ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर को नोएडा और गुरुग्राम की तर्ज पर बड़ी-बड़ी कंपनियों को लाकर आईटी पार्क बनाया गया था, सरकार ने दावे भी किए थे कि इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर का आईटी पार्क सबसे बेहतर होगा, जो हजारों युवाओं को रोजगार देगा. लेकिन मार्च 2020 के बाद आईटी पार्क पूरी तरह से वीरान पड़ा हुआ है, जिस पर अब सियासत होने लगी है. कांग्रेस का आरोप है कि अगर आईटी पार्क व्यवस्थित रूप से डेवलप किया जाता तो आज यह हालात नहीं होते. (IT Park Gwalior)
सीएम के दावे पड़े फीके: ग्वालियर के ए बी रोड के पास बना आईटी पार्क पिछले 2 साल से पूरी तरह वीरान पड़ा है, इस आईटी पार्क की स्थापना प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 अक्टूबर 2012 को की थी. तब बड़ी-बड़ी आईटी कंपनी को लाने और उनकी दम पर हजारों की संख्या में आईटी एक्सपर्ट के लिए जॉब पैदा करने के दावे किए थे, लेकिन बड़ी मुश्किल से दो कंपनियां ही यहां आ पाई थीं और मार्च 2020 में जैसे ही कोरोना की पहली लहर आई और लॉकडाउन लगा तो यह दोनों बीपीओ कंपनी अपना बोरिया-बिस्तर समेटकर यहां से चलती बनी. अब एक लाख वर्ग फीट एरिया में बना कैंपस वीरान पड़ा हुआ है.
जिला प्रशासन का ये कहना: एयरटेल के अलावा इसी तरह यहां आइडिया सेल्यूलर कंपनी का एक कम्युनिकेशन सेंटर भी खुला हुआ था, लेकिन मार्च 2020 में लॉकडाउन लगते ही यह दोनों कंपनियां भी यहां से चली गई. यह दोनों कंपनी में काम करने वाले युवक युवती बेरोजगार हो गए, वहीं इस आईटी पार्क को लेकर अब जिला प्रशासन कह रहा है कि बड़ी कंपनियों को लाने का इसमें प्रयास किया जा रहा है. कोरोना में यह पूरा प्लान फेल हो गया, लेकिन फिर से अब इस आईटी पार्क में कंपनियां बताने का प्लान तैयार कर लिया है जल्द ही इस में कंपनियां आऐंगी.
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कांग्रेस का कही ये बात: वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद जब हालात कुछ सुधरे तो मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम जो इस आईटी पार्क को संचालित करता है, उसने बड़े-बड़े दावे किए. निगम के अधिकारियों ने कहा कि वे आईटी पार्क को उसके मकसद के अनुरूप बड़ी आईटी कंपनियों को लेकर ग्वालियर के आईटी प्रोफेशनल्स को यहीं पर रोजगार दिलाएंगे. आरपी सिंह ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों ने नोएडा, गुरुग्राम और दिल्ली की आईटी कंपनियों को ग्वालियर आईटी पार्क में लाने के लिए लंबित करने की बातें कहीं, लेकिन अब तक इस मामले में कुछ भी नहीं हुआ.
ग्वालियर आईटी पार्क:
- 30 करोड़ रूपए की लागत से इस आईटी पार्क को खड़ा किया गया था.
- इंदौर और जबलपुर के आईटी पार्क की तुलना में ग्वालियर के आईटी पार्क में कोई प्लॉट नहीं दिए गए.
- यहां पर एक लाख वर्ग फीट एरिया में आईटी पार्क की 4 मंजिला इमारत तैयार की गई.
- इसमें हर फ्लोर का एरिया 20 हजार वर्ग फीट का है और उसे ही सर्व सुविधा युक्त करके किराए पर दिए जाने की व्यवस्था की गई.
- साल 2019 तक यहां पर एयरटेल कंपनी को बीपीओ सर्विस देने वाली कंपनी कर्वी भी काम कर रही थी, कार्वी कंपनी के बीपीओ में करीब 1200 आईटी प्रोफेशनल काम कर रहे थे.