ग्वालियर। वियज दशमी के अवसर पर सिंधिया राज परिवार अपनी शाही परंपरा के मुताबिक दशहरे का पर्व मनाया. सिंधिया राजवंश के ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके बेटे आर्यमन सिंधिया ने मंगलवार को ग्वालियर में राजसी पोशाक में सिंधिया पैलेस से माढरे की माता के पास स्थित मैदान पहुंचे, जहां पहले से मौजूद राज परिवार के सदस्यों ने ट्रेडिशनल ड्रेस में कार्निस बजाकर उनका स्वागत किया. बाद में राज पुरोहितों ने शमी का पूजन कराया.
शमी पूजन के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी तलवार से शमी के पौधे को स्पर्श किया, इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने शमी के पत्ते लूटकर एक-दूसरे को दशहरा पर्व की शुभकामनाएं दी.
राज घराने की शमी पूजा है खास
दशहरे पर शमी पूजा के आयोजन के पीछे सिंधिया राजवंश के परिवार की कहानी है कि जब देश में अंग्रेजों का शासन था, उस दौरान दशहरे के मौके पर महल में ब्रिटिश रेसिडेंट आता था और इसके नेतृत्व में पास ही स्थित पहाड़ी पर 101 तोपों की सलामी दी जाती थी, जिसके बाद पूजा पूरी होती थी. हालांकि, आजादी के बाद ये परंपरा तो खत्म हो गई, लेकिन सिंधिया राज परिवार इस परंपरागत और शाही अंदाज में दशहरा मनाता चला आ रहा है. राज परिवार के दशहरे की ये लगभग 400 साल पुरानी परंपरा है.