ग्वालियर। शहर में संचालित कोचिंग संस्थानों पर ग्वालियर की हाईकोर्ट बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नगर-निगम को यह पता लगाने के निर्देश दिए है कि शहर के कोचिंग सेंटरों, नर्सिंग होम, मॉल्स, व्यवसायिक संस्थान में आपातकालीन सिथ्ति से बचने के क्या साधन है.
गुजरात के सूरत में हुए हादसे के बाद ग्वालियर के भी शैक्षणिक संस्थानों में आगजनी से बचने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं. कई कोचिंग संस्थान गली कूचों में चल रही है यहां आपात स्थिति में फायर बिग्रेड और दूसरी मदद भी नहीं पहुंचाई जा सकती है. इसे लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई थी. हाई कोर्ट ने नगर निगम से बड़े बिजनेस संस्थान, कोचिंग और अस्पतालों की सूची तलब की है जो व्यापक स्तर पर संचालित है और आपात स्थिति में आगजनी से बचने दमकल के पहुंचने और निकास के क्या इंतजामात हैं. इसके बारे में जानकारी ली है.
एक स्थानीय नागरिक द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर पिछली बार हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किए थे और निगम से फायर सेफ्टी को लेकर जवाब मांगा था. अब हाईकोर्ट ने ऐसे संस्थानों की सूची मांगी है और वहां निगम अथवा संस्थान संचालकों की ओर से आपात स्थिति से निपटने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं इसका जवाब नगर निगम को अवकाश खत्म होने के बाद हाईकोर्ट को सौंपना है.