ग्वालियर।पान सिंह तोमर की कहानी से हर कोई वाकिफ है. कैसे एक फौजी ने सिस्टम की तानाशाही और खुद के साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ बगावती तेवर अपना लिए थे वे बागी बन गए थे. कुछ ऐसा ही मामला ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई के दौरान सामने आया है. जहां एक रिटायर्ड फौजी ने ग्वालियर कलेक्टर से मदद मांगते हुए बंदूक उठाकर इंसाफ करने की चेतावनी दी है. जनसुनवाई में पहुंचे रिटायर्ड फौजी रघुनाथ सिंह तोमर ने कलेक्टर के सामने कहा कि, मेरे प्लाट पर भू माफिया ने कब्जा कर लिया है. पुलिस कह रही है पहले झगड़ा करो, ऐसे कोई नहीं सुनेगा. प्रशासन भी कोई मदद नहीं कर रहा है. पूर्व फौजी ने कहा कि अब मुझे पान सिंह तोमर बनने पर मजबूर होना पड़ेगा. (Gwalior soldier paan singh tomar)
क्या है पूरा मामला
रिटायर्ड फौजी ने पहले कलेक्टर से गुहार लगाते हुए कहा कि उन्होंने साल 2011 में साईं नगर में एक प्लॉट खरीदा था. जिसका विक्रय अरविंद गुर्जर भूपेंद्र बघेल और जसवंत सिंह के माध्यम से हुआ. वे बीते अगस्त माह में रिटायर हुए और अपने प्लॉट पर अपना आशियाना तैयार करना चाहा, तो उन्हें पता चला कि उस जमीन पर माफियाओं और दबंगों ने कब्जा कर लिया है. रिटायर्ड फौजी रघुनाथ सिंह तोमर का यह भी कहना है कि बदमाशों ने उस प्लॉट को कई बार रीसेल करते हुए बेच भी दिया है. अब जब भी वह अपने प्लॉट पर मकान बनवाने के लिए पहुंचते हैं, तो बदमाश उन्हें जान से मारने की धमकी देते हैं. (gwalior retired soldier troubled by mafia)
कलेक्टर ने एसडीएम को दिए कार्रवाई के निर्देश
रिटायर्ड फौजी का यह भी कहना है कि कई बार इसको लेकर थाने में और प्रशासन तक शिकायती आवेदन दिया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. ऐसे में उन्हें पान सिंह तोमर की तरह बागी होने पर मजबूर किया जा रहा है, यदि अब उन्हें प्रशासन और पुलिस से मदद नहीं मिलती है तो वे बंदूक उठाने को मजबूर हो जाएंगे. रिटायर्ड फौजी की इस बात को सुनकर कलेक्टर के भी होश उड़ गए. उन्होंने तत्काल क्षेत्रीय एसडीएम को मामले की पूरी जांच के आदेश दिए और दोषियों को उनके चेंबर में हाजिर करवाने का आदेश दिया है. कलेक्टर ने एसडीएम को यह भी निर्देश दिए कि 2 दिन के अंदर फौजी को उनके प्लॉट पर उनका कब्जा दिलाया जाए.