ग्वालियर। शहर की यातायात व्यवस्था को नई दिशा देने के लिए स्वर्णरेखा नदी पर एलिवेटेड रोड बनाई जा रही है. इस एलिवेटेड रोड के बनने के बाद ऐसा दावा किया जा रहा है कि, शहर में जो ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है उसमें सुधार आएगा और ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा.
टेंडर प्रक्रिया होगी शुरू
शहर के बीचो-बीच गुजरने वाली स्वर्णरेखा नदी पर यह एलिवेटेड रोड की लंबाई लगभग 14 किलोमीटर रखी गई है. यह रोड लगभग 850 करोड़ रुपए की लागत से दो चरणों में बनाई जाएगी. इसको लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है, और केंद्र से लगभग 406 करोड रुपए मिल चुके हैं. जल्द ही शहर के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. इस प्रोजेक्ट को लेकर कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है.
दो फेस में होगा काम
एलिवेटेड रोड के लिए दो फेस में निर्माण किया जाएगा, इसमें पहले फेस में रानी लक्ष्मी बाई समाधि से लेकर ट्रिपल आईटीएम तक की रोड बनेगी वहीं दूसरी फेस में गिरवाई से लेकर रानी लक्ष्मी बाई समाधि स्थल तक सड़क का निर्माण किया जाएगा.
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कम होगा ट्रैफिक दबाव
स्वर्णरेखा नदी पर एलिवेटेड रोड बनाने का मुख्य उद्देश्य शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करना है. साथ ही रोड बनने से नाके से फूलबाग तक के मौजूदा मार्ग पर 60% तक यातायात का दबाव कम होगा, क्योंकि फोरलेन वाले फ्लाईओवर पर बड़ी संख्या में गाड़ियां आसानी से आ जा सकेंगी. इससे न सिर्फ शहर के अंदर बल्कि के बाहर यातायात का दबाव कम होगा.
यह है इतिहास
स्वर्ण नदी का इतिहास सिंधिया रियासत कालीन का है. सिंधिया रियासत कालीन के दौरान इस स्वर्णरेखा नदी को लंदन की थेम्स नदी की तर्ज पर बनाया गया था और उस समय इस नदी में स्वच्छ पानी बहता था, जिससे शहर के लोगों की प्यास बुझ सके. फिलहाल इस स्वर्णरेखा नदी में स्वच्छ पानी की जगह गंदे नाले का पानी बह रहा है. नदी के आसपास औद्योगिक क्षेत्र और घरों से निकलने वाला गंदा पानी में नदी में आ रहा है, इस कारण यह नदी अब गंदे नाले में तब्दील हो चुकी है.