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ग्वालियर हाईकोर्ट ने निरस्त किया लिपिक का ट्रांसफर, भ्रष्टाचार की झूठी शिकायत पर हुआ था तबादला

ग्वालियर हाईकोर्ट ने डबरा उप पंजीयन कार्यालय में पदस्थ लिपिक मान पाल रावत का ट्रांसफर निरस्त कर दिया है. हाईकोर्ट ने पाया कि मान पाल रावत के खिलाफ द्वेषपूर्ण भावना से भ्रष्टाचार की झूठी शिकायतें की गई हैं.

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Published : Sep 5, 2019, 1:35 PM IST

ग्वालियर हाईकोर्ट

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने डबरा उप पंजीयन कार्यालय में पदस्थ वरिष्ठ लिपिक मान पाल रावत का ट्रांसफर निरस्त कर दिया है. साथ ही लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार की झूठी शिकायत करने वाले सर्विस प्रोवाइडर महाराज सिंह राजोरिया पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

कार्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि 2 महीने में सर्विस प्रोवाइडर के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में हाईकोर्ट को अवगत कराएं. मान पाल रावत वरिष्ठ लिपिक के तौर पर डबरा तहसील में पदस्थ हैं. उन्हें 22 जुलाई को एक आदेश के बाद मुरैना के पोरसा में ट्रांसफर कर दिया गया था. इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

ग्वालियर हाईकोर्ट ने निरस्त किया लिपिक का ट्रांसफर

मान पाल रावत ने सर्विस प्रोवाइडर महाराज सिंह राजोरिया और उसके साथियों के खिलाफ स्टांप चोरी की शिकायत डीआईजी पंजीयन को की थी. जिसके बाद सर्विस प्रोवाइडर ने मान पाल के खिलाफ भ्रष्टाचार संबंधी झूठी शिकायत की.
इसी को आधार बनाकर मान पाल का ट्रांसफर मुरैना किया गया है.

हाईकोर्ट ने पाया कि मान पाल रावत के खिलाफ द्वेष पूर्ण भावना से शिकायतें की गई हैं. हाईकोर्ट ने मान पाल रावत का 2 महीने पहले मुरैना किया गया ट्रांसफर निरस्त कर दिया है.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने डबरा उप पंजीयन कार्यालय में पदस्थ वरिष्ठ लिपिक मान पाल रावत का ट्रांसफर निरस्त कर दिया है. साथ ही लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार की झूठी शिकायत करने वाले सर्विस प्रोवाइडर महाराज सिंह राजोरिया पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

कार्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि 2 महीने में सर्विस प्रोवाइडर के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में हाईकोर्ट को अवगत कराएं. मान पाल रावत वरिष्ठ लिपिक के तौर पर डबरा तहसील में पदस्थ हैं. उन्हें 22 जुलाई को एक आदेश के बाद मुरैना के पोरसा में ट्रांसफर कर दिया गया था. इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

ग्वालियर हाईकोर्ट ने निरस्त किया लिपिक का ट्रांसफर

मान पाल रावत ने सर्विस प्रोवाइडर महाराज सिंह राजोरिया और उसके साथियों के खिलाफ स्टांप चोरी की शिकायत डीआईजी पंजीयन को की थी. जिसके बाद सर्विस प्रोवाइडर ने मान पाल के खिलाफ भ्रष्टाचार संबंधी झूठी शिकायत की.
इसी को आधार बनाकर मान पाल का ट्रांसफर मुरैना किया गया है.

हाईकोर्ट ने पाया कि मान पाल रावत के खिलाफ द्वेष पूर्ण भावना से शिकायतें की गई हैं. हाईकोर्ट ने मान पाल रावत का 2 महीने पहले मुरैना किया गया ट्रांसफर निरस्त कर दिया है.

Intro:ग्वालियर
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने जिले के डबरा उप पंजीयन कार्यालय में पदस्थ वरिष्ठ लिपिक मान पाल रावत का 2 महीने पहले मुरैना किया गया ट्रांसफर निरस्त कर दिया है साथ ही झूठी शिकायत करने वाले सर्विस प्रोवाइडर महाराज सिंह राजोरिया पर ₹20000 का हर्जाना कोर्ट ने लगाया है इसके अलावा मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि 2 महीने में सर्विस प्रोवाइडर के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में हाई कोर्ट को अवगत कराएं।


Body:दरअसल मान पाल रावत वरिष्ठ लिपिक के तौर पर डबरा तहसील में पदस्थ हैं उन्हें 22 जुलाई को एक आदेश के बाद मुरैना के पोरसा में ट्रांसफर कर दिया गया था इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और कहा था कि उन्होंने सर्विस प्रोवाइडर महाराज सिंह राजोरिया और उसके साथियों के खिलाफ स्टांप चोरी की शिकायत डीआईजी पंजीयन को की थी जिसके आधार पर झूठी शिकायत करके उसका ट्रांसफर मुरैना किया गया है हाईकोर्ट ने पाया कि मान पाल रावत के खिलाफ द्वेष पूर्ण भावना से शिकायतें की गई है।


Conclusion:हाईकोर्ट ने मान पाल रावत का मुरैना किया गया ट्रांसफर निरस्त कर दिया है और महाराज सिंह राजोरिया नमक सर्विस प्रोवाइडर पर ₹20000 का हर्जाना लगाया है इसके अलावा मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि 2 महीने के भीतर सर्विस प्रोवाइडर जो गड़बड़ी में शामिल थे। उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है उससे हाई कोर्ट को अवगत कराएं।
बाइट धर्मेंद्र रघुवंशी याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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