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Gwalior State Plane Crash: दुर्घटनाग्रस्त विमान के पायलट को 85 करोड़ का नोटिस, कांग्रेस ने उठाए सवाल

MP के ग्वालियर एयरपोर्ट पर कुछ दिन पहले एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसकी जांच में पायलट और को-पायलट को दोषी पाया गया और उनका फ्लाइंग लाइसेंस एक साल के लिए निरस्त कर दिया गया. अब एमपी सरकार की ओर से उनको 85 करोड़ का वसूली नोटिस जारी किया गया है, जिस पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं.

MP government notice to pilot in Gwalior plane crash
ग्वालियर प्लेन क्रैश में पायलट को एमपी सरकार का नोटिस
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Published : Feb 8, 2022, 6:05 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जांच के लिए सैंपल ले जाने और रेमडेसिविर इंजेक्शन लाने के काम में लगे विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच के बाद, पायलट और उसके सहयोगी को सरकार ने वसूली नोटिस जारी किया जिसपर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. पिछले साल सात मई 2021 को ग्वालियर एयरपोर्ट पर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. यह विमान अहमदाबाद से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर ग्वालियर आया था. हादसे में विमान को काफी नुकसान हुआ था, साथ ही पायलट माजिद अख्तर और उनके सहायक पायलट शिव जायसवाल भी घायल हुए थे. इस हादसे की सरकार ने जांच कराई और इसके लिए पायलट और उसके साथी को दोषी पाया गया है. इसके आधार पर उन्हें 85 करोड़ का वसूली नोटिस भी जारी किया है.

रेमडेसिविर ला रहा प्लेन ग्वालियर एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त, 2 पायलट सहित 3 घायल

सीएम और विभाग प्रमुख को भेजा जाना चाहिए नोटिस: नरेंद्र सलूजा

सरकार के कदम पर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने आपत्ति दर्ज कराई है. उन्होंने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है, जब कोई भी व्यक्ति बगैर बीमा के अपना छोटा से छोटा वाहन तक सड़क पर नहीं लाता तो 62 करोड़ कीमत का यह विमान कैसे बगैर बीमे के उड़ान भर रहा था. सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिस पर सलूजा ने कहा, सरकार ने 85 करोड़ वसूली का नोटिस उस पायलट को थमाया है, जिस पायलट ने कोरोना काल में कोरोना वारियर्स के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं. सैंपल की बात हो या रेमडेसिविर इंजेक्शन पहुंचाने की बात. जिस पायलट के कामों की कोरोना वारियर्स के रूप में सराहना हुई हो, उसको दुर्घटना का दोषी मानकर 85 करोड़ की वसूली का नोटिस थमाना समझ से परे है. क्योंकि विमानन विभाग तो खुद मुख्यमंत्री शिवराज के पास है तो उस हिसाब से यह नोटिस तो खुद मुख्यमंत्री शिवराज व विभाग के प्रमुख सचिव को भेजा जाना चाहिए.

इनपुट - आईएएनएस

ग्वालियर में स्टेट प्लेन क्रैश में पायलट और को-पायलट पाए गए दोषी, एक साल के लिए फ्लाइंग लाइसेंस निरस्त

भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जांच के लिए सैंपल ले जाने और रेमडेसिविर इंजेक्शन लाने के काम में लगे विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच के बाद, पायलट और उसके सहयोगी को सरकार ने वसूली नोटिस जारी किया जिसपर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. पिछले साल सात मई 2021 को ग्वालियर एयरपोर्ट पर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. यह विमान अहमदाबाद से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर ग्वालियर आया था. हादसे में विमान को काफी नुकसान हुआ था, साथ ही पायलट माजिद अख्तर और उनके सहायक पायलट शिव जायसवाल भी घायल हुए थे. इस हादसे की सरकार ने जांच कराई और इसके लिए पायलट और उसके साथी को दोषी पाया गया है. इसके आधार पर उन्हें 85 करोड़ का वसूली नोटिस भी जारी किया है.

रेमडेसिविर ला रहा प्लेन ग्वालियर एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त, 2 पायलट सहित 3 घायल

सीएम और विभाग प्रमुख को भेजा जाना चाहिए नोटिस: नरेंद्र सलूजा

सरकार के कदम पर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने आपत्ति दर्ज कराई है. उन्होंने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है, जब कोई भी व्यक्ति बगैर बीमा के अपना छोटा से छोटा वाहन तक सड़क पर नहीं लाता तो 62 करोड़ कीमत का यह विमान कैसे बगैर बीमे के उड़ान भर रहा था. सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिस पर सलूजा ने कहा, सरकार ने 85 करोड़ वसूली का नोटिस उस पायलट को थमाया है, जिस पायलट ने कोरोना काल में कोरोना वारियर्स के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं. सैंपल की बात हो या रेमडेसिविर इंजेक्शन पहुंचाने की बात. जिस पायलट के कामों की कोरोना वारियर्स के रूप में सराहना हुई हो, उसको दुर्घटना का दोषी मानकर 85 करोड़ की वसूली का नोटिस थमाना समझ से परे है. क्योंकि विमानन विभाग तो खुद मुख्यमंत्री शिवराज के पास है तो उस हिसाब से यह नोटिस तो खुद मुख्यमंत्री शिवराज व विभाग के प्रमुख सचिव को भेजा जाना चाहिए.

इनपुट - आईएएनएस

ग्वालियर में स्टेट प्लेन क्रैश में पायलट और को-पायलट पाए गए दोषी, एक साल के लिए फ्लाइंग लाइसेंस निरस्त

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