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अफसरों की साजिश! सड़ गया गरीब का निवाला, शराब फैक्ट्रियों में जाएगा 26 करोड़ का गेहूं !

प्रशासन की लापरवाही से छिंदवाड़ा में गरीब का गेहूं सड़ गया. वो भी 14000 मीट्रिक टन. ये गेहूं पानी में भीग कर खराब हो गया. लेकिन कोई भी इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है.

wheat in open shed
बर्बाद हुआ गरीबो का निवाला
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Published : Oct 22, 2021, 7:45 AM IST

छिन्दवाड़ा। चौरई के चंदनवाड़ा के ओपन कैंप में रखा 14000 मीट्रिक टन गेंहू बर्बाद हो गया है. पानी में भीग कर करीब 26 करोड़ का गेहूं सड़ गया. 2020 में 1925 रु के समर्थन मूल्य पर ये गेहूं खरीदा गया था. 47000 मीट्रिक टन गेहूं में से 14000 मीट्रिक टन अनाज पूरी तरह से खराब हो चुका है. ये अब इंसानों के खाने लायक नहीं बचा है.

बर्बाद हो गया गरीबों का निवाला

गरीबों को बांटने के लिए 2020 में ये गेहूं खरीदा गया था. लेकिन अब ये खराब हो चुका है. 27 करोड़ रुपए का गेंहू अब इंसानों के खाने लायक नहीं बचा है.अनाज के बोरों में से बदबू आ रही है. कई बोरियां फट चुकी हैं. कई बोरियों में से पौधे निकल आए हैं. अनाज के दाने काले पड़ चुके हैं. मार्कफेड पर गेहूं के रखरखाव की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन उसने इनकी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए. बारिश में भीगने से 14000 मीट्रिक टन गेहूं सड़ गयाहै. अधिकारी उसके सेमिग्रेशन का आदेश दे रहे हैं. टीम भी बनाई जा रही है. लेकिन अब यह अनाज किसी भी रूप में इंसानों के खाने योग्य नहीं बचा है. इसे केवल शराब फैक्ट्रियों को दिया जा सकता है.

100 करोड़ के पार हुआ Vaccination, खजुराहो में जश्न, तिरंगे से रोशन हुई विश्व धरोहर

जिम्मेदान कौन, कोई एक्शन होगा!

जानकारों के मुताबिक शराब फैक्ट्रियों को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर साजिश के तहत हर साल इसी तरह से अनाज को सड़ाया जाता है. यहां तक की गोदामों के खाली रहने के बावजूद इस अनाज को वहां पर शिफ्ट नहीं किया गया .

छिन्दवाड़ा। चौरई के चंदनवाड़ा के ओपन कैंप में रखा 14000 मीट्रिक टन गेंहू बर्बाद हो गया है. पानी में भीग कर करीब 26 करोड़ का गेहूं सड़ गया. 2020 में 1925 रु के समर्थन मूल्य पर ये गेहूं खरीदा गया था. 47000 मीट्रिक टन गेहूं में से 14000 मीट्रिक टन अनाज पूरी तरह से खराब हो चुका है. ये अब इंसानों के खाने लायक नहीं बचा है.

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गरीबों को बांटने के लिए 2020 में ये गेहूं खरीदा गया था. लेकिन अब ये खराब हो चुका है. 27 करोड़ रुपए का गेंहू अब इंसानों के खाने लायक नहीं बचा है.अनाज के बोरों में से बदबू आ रही है. कई बोरियां फट चुकी हैं. कई बोरियों में से पौधे निकल आए हैं. अनाज के दाने काले पड़ चुके हैं. मार्कफेड पर गेहूं के रखरखाव की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन उसने इनकी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए. बारिश में भीगने से 14000 मीट्रिक टन गेहूं सड़ गयाहै. अधिकारी उसके सेमिग्रेशन का आदेश दे रहे हैं. टीम भी बनाई जा रही है. लेकिन अब यह अनाज किसी भी रूप में इंसानों के खाने योग्य नहीं बचा है. इसे केवल शराब फैक्ट्रियों को दिया जा सकता है.

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जानकारों के मुताबिक शराब फैक्ट्रियों को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर साजिश के तहत हर साल इसी तरह से अनाज को सड़ाया जाता है. यहां तक की गोदामों के खाली रहने के बावजूद इस अनाज को वहां पर शिफ्ट नहीं किया गया .

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