ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने ग्वालियर विकास प्राधिकरण को बड़ी राहत दी है. NOC निरस्त करने के खिलाफ हाईकोर्ट में गई आधा दर्जन गृह निर्माण समितियों की याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. जबकि हाईकोर्ट ने मामले में गृह निर्माण समितियों को शासन के सामने अपना प्रतिवेदन पेश करने को कहा है.
ग्वालियर विकास प्राधिकरण ने सिरोल, मेहरागांव, हुरावली और सिटी सेंटर इलाके की करीब 30 बीघा से ज्यादा जमीन को विभिन्न गृह निर्माण समितियों को आवासी क्षेत्र विकसित करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए थे. जबकि जीडीए को यह जमीन शासन से लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए दी गई थी. ऐसे में जीडीए को गृह निर्माण समितियों को एनओसी जारी करने का हक नहीं था. पिछले दिनों GDA ने अपनी जारी की हुई एनओसी को वापस ले लिया. जिसके खिलाफ गृह निर्माण समितियों के संचालक हाईकोर्ट पहुंच गए थे.
हाईकोर्ट में जीडीए ने दलील पेश करते हुए कहा कि, उसे यह अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार नहीं था. इसलिए उसने अपने अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी एनओसी को वापस ले लिया है. जिसके बाद गृह निर्माण समितियों ने अपनी याचिका यह कहते हुए वापस ले ली कि, अब वे शासन के समक्ष अपील दायर करेंगे.
गौरतलब है कि आधा दर्जन से ज्यादा याचिकाएं खारिज होने के बाद 30 बीघा से ज्यादा की जमीन जीडीए के अधिकार में आ गई है. नए ग्वालियर के रूप में बस रहे सिटी सेंटर क्षेत्र में इस जमीन की कीमत करोड़ों में है.