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Har Ghar Tiranga: मध्य भारत में सिर्फ ग्वालियर में तैयार होता है हमारा राष्ट्रीय ध्वज, 3 कैटेगरी के बनते हैं यहां तिरंगे

इस समय पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. सरकार हर घर तिरंगा फहराने का अभियान चला रही है. ऐसे में क्या आपको पता है कि हमारे देश की शान तिरंगा मध्य भारत में कहां तैयार होता है उसे कैसे बनाया जाता है.(Har Ghar Tiranga campaign)

Har Ghar Tiranga In Central India our national flag is made only by Gwalior Madhya Bharat Khadi Sangh
मध्य भारत में सिर्फ ग्वालियर में तैयार होता है हमारा राष्ट्रीय ध्वज
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Published : Aug 8, 2022, 10:48 PM IST

Updated : Aug 8, 2022, 11:00 PM IST

ग्वालियर। देश की आन, बान और शान है हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा. इसका निर्माण बहुत ही अनोखे तरीके से किया जाता है. सबसे खास बात यह है कि आजादी के इतने साल बाद भी ग्वालियर आजाद हिंदुस्तान की शान तिरंगा का निर्माण करके अभी भी पूरे देश में अपना नाम रौशन कर रहा है. ग्वालियर में स्थित मध्य भारत खादी संघ हमारी राष्ट्रीयता का निर्माण करता है. राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण करने वाली ये भारत में तीसरी संस्था है. भारत में सिर्फ कर्नाटक के हुबली, मुंबई और ग्वालियर में यह खादी संघ संस्था हमारे राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण करती है. ग्वालियर की इस संस्था से बना हमारा राष्ट्रीय ध्वज देश के अलग-अलग कोनों में सप्लाई होता है और यहां हर साल लगभग 1 से 2 करोड़ रुपए के तिरंगे का निर्माण होता है, लेकिन आजादी के अमृत महोत्सव में तिरंगों के निर्माण में चार गुनी वृद्धि हो गई है. (75 Years Of Independence)

मध्य भारत में सिर्फ ग्वालियर में तैयार होता है हमारा राष्ट्रीय ध्वज

9 मानकों को ध्यान में रखकर तैयार होता है तिरंगा: ग्वालियर मध्य भारत खादी संघ में तीन कैटेगरी के तिरंगे तैयार किए जा रहे हैं. इसमें 2×3 फीट, 6×4 फीट, 3×4.5 फीट के झंडे शामिल हैं. राष्ट्रीय ध्वज बनाने के लिए तय मानकों का ख्याल रखा जाता है जिसमें कपड़े की क्वालिटी, रंग, चक्र का साइज जैसे मानक शामिल हैं. खादी संघ के लैब में इन सभी चीजों का टेस्ट किया जाता है. कुल 9 मानकों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय ध्वज तैयार होता है. राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने वाले कारीगरों का कहना है कि- "तिरंगे तैयार करने में हम गर्व महसूस करते हैं, क्योंकि ये देश की आन, बान और शान है. हम अपने आप को खुशकिस्मत समझते हैं कि रोजगार के साथ-साथ हम तिरंगे का भी निर्माण कर रहे हैं. " (Har Ghar Tiranga)

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देश में मात्र तीन जगह राष्ट्रीय ध्वज तैयार किया जाता है. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ने राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने के 3 दस्तावेज जारी किये हैं. इसमें कहा जाता है कि सभी झंडे खादी, सिल्क कॉटन के होंगे और मानकों के अनुसार ही बनेंगे. यही वजह है कि देश में तीन जगह मुंबई, हुबली और ग्वालियर में राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण होता है. राष्ट्रीय ध्वज निर्माण इकाई की प्रभारी नीलू सिंह का कहना है कि - "राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण के समय सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जाता है और इसके साथ ही ग्वालियर की संस्था पूरी तरह शुद्ध खादी से तिरंगों का निर्माण करती है. यही वजह है कि ग्वालियर का बना यह तिरंगा 15 अगस्त, 26 जनवरी और संविधान दिवस के समय देश के अलग-अलग 20 राज्यों में सप्लाई होता है. अबकी बार अमृत महोत्सव को लेकर तिरंगे की भारी डिमांड है. हालात यह है कि हमारी संस्था ऑर्डरों की पूर्ति नहीं कर पा रही है " . (Har Ghar Tiranga campaign)(Gwalior Madhya Bharat Khadi Sangh)(Azadi ka Amrit Mahotsav)

