ग्वालियर। कभी सचिन तेंदुलकर द्वारा लगाए गए वनडे के पहले दोहरे शतक का गवाह बना ग्वालियर का कैप्टन रुप सिंह क्रिकेट स्टेडियम आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. जहां न तो चौको-छक्कों की बरसात होती है और न ही यहां क्रिकेट प्रेमियों का जमावड़ा लगता है. क्योंकि अब इस क्रिकेट ग्राउंड पर इंटरनेशनल क्रिकेट मैंचों के आयोजन बंद कर दिए गए हैं.
ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम का निर्माण 21 साल पहले कराया गया था इस स्टेडियम में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 25 जनवरी 1988 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था. जबकि आखिरी मैच 24 फरवरी 2010 को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया. इस मैदान पर अब तक 12 अंतरराष्ट्रीय मैच ही हुए हैं. इस स्टेडियम की क्षमता 24000 दर्शकों की है.
![अब नहीं खेले जाते इंटरनेशनल मैंच](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5062087_thumu.png)
स्टेडियम से एक बड़ा महत्वपूर्ण इतिहास भी जुड़ा है। 24 फरवरी 2010 को अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने इसी मैदान पर एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक लगाकर कीर्तिमान रचा था. लेकिन वह मैच ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम के लिए आखिरी मैच साबित हुआ.
![टूट रहा है स्टेडियम का सामान](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5062087_thumo.png)
ग्वालियर के खिलाड़ियों का कहना है कि रुपसिंह स्टेडियम आज बदहाल है. जिससे यहां के क्रिकेट प्रेमियों में निराशा है. शहर के खिलाड़ियों ने मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोशिएसन से अपील की है. रुप सिंह स्टेडियम की हालत सुधारी जाए और यहां फिर से इंटरनेशनल क्रिकेट मैंचों का आयोजन करवाया जाए. इतिहास बनाकर इतिहास के पन्नों में गुम होने वाले ग्वालियर के रुप सिंह क्रिकेट स्टेडियम को एक बार फिर से इंतजार है कि अंतराष्ट्रीय किक्रेट मैंच के आयोजन का. जहां फिर से चौकों, छक्कों और विकेट गिरने की खुशी पर यहां क्रिकेट प्रेमियों का जश्न फिर से देखा जा सके.
![जब सचिन तेंदुलकर ने लगाया था पहला दोहरा शतक](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5062087_th.jpg)