ग्वालियर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वर साधक संगम यानी घोष शिविर (ghosh camp) का गुरूवार को ग्वालियर (gwalior) में शुभारंभ हुआ. 4 दिन तक चलने वाले इस शिविर में मध्य भारत प्रांत के 31 जिलों की 500 से अधिक स्वर साधक शामिल होंगे. शिविर में संघ प्रमुख मोहन भागवत (mohan bhagwat)भी शामिल होंगे वे आज शाम को यहां पहुंचेंगे. वे 3 दिन तक शिविर में मौजूद रहेंगे. आरएसएस के इस शिविर में सीएम शिवराज सिंह (cm shivraj singh), केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) और नरेंद्र सिंह तोमर (narendra singh tomar) भी शामिल होंगे.
आज पथ संचलन
शिविर में शामिल होने वाले स्वर साधक आज पथ संचलन भी निकालेंगे. यह महारानी लक्ष्मी बाई की समाधि से अचलेश्वर महादेव मंदिर तक होगा. संघ के इस स्वर साधक शिविर का उद्देश्य संगीत प्रेमी और आम लोगों को भारतीय शास्त्रीय संगीत से रूबरू कराना है. कार्यक्रम स्थल पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है जिसमें भारतीय शास्त्रीय संगीत के विभिन्न वाद्य यंत्रों को रखा गया है. यह प्रदर्शनी आम लोगों के लिए भी खुली रहेगी. बताया जा रहा है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत (mohan bhagwat) जीवाजी यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में छात्रों से बातचीत भी कर सकते हैं. कार्यक्रम के समापन समारोह में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh) सहित अन्य मंत्री भी शामिल हो सकते हैं.
घोष की यात्रा का होगा प्रसारण
इस स्वर साधक संगम में मध्य भारत प्रांत के 31 जिलों के 550 से अधिक घोष वादक (ghosh camp) भाग ले रहे हैं. कार्यक्रम स्थल पर लगाई गई प्रदर्शनियों के लिए 4 श्रेणियां बनाई गई हैं जिसमें परंपरागत और प्राचीन वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन किया है. इस ऐतिहासिक प्रदर्शनी में घोष की ऐतिहासिक यात्रा का दिल्ली में भी एलईडी स्क्रीन के जरिए प्रसारण किया जा रहा है. प्रदर्शनी शिविर का समापन 28 नवंबर तक चलेगी.
शामिल होंगे संघ प्रमुख मोहन भागवत
शिविर में शामिल होने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत (mohan bhagwat) शुक्रवार को ग्वालियर पहुंचेंगे. वे 3 दिन तक शिविर में रुकेंगे. इसके लिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है. हाईवे से लेकर शहर तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रहेगी. हाईवे से संदिग्ध वाहनों को शहर में अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा. नाइट गश्त भी बढ़ा दी गई है. कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा बढाए जाने के साथ ही संघ प्रमुख से मिलने वाले लोगों की सूची भी तैयार कर ली गई है. 4 दिन तक चलने वाले कार्यक्रम की सुरक्षा व्यवस्था में 500 से ज्यादा जवान और अफसर तैनात किए गए हैं.