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मासूमों के हाथ में किताब की जगह पानी के बर्तन, ऐसे में कैसे पढ़ेगा इंडिया?

सरकार भले ही बच्चों को पढ़ा कर आगे बढ़ाने के लाख दावे करती हो, लेकिन तस्वीरें हकीकत बयां करती नजर आ रही है. छिंदवाड़ा के आदिवासी गांव मोहली माता में बच्चे घर से तो पढ़ने के लिए स्कूल आते हैं, लेकिन यहां उनसे पढ़ाई की वजह स्कूल में पीने के पानी भरवाया जाता है. अब सवाल यह है कि, ऐसे में कैसे पढ़ेगा इंडिया और आगे बढ़ेगा इंडिया.(Chhindwara Children filling water at school)

Chhindwara Children filling water at school
मासूमों के हाथ में किताब की जगह पानी के बर्तन
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Published : Mar 25, 2022, 9:50 PM IST

Updated : Mar 26, 2022, 9:44 AM IST

छिंदवाड़ा। सरकार भले ही बच्चों को पढ़ा कर आगे बढ़ाने के लाख दावे करती हो, लेकिन तस्वीरें हकीकत बयां करती नजर आ रही है. छिंदवाड़ा के आदिवासी गांव मोहली माता में बच्चे घर से तो पढ़ने के लिए स्कूल आते हैं, लेकिन यहां उनसे पढ़ाई की वजह स्कूल में पीने के पानी भरवाया जाता है. अब सवाल यह है कि, ऐसे में कैसे पढ़ेगा इंडिया और आगे बढ़ेगा इंडिया.(Chhindwara Children filling water at school)

पहाड़ी रास्तों से होकर स्कूल में पानी भर रहे बच्चे: मोहली माता गांव में स्कूल पहाड़ियों के ऊपर है, जिसकी वजह से पानी की किल्लत होती है. पूरा गांव पहाड़ियों में बसा होने की वजह से स्कूल से करीब 500 मीटर की दूरी पर गहराई में एक हैंडपंप लगा हुआ है, जहां का पानी की गांव वालों की जरुरत पूरी करता है. ऐसे में स्कूल में भी पीने से लेकर मिड डे मील के लिए पानी की जरुरत पड़ती है, इसलिए यहां मासूमों के हाथ में किताब की जगह पानी के बर्तन थमा दिए गए, और बच्चे पढ़ाई की वजह तपती धूप में पानी भरते नजर आ रहे हैं.

ऐसे पढ़ेगा इंडिया ! यहां नन्हें हाथों में पैन और किताब नहीं, थमा दी जाती है झाड़ू

अधिकारियों ने साधी चुप्पी: मामले में गांव के सरपंच और स्कूल के प्रधानाध्यापक का कहना है कि, गर्मियों के दिन में अक्सर दिक्कत हो जाती है. उन्होंने कहा कि, इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन पहाड़ी में स्कूल होने की वजह से पानी की हमेशा किल्लत रहती है. वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद चोरगढे का कहना है कि, बच्चों से स्कूल में पानी नहीं भरवाया जा सकता और ना ही कोई और काम कराया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ है तो इस मामले में जांच कराई जाएगी.

छिंदवाड़ा। सरकार भले ही बच्चों को पढ़ा कर आगे बढ़ाने के लाख दावे करती हो, लेकिन तस्वीरें हकीकत बयां करती नजर आ रही है. छिंदवाड़ा के आदिवासी गांव मोहली माता में बच्चे घर से तो पढ़ने के लिए स्कूल आते हैं, लेकिन यहां उनसे पढ़ाई की वजह स्कूल में पीने के पानी भरवाया जाता है. अब सवाल यह है कि, ऐसे में कैसे पढ़ेगा इंडिया और आगे बढ़ेगा इंडिया.(Chhindwara Children filling water at school)

पहाड़ी रास्तों से होकर स्कूल में पानी भर रहे बच्चे: मोहली माता गांव में स्कूल पहाड़ियों के ऊपर है, जिसकी वजह से पानी की किल्लत होती है. पूरा गांव पहाड़ियों में बसा होने की वजह से स्कूल से करीब 500 मीटर की दूरी पर गहराई में एक हैंडपंप लगा हुआ है, जहां का पानी की गांव वालों की जरुरत पूरी करता है. ऐसे में स्कूल में भी पीने से लेकर मिड डे मील के लिए पानी की जरुरत पड़ती है, इसलिए यहां मासूमों के हाथ में किताब की जगह पानी के बर्तन थमा दिए गए, और बच्चे पढ़ाई की वजह तपती धूप में पानी भरते नजर आ रहे हैं.

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अधिकारियों ने साधी चुप्पी: मामले में गांव के सरपंच और स्कूल के प्रधानाध्यापक का कहना है कि, गर्मियों के दिन में अक्सर दिक्कत हो जाती है. उन्होंने कहा कि, इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन पहाड़ी में स्कूल होने की वजह से पानी की हमेशा किल्लत रहती है. वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद चोरगढे का कहना है कि, बच्चों से स्कूल में पानी नहीं भरवाया जा सकता और ना ही कोई और काम कराया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ है तो इस मामले में जांच कराई जाएगी.

Last Updated : Mar 26, 2022, 9:44 AM IST
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