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कोरोना काल में वकीलों की हालत खराब, रोजी-रोटी के लिए खड़ा हुआ संकट

कोरोना काल में ग्वालियर भी प्रदेश के प्रभावित शहरों में से एक रहा है, लॉकडाउन और उसके बाद से यहां हाईकोर्ट में काम करने वाले वकीलों का काम भी पूरी तरह से बंद है, इसके अलावा केस की पेंडिंग भी बढ़ती जा रही है.

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खाली पड़ा वकीलों का वर्क स्टेशन
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Published : Jul 22, 2020, 9:24 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 3:02 PM IST

ग्वालियर। कोरोना वायरस के चलते मार्च के माह से ही पूरे देश भर में लॉकडाउन लगने के कारण पूरे देश भर की अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो चुकी है और इसमें कोई भी ऐसा नहीं है, जिसकी हालत खराब ना हो. इसमें एक समुदाय वकीलों का भी है, जो बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कोरोना काल में वकीलों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ग्वालियर हाईकोर्ट और जिला कोर्ट में 4 से 5 हजार वकील काम करते हैं. सभी वकील इस समय बेरोजगार बैठे हुए हैं, क्योंकि इस समय कोरोना के चलते कोर्ट में केवल अर्जेंट मामलों की सुनवाई हो रही हैं.

वकीलों की हालत खराब

ग्वालियर हाईकोर्ट और जिला कोर्ट में वकील इस समय पूरी तरह से बेरोजगार हैं. खासकर जो युवा वकील हैं. उन पर सबसे ज्यादा रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है, क्योंकि इन युवा वकील पर रोजगार का कोई दूसरा साधन नहीं है. सबसे ज्यादा बुरी स्थिति छोटे वकीलों की है, जो रोज काम करके दो वक्त की रोटी के लिए पैसा कमाते थे. उनके पास जो क्लाइंट आते थे, वह इस संक्रमण में पूरी तरह से बंद हो चुके हैं, क्योंकि हाईकोर्ट में इस समय अर्जेंट मामलों की सुनवाई हो रही है. इसके अलावा कोई भी सुनवाई किसी भी मामले की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. यही वजह है कि जिले में जितने भी वकील हैं, वह इस समय पूरी तरह से बेरोजगार हो चुके हैं.

इस संक्रमण काल में हजारों केस पेंडिंग हो चुके हैं, जिस वजह से लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हाईकोर्ट में काम करने वाले वकील संजय शर्मा का कहना है, इस लॉकडाउन की वजह से वकील पूरी तरह से टूट चुके हैं. उनका रोजगार पूरी तरह से छिन चुका है, दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज हो रहे हैं. करीब 700 ऐसे युवा वकील हैं, जिन्होंने हाल में ही रोजगार पाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. लेकिन उनका रोजगार शुरू होने से पहले ही छिन चुका है.

वकीलों का कहना है कि जिस तरह से सरकार सभी समुदाय की मदद कर रही है. वैसे ही वकीलों के लिए भी कोई सहायता करनी चाहिए और मदद के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान करना चाहिए.

हाईकोर्ट एसोसिएशन बार के अध्यक्ष वकील विनोद भारद्वाज का कहना है, इस लॉकडाउन के चलते सभी वकीलों की हालत खराब हो चुकी है. उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ चुका है. जो छोटे वकील और युवा वकील हैं, उनकी हालत बहुत खराब है. ऐसे में सरकार को इनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए, क्योंकि वकील भी समाज का एक हिस्सा है. उनका कहना है कि ग्वालियर चंबल-अंचल में लगातार संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इस कारण फिलहाल कोई उम्मीद नहीं की जा सकती कि जो वकीलों का कार्य को सुचारू रूप से पहले जैसा सामान हो पाये.

ग्वालियर। कोरोना वायरस के चलते मार्च के माह से ही पूरे देश भर में लॉकडाउन लगने के कारण पूरे देश भर की अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो चुकी है और इसमें कोई भी ऐसा नहीं है, जिसकी हालत खराब ना हो. इसमें एक समुदाय वकीलों का भी है, जो बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कोरोना काल में वकीलों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ग्वालियर हाईकोर्ट और जिला कोर्ट में 4 से 5 हजार वकील काम करते हैं. सभी वकील इस समय बेरोजगार बैठे हुए हैं, क्योंकि इस समय कोरोना के चलते कोर्ट में केवल अर्जेंट मामलों की सुनवाई हो रही हैं.

वकीलों की हालत खराब

ग्वालियर हाईकोर्ट और जिला कोर्ट में वकील इस समय पूरी तरह से बेरोजगार हैं. खासकर जो युवा वकील हैं. उन पर सबसे ज्यादा रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है, क्योंकि इन युवा वकील पर रोजगार का कोई दूसरा साधन नहीं है. सबसे ज्यादा बुरी स्थिति छोटे वकीलों की है, जो रोज काम करके दो वक्त की रोटी के लिए पैसा कमाते थे. उनके पास जो क्लाइंट आते थे, वह इस संक्रमण में पूरी तरह से बंद हो चुके हैं, क्योंकि हाईकोर्ट में इस समय अर्जेंट मामलों की सुनवाई हो रही है. इसके अलावा कोई भी सुनवाई किसी भी मामले की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. यही वजह है कि जिले में जितने भी वकील हैं, वह इस समय पूरी तरह से बेरोजगार हो चुके हैं.

इस संक्रमण काल में हजारों केस पेंडिंग हो चुके हैं, जिस वजह से लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हाईकोर्ट में काम करने वाले वकील संजय शर्मा का कहना है, इस लॉकडाउन की वजह से वकील पूरी तरह से टूट चुके हैं. उनका रोजगार पूरी तरह से छिन चुका है, दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज हो रहे हैं. करीब 700 ऐसे युवा वकील हैं, जिन्होंने हाल में ही रोजगार पाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. लेकिन उनका रोजगार शुरू होने से पहले ही छिन चुका है.

वकीलों का कहना है कि जिस तरह से सरकार सभी समुदाय की मदद कर रही है. वैसे ही वकीलों के लिए भी कोई सहायता करनी चाहिए और मदद के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान करना चाहिए.

हाईकोर्ट एसोसिएशन बार के अध्यक्ष वकील विनोद भारद्वाज का कहना है, इस लॉकडाउन के चलते सभी वकीलों की हालत खराब हो चुकी है. उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ चुका है. जो छोटे वकील और युवा वकील हैं, उनकी हालत बहुत खराब है. ऐसे में सरकार को इनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए, क्योंकि वकील भी समाज का एक हिस्सा है. उनका कहना है कि ग्वालियर चंबल-अंचल में लगातार संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इस कारण फिलहाल कोई उम्मीद नहीं की जा सकती कि जो वकीलों का कार्य को सुचारू रूप से पहले जैसा सामान हो पाये.

Last Updated : Jul 23, 2020, 3:02 PM IST
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