ग्वालियर। प्रदेश के संस्कृति विभाग और उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत और कला अकादमी हर साल तानसेन समारोह का आयोजन करती है. साल 2021-22 के तानसेन समारोह की शुरूआत होने में महज 10 दिन बचे हैं, लेकिन अभी तक समारोह की तैयारी भी शुरू नहीं की गई है, ना ही कलाकार फाइनल किए गए हैं और ना ही किसे तानसेन अलंकरण सम्मान दिया जाएगा, यह तय किया जा सका है. हालांकि प्रशासनिक अधिकारी और संभागायुक्त अफसरों और कर्मचारियों के साथ बैठक कर तैयारियां तेज किए जाने की हिदायत दे चुके हैं.
तानसेन समारोह की खासियत
तानसेन संगीत समारोह हर साल दिसंबर के महीने में ग्वालियर जिले के बेहट गांव में मनाया जाता है. यह समारोह इस साल 26 दिसंबर से लेकर 30 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा. विश्व विख्यात तानसेन समारोह में दुनिया भर से कलाकार और संगीत प्रेमी यहां पर महान भारतीय संगीत सम्राट तानसेन को श्रद्धांजलि देने के लिए जमा होते हैं. समारोह का आयोजन तानसेन के मकबरे के पास आयोजित किया जाता है. इस समारोह में पूरे भारत से कलाकारों को गायन और वाद्य प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित किया जाता है.
"गमक" कार्यक्रम का आयोजन
पिछले साल कोरोना की वजह से समारोह का आयोजन बहुत छोटे स्तर पर किया गया था, लेकिन इस बार समारोह फिर से अपने वैभव में लौटेगा. तानसेन समारोह न केवल पहले की तुलना में अधिक भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा, बल्कि इस बार इस समारोह में कई चीजें नई भी देखने को मिलेगी. 25 दिसंबर यानी की तानसेन समारोह की पूर्व संध्या को उप शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम "गमक" का आयोजन भी किया जाएगा. यह सालाना समारोह संगीत सम्राट तानसेन को श्रद्धांजलि देने के लिए पिछले 96 साल से आयोजित किया जा रहा है.