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300 कर्मचारी हर दिन बना रहे 80 हजार रोटियां, गरीबों और भूखों का सहारा, दीनदयाल रसोई

छिंदवाड़ा में लॉकडाउन के चलते गरीबों और जरुरतमंदों को खाने की समस्या न हो इसके लिए शहर की दीनदयाल रसोई एक बड़ा माध्यम है. इस रसोई के माध्यम से शहर में हर दिन 20 हजार खाने के पैकेट बांटे जा रहे हैं. ताकि कोई भूखा न रहे.

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दीनदयाल रसोई
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Published : May 9, 2020, 3:17 PM IST

छिंदवाड़ा। लॉकडाउन के दौरान छिंदवाड़ा में कोई भी जरूरतमंद भूखा ना रहे, इसलिए नगर निगम में समाजसेवियों की मदद से दीनदयाल रसोई शुरू की गई थी. जिसमें अब तक करीब 9 लाख भोजन के पैकेट बनाकर लॉकडाउन के दौरान जरुरतमंदों को बांटे जा चुके हैं, जबकि यह सिलसिला लगातार जारी है.

गरीबों का सहारा बनी दीनदयाल रसोई

24 मार्च के बाद से शुरु हुए लॉकडाउन से छिंदवाड़ा में शुरू हुई दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों तक खाना पहुंचाने का काम किया गया था. जो अब किसी मिसाल से कम नहीं है रसोई में हर दिन करीब 20 हजार खाने के पैकेट बनाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा रहे हैं. ताकि कोई भूखा न रहे. इसके लिए निगम के कर्मचारी सुबह से ही खाना बनाने में जुट जाते हैं जो सिलसिला शाम तक चलता रहता है.

49 दिन में बांटे गए 9 लाख पैकेट

छिंदवाड़ा की दीनदयाल रसोई में अब तक 49 दिनों में नौ लाख भोजन के पैकेट बनाकर जरूरतमंदों को बांटे जा चुके हैं, शहर की हर बस्ती में जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचे इसके लिए नगर निगम ने अपने कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है. जो हर दिन भोजन पहुंचाने का काम करते हैं.

20 हजार पैकेट हर दिन बांटे जा रहे शहर में
20 हजार पैकेट हर दिन बांटे जा रहे शहर में

300 कर्मचारी हर दिन बनाते हैं 80 हजार रोटियां

दीनदयाल रसोई में करीब 300 कर्मचारी हर दिन खाना बनाने का काम कर रहे हैं. रसोई में हर दिन 80 हजार से ज्यादा रोटियां बनाई जाती हैं और 20 हजार से ज्यादा खाने के पैकेट तैयार किए जाते हैं. नगर-निगम कमिश्नर राजेश शाही ने बताया कि खाना बनाते समय सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. सोशल डिस्टेसिंग के साथ सेनिटाइजर और मॉस्क का इस्तेमाल किया जाता है. ताकि सुरक्षा और सावधानी दोनों बनी रहें.

हर दिन बनती है 80 हजार रोटियां
हर दिन बनती है 80 हजार रोटियां

नेताओं से लेकर बच्चों तक ने की है रसोई में मदद

नगर निगम कमिश्नर ने बताया कि दीनदयाल रसोई के संचालन के लिए शहर के सभी वर्ग आगे आए हैं. जिससे दान की कमी नहीं हुई और लगातार संचालन में मदद मिल रही है. नेताओं से लेकर शहर के बच्चों तक ने अपनी गुल्लक के पैसे रसोई का संचालन करने के लिए दिए हैं. किसी ने सब्जी पहुंचाई तो किसी ने अनाज और किसी ने नगदी रकम. जिससे हर दिन गरीबों को भोजन पहुंचाने में मदद मिल रही है. जनप्रतिनिधियों ने भी रसोई के संचालन में मदद की है.

सुबह से लेकर शाम तक बनता है खाना
सुबह से लेकर शाम तक बनता है खाना

समाजसेवी संगठन शुभम शिक्षा समिति कर रही संचालन

नगर निगम छिंदवाड़ा की सहायता से पूरी रसोई को संभालने का जिम्मा समाजसेवी संस्था शुभम शिक्षा समिति ने उठाया है. जो हर दिन लोगों से दान लेने से लेकर खाना बनाकर उसे जरूरतमंद तक पहुंचाने का काम करती है, समिति ने दानदाताओं की सूची भी रखी है जिसमें हर प्रकार के दानदाताओं का नाम है फिर वह चाहे सब्जी देने वाला हो या लाखों रुपए की नगदी. नगर निगम कमिश्नर का कहना है कि जब तक छिंदवाड़ा में जरुरत रहेगी, तब तक रसोई में खाना बनता रहेगा. इसलिए उन्होंने समाजसेवियों से भी रसोई में सहयोग करते रहने की अपील की है.

