भोपाल। मानव सामाज के लिए रोटी, कपड़ा और मकान सबसे जरूरी चीजों में से एक है. इनमें भी रोटी यानी आनाज का महत्व हमारी जिंदगी में सबसे ज्यादा है. दुर्भाग्य की बात यह है कि आज भी दुनिया में हर साल लगभग 60 करोड़ से ज्यादा लोग दूषित खाने से बीमार पड़ते हैं, जबकि करीब 30 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है. लोगों को खाना और उसकी गुणवत्ता के महत्व को समझाने के लिए विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) की शुरुआत की गई थी.
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे के माध्यम से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने यह निर्धारित करने का फैसला किया कि हर व्यक्ति को अच्छा और पौष्टिक आहार मिले. खाद्य पदार्थों के उत्पादन, प्रसंस्करण, भंडारण और वितरण तक लोगों की सेहत का जरूर ध्यान रखा जाए. जिससे आम जनता का जीवन सुरक्षित हो और उन्हें एक स्वस्थ जिंदगी मिल सके.
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) हर साल 7 जून को मनाया जाता है. साल 2018 में इसकी शुरुआत की गई थी. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने इसकी शुरुआत की थी. वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे मनाने के पीछे सबसे बड़ी वजह है कि लोगों को दूषित खाने के प्रति सजग किया जाए.
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे की इस बार क्या है थीम
इस बार वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे की थीम ‘स्वस्थ्य कल के लिए आज का भोजन सुरक्षित’ है. माना जाता है कि अगर हमें स्वस्थ्य जीवन जीना है तो हमलारा भोजन सुरक्षित होना चाहिए. सुरक्षित भोजन से ही हम आने वाले समय में स्वस्थ्य रह सकते हैं. इसलिए आज का अच्छा आहार हमारे कल को सुरक्षित करता है.
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आंकड़ों पर डालें नजर
विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से बताया गया है कि दूषित भोजन करने से हर साल 10 में से एक व्यक्ति बीमार होता है. दुनियाभर में बीमारों का यह आंकड़ा लगभग 60 करोड़ पार है, जिसमें से 30 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है. इसमें बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल एक लाख से ज्यादा बच्चे दूषित खाना खाने से मौत के मुंह में समा जाते हैं.
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मध्य प्रदेश में पोषण नीति-2020 को मंजूरी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश के सभी समुदायों को पोषण एवं स्वास्थ्य की व्यापक सुरक्षा प्रदान करने तथा उन्हें सक्षम बनाने, समुदाय विशेषकर बच्चों, किशोरों और महिलाओं को उपयुक्त पोषण और बेहतर स्वास्थ्य के स्तर को प्राप्त कर 'सुपोषित मध्यप्रदेश' की संकल्पना को साकार करने के लिए महिला बाल विकास विभाग द्वारा तैयार की गई राज्य की पोषण नीति-2020 मंजूरी दी.