ग्वालियर। ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) ने बिजली व्यवस्था दुरस्त करने को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय (Gwalior Collectorate Office Meeting) में अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराना सरकार की पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोयले की कोई कमी नहीं है. गर्मी बढ़ने से बिजली की मांग बढ़ गई है. ऐसे में बिजली उत्पादन के लिए जितनी मात्रा में कोयला चाहिए सरकार समय पर उसकी व्यवस्था करेगी. (Energy Minister statement on electricity problem mp)
तय की अधिकारियों की जिम्मेदारी: ऊर्जा मंत्री ने विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को निर्देश दिए की मेंटेनेंस के बाद फाल्ट नहीं हो इसकी जिम्मेदारी तय करें. साथ ही मेंटेनेंस के बाद कार्य का निरीक्षण चीफ इंजीनियर, सीनियर यंत्री और डीई करें. मेंटेंनेंस कार्य की वीडियोग्राफी भी कराई जाए. इसके अलावा बिजली चोरी करने वाले बिजली माफिया के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करें. कार्रवाई के पूर्व उस व्यक्ति का संबंधित थाने से आपराधिक रिकार्ड लिया जाए. जो लोग लगातार बिल भर रहे हैं. उनका सम्मान किया जाए. (Energy Minister statement on electricity problem)
तय की डेडलाइन : ऊर्जा मंत्री ने बिजली व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए अधिकारियों को 31 अप्रैल तक का समय दिया है. इसके साथ ही नए सब स्टेशनों पर स्टाफ की तैनाती, ग्वालियर रिंग रोड़ पर मोनों पोल बिजली की लाइन बिछाए जाने और सभी सब स्टेशनों को एक-दूसरे से कनेक्ट करने का काम जल्द पूरा करने को कहा है. ऐसा करने के पीछे मकसद यह है कि यदि एक सर्विस स्टेशन में कोई फॉल्ट आता है. तो दूसरी जगह से तत्काल सप्लाई दी जा सकेगी. उन्होंने रिहाइशी इलाके में हाई टेंशन लाइन की समस्या को दूर करने के भी निर्देश दिए हैं.