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कोचिंग सेंटर में फायर सेफ्टी के क्या हैं इंतजाम, ग्वालियर हाईकोर्ट ने नगर-निगम से मांगा जवाब - ग्वालियर

ग्वालियर हाईकोर्ट बेंच ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर नगर-निगम को शहर के कोचिंग संस्थान के साथ-साथ अन्य निजी संस्थानों में फायर सेफ्टी के क्या इंतजाम है. इस बात के पता लगाकर हाईकोर्ट को बताया जाए. .

ग्वालियर हाईकोर्ट
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Published : Jun 6, 2019, 11:45 PM IST

Updated : Jun 6, 2019, 11:50 PM IST

ग्वालियर। शहर में संचालित कोचिंग संस्थानों पर ग्वालियर की हाईकोर्ट बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नगर-निगम को यह पता लगाने के निर्देश दिए है कि शहर के कोचिंग सेंटरों, नर्सिंग होम, मॉल्स, व्यवसायिक संस्थान में आपातकालीन सिथ्ति से बचने के क्या साधन है.

ग्वालियर हाईकोर्ट ने नगर-निगम से मांगा जवाब

गुजरात के सूरत में हुए हादसे के बाद ग्वालियर के भी शैक्षणिक संस्थानों में आगजनी से बचने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं. कई कोचिंग संस्थान गली कूचों में चल रही है यहां आपात स्थिति में फायर बिग्रेड और दूसरी मदद भी नहीं पहुंचाई जा सकती है. इसे लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई थी. हाई कोर्ट ने नगर निगम से बड़े बिजनेस संस्थान, कोचिंग और अस्पतालों की सूची तलब की है जो व्यापक स्तर पर संचालित है और आपात स्थिति में आगजनी से बचने दमकल के पहुंचने और निकास के क्या इंतजामात हैं. इसके बारे में जानकारी ली है.

एक स्थानीय नागरिक द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर पिछली बार हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किए थे और निगम से फायर सेफ्टी को लेकर जवाब मांगा था. अब हाईकोर्ट ने ऐसे संस्थानों की सूची मांगी है और वहां निगम अथवा संस्थान संचालकों की ओर से आपात स्थिति से निपटने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं इसका जवाब नगर निगम को अवकाश खत्म होने के बाद हाईकोर्ट को सौंपना है.

ग्वालियर। शहर में संचालित कोचिंग संस्थानों पर ग्वालियर की हाईकोर्ट बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नगर-निगम को यह पता लगाने के निर्देश दिए है कि शहर के कोचिंग सेंटरों, नर्सिंग होम, मॉल्स, व्यवसायिक संस्थान में आपातकालीन सिथ्ति से बचने के क्या साधन है.

ग्वालियर हाईकोर्ट ने नगर-निगम से मांगा जवाब

गुजरात के सूरत में हुए हादसे के बाद ग्वालियर के भी शैक्षणिक संस्थानों में आगजनी से बचने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं. कई कोचिंग संस्थान गली कूचों में चल रही है यहां आपात स्थिति में फायर बिग्रेड और दूसरी मदद भी नहीं पहुंचाई जा सकती है. इसे लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई थी. हाई कोर्ट ने नगर निगम से बड़े बिजनेस संस्थान, कोचिंग और अस्पतालों की सूची तलब की है जो व्यापक स्तर पर संचालित है और आपात स्थिति में आगजनी से बचने दमकल के पहुंचने और निकास के क्या इंतजामात हैं. इसके बारे में जानकारी ली है.

एक स्थानीय नागरिक द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर पिछली बार हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किए थे और निगम से फायर सेफ्टी को लेकर जवाब मांगा था. अब हाईकोर्ट ने ऐसे संस्थानों की सूची मांगी है और वहां निगम अथवा संस्थान संचालकों की ओर से आपात स्थिति से निपटने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं इसका जवाब नगर निगम को अवकाश खत्म होने के बाद हाईकोर्ट को सौंपना है.

Intro:ग्वालियर
हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने बिना फायर सेफ्टी के संचालित कोचिंग संस्थान से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि वह शहर में निजी नर्सिंग होम ,मॉल और व्यवसायिक संस्थान एवं कोचिंग सेंटरों की सूची हाई कोर्ट में पेश करें और यह भी बताए कि वहां आगजनी जैसी आपात स्थिति में बचने के क्या उपाय हैं।


Body:दरअसल हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि गुजरात के सूरत में हुए हादसे के बाद ग्वालियर के भी शैक्षणिक संस्थानों में आगजनी से बचने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। कई कोचिंग संस्थान गली कूचों में चल रही है यहां आपात स्थिति में फायर बिग्रेड और दूसरी मदद भी नहीं पहुंचाई जा सकती है। इसे लेकर हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई हाई कोर्ट ने नगर निगम से बड़े बिजनेस संस्थान, कोचिंग और अस्पतालों की सूची तलब की है जो व्यापक स्तर पर संचालित है और आपात स्थिति में आगजनी से बचने दमकल के पहुंचने और निकास के क्या इंतजामात हैं।


Conclusion:एक स्थानीय नागरिक द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर पिछली बार हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किए थे और निगम से फायर सेफ्टी को लेकर जवाब मांगा था अब हाईकोर्ट ने ऐसे संस्थानों की सूची मांगी है और वहां निगम अथवा संस्थान संचालकों की ओर से आपात स्थिति से निपटने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं इसका जवाब नगर निगम को अवकाश खत्म होने के बाद हाईकोर्ट को सौंपना है।
बाइट प्रबल प्रताप सोलंकी ...याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
Last Updated : Jun 6, 2019, 11:50 PM IST
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