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जिस स्टेडियम में सचिन ने लगाया था दोहरा शतक, अब बदहाली पर बहा रहा आंसू

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Published : Nov 15, 2019, 11:45 PM IST

ग्वालियर का कैप्टन रुप सिंह स्टेडियम जहां 24 फरवरी 2010 को किक्रेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट का पहला दोहरा शतक लगाया था. लेकिन अब ये पिच और स्टेडियम गुजरे जमाने का इतिहास बनकर रह गया है.

बदहाल हुआ रुप सिंह स्टेडियम

ग्वालियर। कभी सचिन तेंदुलकर द्वारा लगाए गए वनडे के पहले दोहरे शतक का गवाह बना ग्वालियर का कैप्टन रुप सिंह क्रिकेट स्टेडियम आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. जहां न तो चौको-छक्कों की बरसात होती है और न ही यहां क्रिकेट प्रेमियों का जमावड़ा लगता है. क्योंकि अब इस क्रिकेट ग्राउंड पर इंटरनेशनल क्रिकेट मैंचों के आयोजन बंद कर दिए गए हैं.

बदहाल हुआ कैप्टन रुप सिंह स्टेडियम

ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम का निर्माण 21 साल पहले कराया गया था इस स्टेडियम में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 25 जनवरी 1988 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था. जबकि आखिरी मैच 24 फरवरी 2010 को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया. इस मैदान पर अब तक 12 अंतरराष्ट्रीय मैच ही हुए हैं. इस स्टेडियम की क्षमता 24000 दर्शकों की है.

अब नहीं खेले जाते इंटरनेशनल मैंच
अब नहीं खेले जाते इंटरनेशनल मैंच

स्टेडियम से एक बड़ा महत्वपूर्ण इतिहास भी जुड़ा है। 24 फरवरी 2010 को अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने इसी मैदान पर एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक लगाकर कीर्तिमान रचा था. लेकिन वह मैच ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम के लिए आखिरी मैच साबित हुआ.

टूट रहा है स्टेडियम का सामान
टूट रहा है स्टेडियम का सामान

ग्वालियर के खिलाड़ियों का कहना है कि रुपसिंह स्टेडियम आज बदहाल है. जिससे यहां के क्रिकेट प्रेमियों में निराशा है. शहर के खिलाड़ियों ने मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोशिएसन से अपील की है. रुप सिंह स्टेडियम की हालत सुधारी जाए और यहां फिर से इंटरनेशनल क्रिकेट मैंचों का आयोजन करवाया जाए. इतिहास बनाकर इतिहास के पन्नों में गुम होने वाले ग्वालियर के रुप सिंह क्रिकेट स्टेडियम को एक बार फिर से इंतजार है कि अंतराष्ट्रीय किक्रेट मैंच के आयोजन का. जहां फिर से चौकों, छक्कों और विकेट गिरने की खुशी पर यहां क्रिकेट प्रेमियों का जश्न फिर से देखा जा सके.

जब सचिन तेंदुलकर ने लगाया था पहला दोहरा शतक
जब सचिन तेंदुलकर ने लगाया था पहला दोहरा शतक

ग्वालियर। कभी सचिन तेंदुलकर द्वारा लगाए गए वनडे के पहले दोहरे शतक का गवाह बना ग्वालियर का कैप्टन रुप सिंह क्रिकेट स्टेडियम आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. जहां न तो चौको-छक्कों की बरसात होती है और न ही यहां क्रिकेट प्रेमियों का जमावड़ा लगता है. क्योंकि अब इस क्रिकेट ग्राउंड पर इंटरनेशनल क्रिकेट मैंचों के आयोजन बंद कर दिए गए हैं.

बदहाल हुआ कैप्टन रुप सिंह स्टेडियम

ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम का निर्माण 21 साल पहले कराया गया था इस स्टेडियम में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 25 जनवरी 1988 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था. जबकि आखिरी मैच 24 फरवरी 2010 को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया. इस मैदान पर अब तक 12 अंतरराष्ट्रीय मैच ही हुए हैं. इस स्टेडियम की क्षमता 24000 दर्शकों की है.

