भोपाल। 8 अगस्त को सावन का चौथा और आखिरी सोमवार है. (Sawan 2022) हिंदू शास्त्रों के अनुसार सावन का आखिरी सोमवार भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना के लिए बेहद शुभ माना गया है. इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना काफी फलदायक माना जाता है. यूं तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप आप हर दिन कर सकते हैं, लेकिन सावन के आखिरी सोमवार को इस मंत्र का जाप करना जातक के लिए शुभकारी माना गया है. (Last Sawan Somvar) ऐसी भी मान्यता है कि सावन के आखिरी सोमवार में भोलेनाथ की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है.
महामृत्युंजय मंत्र को जानिए:
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ.
क्या है महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ: मंत्र का अर्थ है कि, "इस समूचे संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले भगवान भोलेनाथ की हम पूजा करते हैं. इस पूरी दुनिया में सुरभि फैलाने वाले भगवान शंकर हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्ति प्रदान करें, जिससे कि हमे मोक्ष की प्राप्ति हो सके."
महामृत्युंजय मंत्र का जाप कितनी बार करें: ज्योतिष और पंडितों के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र का जाप न्यूनतम सवा लाख बार करना ही चाहिए. अगर कोई जातक ऐसा नहीं कर पाता है तो वह कम से कम इस मंत्र का जाप 108 बार जरूर करें. यदि महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख बार जाप कर लिया जाय तो अकाल मृत्यु अर्थात समय से पहले होने वाली मौत का खतरा टल जाता है. धार्मिक मान्यता है कि कुंडली में अगर कम आयु, गंभीर बीमारी या दुर्घटना का योग बना है तो इससे ये सारे दोष टल जाते हैं, और इस मंत्र का जाप करने से अच्छी स्वास्थ्य और सकारात्मक उर्जा मिलती है.
भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कैसे करें:
- सोमवार को सुबह जल्दी उठें और साफ कपड़े धारण करें.
- पूजा स्थान की साफ सफाई करें.
- भगवान शिव और माता पार्वती की तस्वीर या मूर्ति को गंगाजल से साफ करें.
- जल रखने वाले पात्र में गंगा जल भर लें.
- फिर जल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें.
- भगवान भोलेनाथ को फूल, अक्षत, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र चढ़ाएं.
- फिर ओम नम: शिवाय मंत्र का पाठ करते हुए भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाएं.
- यह सब करने के बाद भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का ध्यान लगाएं.
पूजा करते समय बरतें ये सावधानियां:
- शिवजी की पूजा में केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि केतकी के फूल चढ़ाने से भगवान शिवजी नाराज होते हैं.
- तुलसी को कभी भी भगवान शिवजी को अर्पित नहीं किया जाता है.
- शिवलिंग की पूजा करते समय कभी भी शिवलिंग पर नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए.