मुरैना/छिंदवाड़ा/ रायसेन। मध्यप्रदेश में आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. प्रदेश में बेरोजगारी, घरेलू तनाव, प्रेम प्रसंग जैसे तमाम मामले आत्महत्याओं की मुख्य वजह बन रहे हैं. बुधबार के दिन प्रदेश में 6 आत्महत्याओं के मामले सामने आये. मुरैना, छिंदवाड़ा और रायसेन जिले में दो-दो लोगों ने अलग-अलग वजहों से मौत को गले लगा लिया. (Raisen suicide Case) (Chhindwara suicide Case) (Morena suicide Case) (MP suicide Case)
दहेज के लिए परेशान करने का आरोप: मुरैना जिले चैना गांव में मां-बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. खबर लगते ही बागचीनी थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे. घटनास्थल पर पहुंचने पर पाया कि परिवार के सभी लोग गायब थे. कमरे में छत के कुंढे से मां-बेटी के शव झूल रहे थे. पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से दोनों शवों को फंदे से नीचे उतारने के बाद मृतक मां-बेटी के बारे में पूछताछ की. मायके वालों का आरोप है कि "दहेज के लिए पति परेशान करता था, इस बात से सभी ने आत्महत्या का कदम उठाया है".(Morena suicide Case)
ससुराल पक्ष पर प्रताड़ना का आरोप: इधर, रायसेन जिले के बेगमगंज तहसील के सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के बिचौली पिपलिया गांव में एक महिला ने अपनी दो मासूम बच्चियों के साथ कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली. महिला के मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर प्रताड़ना और हत्या का आरोप लगाया है. मायके पक्ष वालों का आरोप है कि, "उसका ससुराल वालों से अक्सर विवाद होता रहता था. इसलिए बेटी को मारकर कुएं में फेंक दिया है". (Raisen suicide Case)
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पति-पत्नी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या: इधर, मोहखेड़ थाना क्षेत्र के ग्राम मऊ में पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या को गले लगा लिया है. इनकी आत्महत्या का कारण फिलहाल अज्ञात है. छिंदवाड़ा से एफएसएल टीम मौके पर पहुंच कर मामले की जांच में जुटी है. सभी मृतकों के शव को पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. (Chhindwara suicide Case) (MP suicide Case)
बेरोजगारी, कर्ज छीन रहा जिंदगी : आत्महत्या का ताजा मामला मध्यप्रदेश के खंडवा जिले का है. यहां 33 साल के युवक ने इसलिए मौत को गले लगा लिया, क्योंकि वह शिक्षक पात्रता परीक्षा की मेरिट सूची में सिर्फ एक नंबर से चूक गया था. मृतक अनंत राजपाली अतिथि शिक्षक था. इसके अलावा हाल ही में इंदौर में कर्ज से परेशान एक युवक ने बच्चों सहित आत्महत्या कर ली थी. प्रदेश में पिछले एक साल में 14 हजार 965 लोगों ने जिंदगी से हताश होकर मौत को गले लगा लिया.
क्या कहता है NCRB का डाटा: एनसीआरबी ने हाल ही में जो लेटेस्ट डाटा जारी किया है उसके मुताबिक एमपी देश के उन टॉप राज्यों में है जहां सबसे ज्यादा सुसाइड के मामले आते हैं. मध्य प्रदेश में 2020 के मुकाबले 2021 में सुसाइड के केसेस में 9.1% का इजाफा हुआ. सुसाइड के मामले में देश में MP तीसरे पायदान पर आता है. भारत में आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले यूं तो मुंबई में आते हैं, लेकिन एमपी भी इसमें पीछे नहीं है. मुंबई में साल 2021 में 22 हजार 207 आत्महत्या के मामले सामने आए. दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है, जहां 18 हजार 925 लोगों ने आत्महत्या की. 2020 के मुकाबले मुंबई और तमिलनाडु में भी आत्महत्या के मामले बढ़े हैं. मुंबई में आत्महत्याओं के मामलों में 13.5 और तमिलनाडु में 11.5 फीसदी की बढोत्तरी देखी गई है.