ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने डबरा उप पंजीयन कार्यालय में पदस्थ वरिष्ठ लिपिक मान पाल रावत का ट्रांसफर निरस्त कर दिया है. साथ ही लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार की झूठी शिकायत करने वाले सर्विस प्रोवाइडर महाराज सिंह राजोरिया पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है.
कार्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि 2 महीने में सर्विस प्रोवाइडर के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में हाईकोर्ट को अवगत कराएं. मान पाल रावत वरिष्ठ लिपिक के तौर पर डबरा तहसील में पदस्थ हैं. उन्हें 22 जुलाई को एक आदेश के बाद मुरैना के पोरसा में ट्रांसफर कर दिया गया था. इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
मान पाल रावत ने सर्विस प्रोवाइडर महाराज सिंह राजोरिया और उसके साथियों के खिलाफ स्टांप चोरी की शिकायत डीआईजी पंजीयन को की थी. जिसके बाद सर्विस प्रोवाइडर ने मान पाल के खिलाफ भ्रष्टाचार संबंधी झूठी शिकायत की.
इसी को आधार बनाकर मान पाल का ट्रांसफर मुरैना किया गया है.
हाईकोर्ट ने पाया कि मान पाल रावत के खिलाफ द्वेष पूर्ण भावना से शिकायतें की गई हैं. हाईकोर्ट ने मान पाल रावत का 2 महीने पहले मुरैना किया गया ट्रांसफर निरस्त कर दिया है.