भोपाल। मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस चुनाव के लिए आज से शुरू हुए मतदान को लेकर युवा कांग्रेस सदस्यों में जमकर उत्साह देखने को मिल रहा है. करीब साढे़ तीन लाख युवा कांग्रेस के सदस्य 9 प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदारों में से अपने प्रदेश अध्यक्ष का चयन करेंगे. प्रदेश अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे एनएसयूआई प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने ईटीवी से भारत से खास बातचीत में अपनी जीत का भरोसा जताया है.
मप्र का युवा उत्साह पूर्वक मतदान में ले रहा है हिस्सा
विवेक त्रिपाठी ने कहा कि मध्य प्रदेश के युवाओं इस तरीके को सराहा है और लगभग साढे़ तीन लाख युवा इस अभियान से जुड़े हैं. 'मैं समझता हूं कि यह पहला राजनीतिक दल है, जो पूरी तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया से अपने पदाधिकारियों का चयन करता है. मध्य प्रदेश के युवा इन चुनाव में उत्साह पूर्वक भागीदारी सुनिश्चित करा रहे हैं. मैं समझता हूं कि 10 दिन बाद युवा कांग्रेस को जमीनी कार्यकर्ता के रूप में प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा'.
एनएसयूआई ने कराई सबसे ज्यादा सदस्यता, इसलिए जीत का भरोसा
विवेक त्रिपाठी का कहना है कि सबसे ज्यादा सदस्यता मध्यप्रदेश में एनएसयूआई करवाई है. 7 साल बाद चुनाव हो रहा है, सभी एनएसयूआई के कार्यकर्ता युवा कांग्रेस में आकर काम करना चाहते हैं. विवेक त्रिपाठी ने कहा कि 'मेरी पूरी टीम ने सबसे अधिक सदस्यता कराई है. सभी मिलकर चुनाव लड़ा रहे हैं और हमें भरोसा है कि मेरी टीम की जीत होगी'.
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विपिन वानखेड़े ने दिया विवेक त्रिपाठी को समर्थन
मप्र एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष और हाल ही में आगर मालवा से विधायक चुने गए विपिन वानखेड़े ने अपनी उम्मीदवारी वापस लेते हुए विवेक त्रिपाठी को समर्थन दिया है. विवेक त्रिपाठी का कहना है कि विपिन वानखेड़े आगर मालवा से विधायक बन चुके हैं. उनका नामांकन मार्च में भरा गया था, तब वह विधायक नहीं थे. अब विधायक के रुप में विधानसभा में युवाओं की आवाज को सशक्त करने वाले हैं. इसलिए उन्होंने नाम वापस ले लिया है.
दिग्गजों के हस्तक्षेप का नहीं पड़ेगा कोई असर
पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ विक्रांत भूरिया को दिग्विजय सिंह के समर्थन और संजय यादव को जीतू पटवारी और कुणाल चौधरी के समर्थन को लेकर विवेक त्रिपाठी का कहना है कि मध्य प्रदेश का युवा समझदार है. मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में ऐसे सशक्त कार्यकर्ता की आवश्यकता है, जो उनकी आवाज को मुखरता से उठा सके और उनके सम्मान की लड़ाई लड़ सके. प्रदेश का युवा स्वविवेक से बिना किसी दबाव के निर्णय लेगा और अपने किसी साथी को अध्यक्ष सुनेगा.