अब नहीं खेले जाते इंटरनेशनल मैंच
अब नहीं खेले जाते इंटरनेशनल मैंच

स्टेडियम से एक बड़ा महत्वपूर्ण इतिहास भी जुड़ा है। 24 फरवरी 2010 को अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने इसी मैदान पर एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक लगाकर कीर्तिमान रचा था. लेकिन वह मैच ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम के लिए आखिरी मैच साबित हुआ.

टूट रहा है स्टेडियम का सामान
टूट रहा है स्टेडियम का सामान

ग्वालियर के खिलाड़ियों का कहना है कि रुपसिंह स्टेडियम आज बदहाल है. जिससे यहां के क्रिकेट प्रेमियों में निराशा है. शहर के खिलाड़ियों ने मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोशिएसन से अपील की है. रुप सिंह स्टेडियम की हालत सुधारी जाए और यहां फिर से इंटरनेशनल क्रिकेट मैंचों का आयोजन करवाया जाए. इतिहास बनाकर इतिहास के पन्नों में गुम होने वाले ग्वालियर के रुप सिंह क्रिकेट स्टेडियम को एक बार फिर से इंतजार है कि अंतराष्ट्रीय किक्रेट मैंच के आयोजन का. जहां फिर से चौकों, छक्कों और विकेट गिरने की खुशी पर यहां क्रिकेट प्रेमियों का जश्न फिर से देखा जा सके.

जब सचिन तेंदुलकर ने लगाया था पहला दोहरा शतक
जब सचिन तेंदुलकर ने लगाया था पहला दोहरा शतक
Intro:ग्वालियर- प्रदेश के सबसे पुरानी क्रिकेट एसोसिएशन जीडीसीए जैसे सिंधिया घराने ने सालों तक सींचा। आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। हालत यह है कि इंदौर में दो स्टेडियम होने के बाद तीसरा स्टेडियम बनने की प्लानिंग शुरू हो गई है। वहां हर साल अंतरराष्ट्रीय पर आईपीएल क्रिकेट मैचों का आयोजन भी होता है। जबकि शहर का एकमात्र स्टेडियम धीरे-धीरे बदहाल होता जा रहा है। स्थिति यहां तक बिगड़ गई है कि जो मैच अधिकार के साथ शहर को मिलते थे वह भी इंदौर शिफ्ट कर दिए जाते हैं। आज भी इंदौर के होल्कर स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट मैच शुरू हो चुका है वहीं ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम को इंतजार है कि प्रशासन उसकी बदहाली की सुध लेना और कब वहां अंतरराष्ट्रीय मैच होंगे।


Body:हालांकि अधिकारियों की माने तो ग्वालियर जिले के शंकरपुर इलाके में एक स्टेडियम तैयार किया जा रहा है जो संभवत 2020 तक बनकर तैयार हो जाएगा उसके बाद संभव है कि आने वाली विश्व कप की कुछ मैच ग्वालियर को मिलेंगे। ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम का निर्माण 21 साल पहले कराया गया था इस स्टेडियम में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 25 जनवरी 1988 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था जबकि आखिरी मैच 24 फरवरी 2010 को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया। इस मैदान पर अब तक 12 अंतरराष्ट्रीय मैच ही हुए हैं। इस स्टेडियम की क्षमता 24000 दर्शकों की है। स्टेडियम से एक बड़ा महत्वपूर्ण इतिहास भी जुड़ा है। 24 फरवरी 2010 को अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने इसी मैदान पर एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक लगाकर कीर्तिमान रचा था। लेकिन वह मैच ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम के लिए आखिरी मैच साबित हुआ। ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम का जायजा लिया हमारे संवाददाता अनिल गौर ने ......


Conclusion:बाईट - प्रतीक , खिलाड़ी बाईट- शैलेन्द्र तिवारी , खिलाड़ी WT - कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम से नोट - नगर निगम ने बाईट देने से मना कर दिया है ।और क्रिकेट एसोशियेशन अध्यक्ष शहर से बाहर है।
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