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नहीं बची फसल में जान, सिर से पांव तक चिंता में डूबा कॉर्न सिटी का किसान

छिंदवाड़ा प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में कॉर्न सिटी के नाम से जाना जाता है, लेकिन यहां का मक्के का किसान भारी बारिश के कारण 50 से 60 फीसदी फसल गंवा चुका है, सरकार ने वादे के मुताबिक अब तक किसानों का कर्ज भी माफ नहीं किया है, जिससे किसान की चिंता और भी बढ़ गई है.

corn farmers suffer 60 percent loss  in Chhindwara
मक्के का खेत
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Published : Dec 26, 2019, 7:54 PM IST

छिंदवाड़ा। बारिश के कारण मध्यप्रदेश में कॉर्न सिटी के नाम से प्रसिद्ध छिंदवाड़ा में मक्के का किसान बहुत परेशान है. पहले तो लेट बारिश होने के कारण किसानों के मक्के की फसल को काफी नुकसान हुआ, उसके बाद जैसे-तैसे पानी के संकट से जूझते हुए किसान ने मक्के की फसल लगाकर पैदावार बढ़ाई तो दोबारा हुई बारिश ने किसान की मेहनत पर पानी फेर दिया.

फसल बेजान, किसान परेशान

किसान ने पानी की मार झेलते हुए बची फसल को तोड़ कर रखा तो उसके बाद मौसम की बेरुखी फिर सामने आई और टूटे हुए मक्के की फसल पर पानी ने फिर कहर बरपा दिया और भुट्टे सड़ने लगे, काले पड़ने लगे और कुछ भुट्टों में तो अंकुरण तक फूट गए, जिन किसानों ने मक्का तोड़ा ही नहीं उनकी फसल में भुट्टे तो लगे हुए थे लेकिन उनमें दाना ही नहीं था.


किसानों ने बताया कि लगभग 50 से 60 फीसदी फसल खराब हुई है. अब किसान लगातार सरकार की ओर कर्ज माफी को लेकर निगाहें जमाए हुए है. किसानों ने कहा कि कांग्रेस सरकार के वचन पत्र में कहा गया था कि 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा लेकिन अब तक कर्ज माफी तो छोड़ें कोई सरकारी अधिकारी फसल को देखने तक नहीं आया.

छिंदवाड़ा। बारिश के कारण मध्यप्रदेश में कॉर्न सिटी के नाम से प्रसिद्ध छिंदवाड़ा में मक्के का किसान बहुत परेशान है. पहले तो लेट बारिश होने के कारण किसानों के मक्के की फसल को काफी नुकसान हुआ, उसके बाद जैसे-तैसे पानी के संकट से जूझते हुए किसान ने मक्के की फसल लगाकर पैदावार बढ़ाई तो दोबारा हुई बारिश ने किसान की मेहनत पर पानी फेर दिया.

फसल बेजान, किसान परेशान

किसान ने पानी की मार झेलते हुए बची फसल को तोड़ कर रखा तो उसके बाद मौसम की बेरुखी फिर सामने आई और टूटे हुए मक्के की फसल पर पानी ने फिर कहर बरपा दिया और भुट्टे सड़ने लगे, काले पड़ने लगे और कुछ भुट्टों में तो अंकुरण तक फूट गए, जिन किसानों ने मक्का तोड़ा ही नहीं उनकी फसल में भुट्टे तो लगे हुए थे लेकिन उनमें दाना ही नहीं था.


किसानों ने बताया कि लगभग 50 से 60 फीसदी फसल खराब हुई है. अब किसान लगातार सरकार की ओर कर्ज माफी को लेकर निगाहें जमाए हुए है. किसानों ने कहा कि कांग्रेस सरकार के वचन पत्र में कहा गया था कि 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा लेकिन अब तक कर्ज माफी तो छोड़ें कोई सरकारी अधिकारी फसल को देखने तक नहीं आया.

