ग्वालियर। सिंधिया के शहर स्मार्ट सिटी ग्वालियर में स्वच्छता मिशन और जिले के खुले में शौच मुक्त होने की पोल खोलती हुई एक तस्वीर सामने आई है. भले ही ग्वालियर शहर को ओडीएफ डबल प्लस का दर्जा मिल गया है, लेकिन शहर की एक वायरल तस्वीर ने सरकार और अधिकारियों के दावे को पूरी तरह झूठा साबित कर दिया है. शहर के बीचो-बीच नगर निगम के अधिकारी जिस नाले पर खड़े होकर शहर को स्वच्छ बनाने का दावा कर रहे हैं उसी नाले के नीचे एक व्यक्ति खुले में शौच करता हुआ दिखाई दे रहा है और यह तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है.
ओडीएफ डबल प्लस का ग्रेड कैसे मिला ?
दरअसल, ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर किशोर कन्याल अधीनस्थ अधिकारियों को लेकर विनय नगर, बहोड़ापुर में नाले का निरीक्षण करने पहुंचे थे. कमिश्नर जब नाले के ऊपर खड़े होकर निरीक्षण कर रहे थे, उसी समय नाले के नीचे बैठा एक युवक खुले में शौच करता दिखाई दे रहा है. इससे यह साबित हो रहा है कि शहर अभी भी शौच मुक्त नहीं है, क्योंकि स्वच्छ भारत अभियान में ग्वालियर को ODF डबल प्लस ग्रेड मिला है. यह ग्रेड तब मिलता है जब कोई भी व्यक्ति पूरे शहर में खुले में शौच या बाथरूम नहीं करता. आप सोचो, ओडीएफ डबल प्लस का ग्रेड कैसे मिला ?
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गौरतलब है कि ग्वालियर शहर को स्वच्छता रैंकिंग में नंबर वन लाने के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन अभी तक ग्वालियर टॉप फाइव में भी शामिल नहीं हो पाया है और इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि अधिकारियों के द्वारा स्वच्छता के झूठे दावे किए जाते हैं लेकिन धरातल पर कुछ भी दिखाई नहीं देता है. शहर में गंदगी का अंबार है साथ ही शहर में कई वार्ड ऐसे हैं जो अभी भी शौच मुक्त नहीं हैं. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ग्वालियर कैसे स्वच्छता में अव्वल आ पाएगा. (Gwalior ODF double plus status questioned)