ग्वालियर। देश की आन, बान और शान है हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा. इसका निर्माण बहुत ही अनोखे तरीके से किया जाता है. सबसे खास बात यह है कि आजादी के इतने साल बाद भी ग्वालियर आजाद हिंदुस्तान की शान तिरंगा का निर्माण करके अभी भी पूरे देश में अपना नाम रौशन कर रहा है. ग्वालियर में स्थित मध्य भारत खादी संघ हमारी राष्ट्रीयता का निर्माण करता है. राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण करने वाली ये भारत में तीसरी संस्था है. भारत में सिर्फ कर्नाटक के हुबली, मुंबई और ग्वालियर में यह खादी संघ संस्था हमारे राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण करती है. ग्वालियर की इस संस्था से बना हमारा राष्ट्रीय ध्वज देश के अलग-अलग कोनों में सप्लाई होता है और यहां हर साल लगभग 1 से 2 करोड़ रुपए के तिरंगे का निर्माण होता है, लेकिन आजादी के अमृत महोत्सव में तिरंगों के निर्माण में चार गुनी वृद्धि हो गई है. (75 Years Of Independence)

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9 मानकों को ध्यान में रखकर तैयार होता है तिरंगा: ग्वालियर मध्य भारत खादी संघ में तीन कैटेगरी के तिरंगे तैयार किए जा रहे हैं. इसमें 2×3 फीट, 6×4 फीट, 3×4.5 फीट के झंडे शामिल हैं. राष्ट्रीय ध्वज बनाने के लिए तय मानकों का ख्याल रखा जाता है जिसमें कपड़े की क्वालिटी, रंग, चक्र का साइज जैसे मानक शामिल हैं. खादी संघ के लैब में इन सभी चीजों का टेस्ट किया जाता है. कुल 9 मानकों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय ध्वज तैयार होता है. राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने वाले कारीगरों का कहना है कि- "तिरंगे तैयार करने में हम गर्व महसूस करते हैं, क्योंकि ये देश की आन, बान और शान है. हम अपने आप को खुशकिस्मत समझते हैं कि रोजगार के साथ-साथ हम तिरंगे का भी निर्माण कर रहे हैं. " (Har Ghar Tiranga)

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देश में मात्र तीन जगह राष्ट्रीय ध्वज तैयार किया जाता है. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ने राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने के 3 दस्तावेज जारी किये हैं. इसमें कहा जाता है कि सभी झंडे खादी, सिल्क कॉटन के होंगे और मानकों के अनुसार ही बनेंगे. यही वजह है कि देश में तीन जगह मुंबई, हुबली और ग्वालियर में राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण होता है. राष्ट्रीय ध्वज निर्माण इकाई की प्रभारी नीलू सिंह का कहना है कि - "राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण के समय सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जाता है और इसके साथ ही ग्वालियर की संस्था पूरी तरह शुद्ध खादी से तिरंगों का निर्माण करती है. यही वजह है कि ग्वालियर का बना यह तिरंगा 15 अगस्त, 26 जनवरी और संविधान दिवस के समय देश के अलग-अलग 20 राज्यों में सप्लाई होता है. अबकी बार अमृत महोत्सव को लेकर तिरंगे की भारी डिमांड है. हालात यह है कि हमारी संस्था ऑर्डरों की पूर्ति नहीं कर पा रही है " . (Har Ghar Tiranga campaign)(Gwalior Madhya Bharat Khadi Sangh)(Azadi ka Amrit Mahotsav)

Last Updated : Aug 8, 2022, 11:00 PM IST
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