छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. फाइनल प्रैक्टिकल एग्जाम होने के बावजूद मेडिकल कॉलेज में 40 घंटों से बिजली नहीं है. छात्र मोबाइल टॉर्च की रोशनी में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. कुछ छात्रों के तो मोबाइल ही डाउन हो गए हैं.
टॉर्च की रोशनी में पढ़ाई कर रहे छात्र: छिंदवाड़ा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा की पढ़ाई करके अपने भविष्य को संवारने के लिए आए छात्र-छात्राओं का भविष्य टॉर्च की रोशनी में गुम हो रहा है. छात्र-छात्राओं ने बताया कि, उनके फाइनल प्रैक्टिकल एग्जाम चल रहे हैं, लेकिन लाइट नहीं होने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
पिछले दो-तीन दिनों से बिजली की दिक्कत चल रही है. वहीं सेकंड ईयर छात्रों के यूनिवर्सिटी प्रैक्टिकल एग्जामिनेशन भी जारी है, इस समस्या को लेकर पीआईयू के द्वारा लगातार सुधारने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस समस्या को दूर कर लिया जाएगा.
- डॉ. गिरीश रामटेके, डीन
शहद में रोशनी, मेडिकल कॉलेज में लगभग 40 घंटे से अंधेरा: स्थानीय रहवासियों ने बताया कि पूरा शहर लाइट से जगमग रहा है, लेकिन पिछले लगभग 40 घंटे से अधिक समय हो चुका है और मेडिकल कॉलेज में बिजली नहीं है. बिजली नहीं होने के कारण मोटर नहीं चल पा रही है, जिससे पीने के पानी तक की समस्या उत्पन्न हो गई है. उन्होंने बताया कि यहां पर स्ट्रीट लाइट तीन-चार महीनों से बंद है और इस मौसम में यहां पर कई प्रकार के जहरीले सांप और अन्य जीव-जंतु भी घूमते रहते हैं. छोटे-छोटे बच्चे, बुजुर्ग और अन्य लोग भी हैं, जिसको लेकर रात में काफी डर का माहौल रहता है.
कंज्यूमर एंड से केबल ज्वाइंट ब्लास्ट हो गया है, उसका काम चल रहा है. कंज्यूमर काम करा रहे हैं, जोकि जल्दी ही हो जाएगा. कंज्यूमर की तरफ से फॉल्ट है, हमारी ओर से कोई दिक्कत नहीं है, इंटरनल केबल में प्रॉब्लम आई है.
- के.एस बिसेन, अधीक्षण अभियंता
दो ट्रांसफार्मर हैं परंतु किसी काम के नहीं: मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हेमंत अहिरवार ने बताया कि, कॉलेज में दो ट्रांसफार्मर है परंतु वह भी शो-पीस है. एक ट्रांसफार्मर काफी समय से बंद है, तो वहीं दूसरे ट्रांसफार्मर का बैटरी बैकअप खत्म हो चुका है. वहीं डीजल भी नहीं है, जिसके कारण पूरा अंधेरा छाया हुआ है, शिकायत की पर कोई सुनवाई नहीं होती.