Intro:छिंदवाड़ा! छिंदवाड़ा पूरे मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में कॉर्न सिटी के नाम से जाना जाता है, छिंदवाड़ा मुख्यमंत्री कमलनाथ का गृह जिला होने के कारण छिंदवाड़ा सुर्खियों में रहता है इस साल मक्के की फसल पर प्राकृतिक आपदा ने ढाया कहर किसान सरकारी राहत के लिए करता रहा, इंतजार!


Body:छिंदवाड़ा में पानी ने अपना कहर दिखाया, जहां एक और पूरे मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा को कॉर्न सिटी के नाम से जाना जाता है, पहले तो लेट बारिश होने के कारण किसानों के मक्के की फसल को काफी नुकसान हुआ उसके बाद जैसे तैसे पानी के संकट से जूझते हुआ किसान ने मक्के की फसल लगाकर पैदावार बढ़ाई तब फिर प्राकृतिक आपदा ने इतना कहर बरपाया की किसानों के मक्के की फसल पानी के कारण बर्बाद होने लगी उसके बाद जैसे तैसे किसान पानी की मार झेलते हुए बची कुची फसल को तोड़ कर रखा उसके बाद मौसम की बेरुखी फिर सामने आई टूटे हुए मक्के की फसल पर पानी ने फिर कहर बरपाया किसान के मक्के की फसल दोबारा फिर से खराब हुई और मक्के के भुट्टे सड़ने लगे, काले पड़ने लगे और कुछ भुट्टो में तो अंकुरण तक फूट गए, जिन किसानों ने मक्का तोड़ा ही नहीं उनके फसल में भुट्टे तो लगे हुए थे भुट्टो में दाना ही नहीं था

मौसम की मार और प्राकृतिक आपदा का कहर- किसानों के मक्के की फसल पर पहले तो पानी नहीं आने से किसान था परेशान, उसके बाद इतना पानी आया कि किसान की फसल ही खराब कर गया पानी, किसानों की लगभग 50 से 60% फसल खराब हुई किसानों ने बताया


कर्ज माफी का इंतजार करते किसान- छिंदवाड़ा में किसान लगातार सरकार की ओर कर्ज माफी को लेकर निगाहें जमाए हुए था किसानों ने कहा कि कांग्रेस सरकार के वचन पत्र में कहा गया था कि 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा पर पांच 6 महीने हो गए कर्ज माफ तो छोड़े कोई सरकारी अधिकारी फसल को देखने तक नहीं आया

खेतों में लगे भुट्टे अपने आप हुए अंकुरित- भुट्टे टूटने के बाद पानी ने अपना कहर फिर बरपाया टूटे हुए भुट्टे पानी में भीगने के कारण काले पड़ गए और कुछ भुट्टे तो अंकुरित होने लगे जिसके कारण बची कुची प्रकृति की मार सहन करने को मजबूर हुआ किसान

नहीं मिल रही सरकारी राहत- मक्की की फसल बर्बाद होने से किसान लगातार सरकारी राहत का इंतजार करते रहा किसानों ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के चलते हमें 50 से 60% नुकसान हो गया है कैसे भी हमें सरकारी राहत मिल जाए पर सरकारी राहत नहीं मिलने से किसान काफी दुखी था

परिवार चलाने को लेकर गहराया संकट- किसानों ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के चलते उनके सामने अपने घर परिवार को चलाने का संकट खड़ा हो गया है वहां परिवार का पालन पोषण किस प्रकार करेंगे उम्मीद भरी निगाहों से सरकार की ओर देख रहे किसान कि कुछ मुआवजा मिल जाए

बाईट 01- किसान

बाईट 02- खंडेराव अल्डक ,किसान

बाईट 03- संजय राऊत ,किसान

बाईट 04- यादवराव लिखितकर, किसान

बाईट 05- राजेंद्र सुनारे, किसान



Conclusion:
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