वे जेल में बंद हैं. मुरैना एसपी को व्यक्तिगत पेशी पर हाई कोर्ट बुलाया गया था. इस दौरान उनसे कई सवाल पूछे गए, जिसपर एक जवाब को लेकर हाई कोर्ट उनसे नाराज हो गया है. (Morena SP in trouble by giving wrong statement)

Morena SP in trouble by giving wrong statement
गलत बयान देने से मुरैना एसपी मुश्किल में

ग्वालियर। हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच ने गवाहों को वारंट और समन की तामिली में हो रही देरी को लेकर मुरैना पुलिस अधीक्षक से कड़ी नाराजगी जताई है. खास बात यह है कि सुनवाई के दौरान मुरैना एसपी आशुतोष बागरी को व्यक्तिगत पेशी पर हाई कोर्ट बुलाया गया था, लेकिन उनके एक जवाब से कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया कि वे हर मामला व्यक्तिगत तौर पर नहीं देख सकते हैं. इसके लिए वे मासिक समीक्षा अपने अधिकारियों के साथ करते हैं.(Gwalior High Court)

अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी: वारंटी तामिली और समन का काम अनुविभागीय अधिकारियों को सौंपा जाता है. हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह के प्रकरणों में डीजीपी के स्पष्ट आदेश हैं कि वारंट तामिली की समीक्षा करना पुलिस अधीक्षक का काम है, लेकिन अभी तक आपने डीजीपी का सर्कुलर क्यों नहीं पढ़ा है? यह समझ से परे है. इस तरह के मामलों में मुरैना पुलिस की पहले भी हाई कोर्ट खिंचाई कर चुका है. अब हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रदेश के पुलिस मुखिया डीजीपी से स्पष्टीकरण देने को कहा है. मामले की सुनवाई 16 अगस्त को होगी.(Gwalior High Court asked questions from DGP)

Gwalior High Court: स्वास्थ्य आयुक्त पर 50 हजार का जुर्माना, याचिकाकर्ता को भी देनी होगी आधी राशी

क्या है पूरा मामला: यह मामला मुरैना जिले से जुड़ा है. यहां पदम सिंह की जमानत याचिका दायर की गई थी. वह डेढ़ साल से जेल में बंद है. गवाहों को समन और वारंट तामील को लेकर हाईकोर्ट ने एसपी से सवाल पूछा था कि आपके जिले में वारंट और समन की तामिली क्यों नहीं हो पा रही है. इस पर उन्होंने कहा था कि अनुविभागीय स्तर के अधिकारी इस तरह के मामलों को देखते हैं, वह उन्हें रिपोर्ट करते हैं. खास बात यह है कि समन जमानती और गिरफ्तारी वारंट को तामील कराने के संबंध में पुलिस मुख्यालय के जारी सर्कुलर की जानकारी एसपी से कोर्ट ने चाही तो वे कागजात देखने लगे. उन्होंने इस बात को भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के इस मामले में आदेश जारी हुए हैं. अब डीजीपी को वारंट तामिली और समन भेजने के मामले में अपना रुख कोर्ट में साफ करना होगा.(Morena SP in trouble by giving wrong statement)

ग्वालियर। हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच ने गवाहों को वारंट और समन की तामिली में हो रही देरी को लेकर मुरैना पुलिस अधीक्षक से कड़ी नाराजगी जताई है. खास बात यह है कि सुनवाई के दौरान मुरैना एसपी आशुतोष बागरी को व्यक्तिगत पेशी पर हाई कोर्ट बुलाया गया था, लेकिन उनके एक जवाब से कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया कि वे हर मामला व्यक्तिगत तौर पर नहीं देख सकते हैं. इसके लिए वे मासिक समीक्षा अपने अधिकारियों के साथ करते हैं.(Gwalior High Court)

अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी: वारंटी तामिली और समन का काम अनुविभागीय अधिकारियों को सौंपा जाता है. हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह के प्रकरणों में डीजीपी के स्पष्ट आदेश हैं कि वारंट तामिली की समीक्षा करना पुलिस अधीक्षक का काम है, लेकिन अभी तक आपने डीजीपी का सर्कुलर क्यों नहीं पढ़ा है? यह समझ से परे है. इस तरह के मामलों में मुरैना पुलिस की पहले भी हाई कोर्ट खिंचाई कर चुका है. अब हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रदेश के पुलिस मुखिया डीजीपी से स्पष्टीकरण देने को कहा है. मामले की सुनवाई 16 अगस्त को होगी.(Gwalior High Court asked questions from DGP)

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क्या है पूरा मामला: यह मामला मुरैना जिले से जुड़ा है. यहां पदम सिंह की जमानत याचिका दायर की गई थी. वह डेढ़ साल से जेल में बंद है. गवाहों को समन और वारंट तामील को लेकर हाईकोर्ट ने एसपी से सवाल पूछा था कि आपके जिले में वारंट और समन की तामिली क्यों नहीं हो पा रही है. इस पर उन्होंने कहा था कि अनुविभागीय स्तर के अधिकारी इस तरह के मामलों को देखते हैं, वह उन्हें रिपोर्ट करते हैं. खास बात यह है कि समन जमानती और गिरफ्तारी वारंट को तामील कराने के संबंध में पुलिस मुख्यालय के जारी सर्कुलर की जानकारी एसपी से कोर्ट ने चाही तो वे कागजात देखने लगे. उन्होंने इस बात को भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के इस मामले में आदेश जारी हुए हैं. अब डीजीपी को वारंट तामिली और समन भेजने के मामले में अपना रुख कोर्ट में साफ करना होगा.(Morena SP in trouble by giving wrong statement)

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