ग्वालियर। आबकारी विभाग से रिटायर्ड ग्वालियर के समाजसेवी केबी जाथव के निधन पर उनकी इच्छानुसार उनके पार्थिव देह को ग्वालियर के राजा मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया गया. 8 महीने पहले अपनी पत्नी विमल जाधव का पार्थिव शरीर भी उन्होंने बाबा मेडिकल छात्रों के अध्ययन के लिए दान कर दिया था. ग्वालियर के लोग उन्हें बाबा जाधव के नाम से जानते थे.
ग्वालियर के छप्पर वाला पुल के नजदीक रहने वाले केबी जाधव उर्फ बाबा जाधव के इकलौते बेटे समीर जाधव की 2013 में लीवर की बीमारी से मौत हो गई थी. जिसके बाद उन्होंने तय किया था कि वे अपनी पार्थिव देह को मेडिकल कॉलेज के छात्रों के अध्ययन के लिए दान कर देंगे. 8 महीने पहले उनकी पत्नी विमल जाधव का निधन हो गया था उनकी पार्थिव देह को भी बाबा ने जीआरएमसी में डोनेट किया था. जबकि पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे केवी जाथव की मौत के बाद उनके परिजनों ने उनकी पार्थिव देह को भी दान कर दिया.
परिवार के एकमात्र सदस्य के रूप में पुत्रवधू मेघा जाधव ने बताया कि सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एक समाजसेवी संस्था जॉइंट्स की मदद से बाबा जाधव की देह को मेडिकल छात्रों के पढ़ाई के लिए दान किया गया. उनका कहना है कि वह अपने सास-ससुर के इस फैसले से अभिभूत है. वहीं राजा मेडिकल कॉलेज एनाटॉमी विभाग का कहना है कि लोग मौत के बाद शरीर को जला देते हैं लेकिन वास्तव में मेडिकल साइंस के लिए मानव देह महत्वपूर्ण अंग है, लोग प्रोत्साहित होकर देह दान करेंगे तो भविष्य के डॉक्टर मरीजों का बेहतर उपचार कर सकेंगे.