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गेहूं खरीदी: सरकार की नीतियों से किसान नाराज, नहीं भा रहा ग्रेडिंग सिस्टम, मंडी की जगह व्यापारियों को बेच रहे हैं अनाज

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Published : Apr 12, 2022, 10:04 PM IST

इस बार एमपी के किसान सरकार को गेहूं बेचने के मूड में नहीं हैं, दरअसल छिंदवाड़ा के 120 गेहूं खरीदी केंद्र में से सिर्फ 11 खरीदी केंद्रों पर ही किसान गेहूं लेकर पहुंचे बाकी सभी केंद्रों में अभी खरीदी भी शुरू नहीं हुई है. किसानों का कहना है कि खुले बाजार में गेंहू के ज्यादा दाम मिल रहे हैं, जबकि मंडी में ग्रेडिंग के नाम पर भी पैसा देना पड़ रहा है.

mp farmers disappointed government policies
एमपी सरकार की नीतियों से किसान नाराज

छिंदवाड़ा। गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर 4 अप्रैल से शुरू कर दी गई है, लेकिन इस बार किसान सरकार को MSP पर गेहूं बेचने के मूड में नहीं हैं. नतीजा यह है कि छिंदवाड़ा की 120 गेहूं खरीदी केंद्र बनाए में से 109 खरीदी केंद्रों खाली पड़े हैं सिर्फ 11 खरीदी केंद्रों पर ही किसान गेहूं लेकर पहुंचे हैं. किसानों का कहना है कि सरकार से ज्यादा पैसा उन्हें व्यापारियों से मिल रहा है. इतना ही नहीं किसान सरकार की ग्रेडिंग सिस्टम से भी नाराज हैं. (wheat procurement center chhindwara)

एमपी सरकार की नीतियों से किसान नाराज

ग्रेडिंग के नाम पर किसानों से लिए जाएंगे 20 रुपये: किसानों का कहना है कि सबसे बड़ी बात तो मंडी में दाम ज्यादा मिल रहे हैं और सरकारी दुकानों में बेचने पर अब ग्रेडिंग के लिए ₹20 प्रति क्विंटल अलग से देने होंगे. इसके साथ ही 2 से 3 दिन गेहूं बेचने के लिए इंतजार करना पड़ेगा. ऐसे में बाजार में सुबह अनाज लेकर आते हैं तो शाम को आसानी से बेच कर वापस चले जाते हैं और किसी तरीके से ग्रेडिंग और दूसरे खर्चे भी नहीं करने पड़ते.

MP में किसानों पर राजनीति! खरीदी केंद्रों पर कांग्रेस ने तैनात किए 1 लाख किसान कार्यकर्ता, भाजपा बोली- अन्नदाता को मिला सम्मान, हम किसानों की पार्टी

खुले बाजार में मिल रहे ज्यादा दाम: सरकारी गेहूं खरीदी केंद्रों में किसानों के नहीं पहुंचने का सबसे बड़ा कारण है खुले बाजार में गेहूं के दाम ज्यादा है. समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी 2015 रुपये प्रति क्विंटल की जानी है, जबकि बाजार में 2100 से 2200 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं बिक रहा है. नतीजतन किसान मंडियों में गेहूं नहीं बेच रहे हैं. इस बार सरकार ने नियमों में भी कढ़ाई की है जिसके चलते गेहूं खरीदी केंद्रों में छन्ना लगाकर गेहूं बेचना होगा और किसान को खुद जाकर पीओएस मशीन में अंगूठा का निशान लगाना होगा तब जाकर भुगतान होगा.

इसलिए मंडी नहीं जा रहे किसान: 4 अप्रैल से मप्र में समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीदी शुरू हो चुकी है, लेकिन छिंदवाड़ा के गेहूं खरीदी केंद्रों में किसान उपज लेकर नहीं पहुंच रहे हैं. खरीद केंद्रों पर ताले लटके हैं. सरकारी गेहूं खरीदी केंद्रों में किसानों के नहीं पहुंचने का सबसे बड़ा कारण खुले बाजार हैं. यहां किसानों को गेहूं के दाम ज्यादा मिल रहा है. समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी 2015 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि बाजार में किसानों को 2100 से 2200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं बिक रहा है. (wheat purchase center chhindwara) (wheat msp in chhindwara)

ये हैं मंडी के भाव:

