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1 सितंबर से पुरातत्व में विलीन हो जाएगा स्टेट आर्कियोलॉजी

मध्य प्रदेश पुरातत्व विभाग अब मूर्तियों का संग्रहालय बनता जा रहा है, विभाग के सभी जिम्मेदार अधिकारी 30 अगस्त तक रिटायर होने जा रहे हैं, ऐसे में अब प्रथम श्रेणी के तकनीकी पुरातत्व अधिकारी 1 सितंबर से मौजद नहीं होंगे, मध्यप्रदेश के पुरातत्व विभाग में 246 पद खली पड़े हैं, ऐसे में अब आकोलॉजी विभाग पुरातत्व में ही विलीन होता जा रहा है.

State Archeology
स्टेट आर्कियोलॉजी
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Published : Aug 16, 2021, 6:42 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के पुरातत्व विभाग में प्रथम श्रेणी के तकनीकी रसायनिक अधिकारी जिनका पुरातत्व सर्वेक्षण में अहम योगदान होता है, 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, ऐसे में सितंबर माह से उच्च अधिकारी के तौर पर केवल कमिश्नर के अलावा सभी प्रथम श्रेणी के सभी पद खाली हो जाएंगे, वहीं द्वितीय श्रेणी के पदों पर ही अधिकारी मौजद होंगे

रिसर्च करने वाले अधिकारी ही नहीं होंगे मौजूद

पुरातत्व विभाग के कार्यों के लिये अब केवल तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से ही काम चलाना होगा, मध्यप्रदेश में सैकड़ों निर्माण और खुदाई के काम हो रहे हैं, जिसमें एक महाकाल मंदिर का भी कार्य मौजूद है, ऐसे में जिम्मेदार तकनीक अधिकारी नहीं होने से काम प्रभवित होना तय है. दरअसल प्रथम श्रेणी के अधिकारियों की भर्ती मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा की जाती है, विभाग द्वारा कई बार सरकार को लिखित में जानकारी भेजी जा चुकी है, लेकिन लंबे समय से कैबिनेट से पद स्वीकृत नहीं होने के चलते भर्ती नहीं हो पाई है.

अकल्पनीय! इस मंदिर में अदृश्य शक्ति करती है पूजा, आज भी रहस्य बरकरार

पुरातत्व विभाग में 246 पद खाली

मध्यप्रदेश में प्रथम श्रेणी के 8 पद स्वीकृत पद में से एक ही अधिकारी कार्यरत हैं, जो 31 अगस्त तक रिटायर्ड हो जाएंगे, वहीं द्वितीय श्रेणी में 41 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 10 पद पर ही कर्मचारी कार्यरत हैं, वहीं 31 पद खाली पड़े हैं, तृतीय श्रेणी क्लास के प्रदेश भर में 105 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 60 लोग ही कार्यरत हैं, वहीं 43 पद खाली पड़े हैं, वहीं चतुर्थ श्रेणी 362 स्वीकृत पदों में से 160 पद खाली पड़े हैं.

भोपाल। मध्य प्रदेश के पुरातत्व विभाग में प्रथम श्रेणी के तकनीकी रसायनिक अधिकारी जिनका पुरातत्व सर्वेक्षण में अहम योगदान होता है, 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, ऐसे में सितंबर माह से उच्च अधिकारी के तौर पर केवल कमिश्नर के अलावा सभी प्रथम श्रेणी के सभी पद खाली हो जाएंगे, वहीं द्वितीय श्रेणी के पदों पर ही अधिकारी मौजद होंगे

रिसर्च करने वाले अधिकारी ही नहीं होंगे मौजूद

पुरातत्व विभाग के कार्यों के लिये अब केवल तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से ही काम चलाना होगा, मध्यप्रदेश में सैकड़ों निर्माण और खुदाई के काम हो रहे हैं, जिसमें एक महाकाल मंदिर का भी कार्य मौजूद है, ऐसे में जिम्मेदार तकनीक अधिकारी नहीं होने से काम प्रभवित होना तय है. दरअसल प्रथम श्रेणी के अधिकारियों की भर्ती मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा की जाती है, विभाग द्वारा कई बार सरकार को लिखित में जानकारी भेजी जा चुकी है, लेकिन लंबे समय से कैबिनेट से पद स्वीकृत नहीं होने के चलते भर्ती नहीं हो पाई है.

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पुरातत्व विभाग में 246 पद खाली

मध्यप्रदेश में प्रथम श्रेणी के 8 पद स्वीकृत पद में से एक ही अधिकारी कार्यरत हैं, जो 31 अगस्त तक रिटायर्ड हो जाएंगे, वहीं द्वितीय श्रेणी में 41 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 10 पद पर ही कर्मचारी कार्यरत हैं, वहीं 31 पद खाली पड़े हैं, तृतीय श्रेणी क्लास के प्रदेश भर में 105 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 60 लोग ही कार्यरत हैं, वहीं 43 पद खाली पड़े हैं, वहीं चतुर्थ श्रेणी 362 स्वीकृत पदों में से 160 पद खाली पड़े हैं.

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