खाना बनाते कर्मचारी
खाना बनाते कर्मचारी

छिंदवाड़ा। लॉकडाउन के दौरान छिंदवाड़ा में कोई भी जरूरतमंद भूखा ना रहे, इसलिए नगर निगम में समाजसेवियों की मदद से दीनदयाल रसोई शुरू की गई थी. जिसमें अब तक करीब 9 लाख भोजन के पैकेट बनाकर लॉकडाउन के दौरान जरुरतमंदों को बांटे जा चुके हैं, जबकि यह सिलसिला लगातार जारी है.

गरीबों का सहारा बनी दीनदयाल रसोई

24 मार्च के बाद से शुरु हुए लॉकडाउन से छिंदवाड़ा में शुरू हुई दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों तक खाना पहुंचाने का काम किया गया था. जो अब किसी मिसाल से कम नहीं है रसोई में हर दिन करीब 20 हजार खाने के पैकेट बनाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा रहे हैं. ताकि कोई भूखा न रहे. इसके लिए निगम के कर्मचारी सुबह से ही खाना बनाने में जुट जाते हैं जो सिलसिला शाम तक चलता रहता है.

49 दिन में बांटे गए 9 लाख पैकेट

छिंदवाड़ा की दीनदयाल रसोई में अब तक 49 दिनों में नौ लाख भोजन के पैकेट बनाकर जरूरतमंदों को बांटे जा चुके हैं, शहर की हर बस्ती में जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचे इसके लिए नगर निगम ने अपने कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है. जो हर दिन भोजन पहुंचाने का काम करते हैं.

20 हजार पैकेट हर दिन बांटे जा रहे शहर में
20 हजार पैकेट हर दिन बांटे जा रहे शहर में

300 कर्मचारी हर दिन बनाते हैं 80 हजार रोटियां

दीनदयाल रसोई में करीब 300 कर्मचारी हर दिन खाना बनाने का काम कर रहे हैं. रसोई में हर दिन 80 हजार से ज्यादा रोटियां बनाई जाती हैं और 20 हजार से ज्यादा खाने के पैकेट तैयार किए जाते हैं. नगर-निगम कमिश्नर राजेश शाही ने बताया कि खाना बनाते समय सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. सोशल डिस्टेसिंग के साथ सेनिटाइजर और मॉस्क का इस्तेमाल किया जाता है. ताकि सुरक्षा और सावधानी दोनों बनी रहें.

हर दिन बनती है 80 हजार रोटियां
हर दिन बनती है 80 हजार रोटियां

नेताओं से लेकर बच्चों तक ने की है रसोई में मदद

नगर निगम कमिश्नर ने बताया कि दीनदयाल रसोई के संचालन के लिए शहर के सभी वर्ग आगे आए हैं. जिससे दान की कमी नहीं हुई और लगातार संचालन में मदद मिल रही है. नेताओं से लेकर शहर के बच्चों तक ने अपनी गुल्लक के पैसे रसोई का संचालन करने के लिए दिए हैं. किसी ने सब्जी पहुंचाई तो किसी ने अनाज और किसी ने नगदी रकम. जिससे हर दिन गरीबों को भोजन पहुंचाने में मदद मिल रही है. जनप्रतिनिधियों ने भी रसोई के संचालन में मदद की है.

सुबह से लेकर शाम तक बनता है खाना
सुबह से लेकर शाम तक बनता है खाना

समाजसेवी संगठन शुभम शिक्षा समिति कर रही संचालन

नगर निगम छिंदवाड़ा की सहायता से पूरी रसोई को संभालने का जिम्मा समाजसेवी संस्था शुभम शिक्षा समिति ने उठाया है. जो हर दिन लोगों से दान लेने से लेकर खाना बनाकर उसे जरूरतमंद तक पहुंचाने का काम करती है, समिति ने दानदाताओं की सूची भी रखी है जिसमें हर प्रकार के दानदाताओं का नाम है फिर वह चाहे सब्जी देने वाला हो या लाखों रुपए की नगदी. नगर निगम कमिश्नर का कहना है कि जब तक छिंदवाड़ा में जरुरत रहेगी, तब तक रसोई में खाना बनता रहेगा. इसलिए उन्होंने समाजसेवियों से भी रसोई में सहयोग करते रहने की अपील की है.

खाना बनाते कर्मचारी
खाना बनाते कर्मचारी
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