मंडीगेहूं के भाव
भोपाल मंडी1925 से 1960 रुपए
इंदौर मंडी1900 से 3892 रुपए
नर्मदापुरम: पिपरिया मंडी 1860 से 1986 रुपए
इटारसी मंडी1972 से 2028 रुपए
रीवा मंडी1924 रुपए
भिंड मंडी2035 रुपए
सागर मंडी1910 से 3175 रुपए
खंडवा मंडी2312 से 1950 रुपए
गुना मंडी2060 से 4240 रुपए
छिंदवाड़ा मंडी1951 से 2015 रुपए
मुरैना मंडी2058 से 2146 रुपए
जबलपुर मंडी1846 से 2117 रुपए

छिंदवाड़ा। गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर 4 अप्रैल से शुरू कर दी गई है, लेकिन इस बार किसान सरकार को MSP पर गेहूं बेचने के मूड में नहीं हैं. नतीजा यह है कि छिंदवाड़ा की 120 गेहूं खरीदी केंद्र बनाए में से 109 खरीदी केंद्रों खाली पड़े हैं सिर्फ 11 खरीदी केंद्रों पर ही किसान गेहूं लेकर पहुंचे हैं. किसानों का कहना है कि सरकार से ज्यादा पैसा उन्हें व्यापारियों से मिल रहा है. इतना ही नहीं किसान सरकार की ग्रेडिंग सिस्टम से भी नाराज हैं. (wheat procurement center chhindwara)

एमपी सरकार की नीतियों से किसान नाराज

ग्रेडिंग के नाम पर किसानों से लिए जाएंगे 20 रुपये: किसानों का कहना है कि सबसे बड़ी बात तो मंडी में दाम ज्यादा मिल रहे हैं और सरकारी दुकानों में बेचने पर अब ग्रेडिंग के लिए ₹20 प्रति क्विंटल अलग से देने होंगे. इसके साथ ही 2 से 3 दिन गेहूं बेचने के लिए इंतजार करना पड़ेगा. ऐसे में बाजार में सुबह अनाज लेकर आते हैं तो शाम को आसानी से बेच कर वापस चले जाते हैं और किसी तरीके से ग्रेडिंग और दूसरे खर्चे भी नहीं करने पड़ते.

MP में किसानों पर राजनीति! खरीदी केंद्रों पर कांग्रेस ने तैनात किए 1 लाख किसान कार्यकर्ता, भाजपा बोली- अन्नदाता को मिला सम्मान, हम किसानों की पार्टी

खुले बाजार में मिल रहे ज्यादा दाम: सरकारी गेहूं खरीदी केंद्रों में किसानों के नहीं पहुंचने का सबसे बड़ा कारण है खुले बाजार में गेहूं के दाम ज्यादा है. समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी 2015 रुपये प्रति क्विंटल की जानी है, जबकि बाजार में 2100 से 2200 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं बिक रहा है. नतीजतन किसान मंडियों में गेहूं नहीं बेच रहे हैं. इस बार सरकार ने नियमों में भी कढ़ाई की है जिसके चलते गेहूं खरीदी केंद्रों में छन्ना लगाकर गेहूं बेचना होगा और किसान को खुद जाकर पीओएस मशीन में अंगूठा का निशान लगाना होगा तब जाकर भुगतान होगा.

इसलिए मंडी नहीं जा रहे किसान: 4 अप्रैल से मप्र में समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीदी शुरू हो चुकी है, लेकिन छिंदवाड़ा के गेहूं खरीदी केंद्रों में किसान उपज लेकर नहीं पहुंच रहे हैं. खरीद केंद्रों पर ताले लटके हैं. सरकारी गेहूं खरीदी केंद्रों में किसानों के नहीं पहुंचने का सबसे बड़ा कारण खुले बाजार हैं. यहां किसानों को गेहूं के दाम ज्यादा मिल रहा है. समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी 2015 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि बाजार में किसानों को 2100 से 2200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं बिक रहा है. (wheat purchase center chhindwara) (wheat msp in chhindwara)

ये हैं मंडी के भाव:

मंडीगेहूं के भाव
भोपाल मंडी1925 से 1960 रुपए
इंदौर मंडी1900 से 3892 रुपए
नर्मदापुरम: पिपरिया मंडी 1860 से 1986 रुपए
इटारसी मंडी1972 से 2028 रुपए
रीवा मंडी1924 रुपए
भिंड मंडी2035 रुपए
सागर मंडी1910 से 3175 रुपए
खंडवा मंडी2312 से 1950 रुपए
गुना मंडी2060 से 4240 रुपए
छिंदवाड़ा मंडी1951 से 2015 रुपए
मुरैना मंडी2058 से 2146 रुपए
जबलपुर मंडी1846 से 2117 रुपए
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