भोपाल। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद को देशद्रोही करार दिया है, दरअसल सारंग ने तिरंगा वितरण पर सवाल उठाने वाले मसूद को जवाब देते हुए कहा कि, "आरिफ मसूद और दिग्विजय सिंह जैसे लोग ही पाकिस्तान परस्ती में लगे रहते हैं, इनका बस चले तो यह हिंदुस्तान का तिरंगा छोड़ पाकिस्तान का झंडा बेचने निकलें." (Vishwas Sarang Slams congress) (Har Ghar Tiranga Campaign)
आरिफ मसूद का भाजपा ने किया घेराव: देशभर में बीजेपी 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान को लेकर आगे बढ़ रही है और ऐसे में लोगों का भी बेहतर माहौल बना हुआ है, लेकिन बीजेपी हर जगह तिरंगा वितरण केंद्र लगाकर झंडे को सशुल्क बेच रही है. इसको लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा था और भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने इसके विपरीत निशुल्क तिरंगा देने की बात कही थी. आरिफ मसूद ने बीजेपी के झंडा वितरण को सशुल्क दिए जाने पर आपत्ति उठाते हुए इसे खुद के द्वारा निशुल्क दिए जाने की बात कही थी, जिसके बाद अब बीजेपी ने सवाल उठाने पर आरिफ मसूद को घेरा है.
देश हित के काम से कांग्रेस नेताओं के पेट में दर्द: मामले में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आरिफ मसूद को देशद्रोही तक करार दिया है. सारंग ने कहा कि "दिग्विजय सिंह और आरिफ मसूद जैसे लोग ही पाकिस्तान की परस्ती करते हुए इस तरह की बातें करते हैं, आरिफ मसूद भूल गए की गदर फिल्म के दौरान इन्होंने ही भोपाल में गदर मचाते हुए दंगे कराए थे और यह वही व्यक्ति हैं जो हर बार पाकिस्तान की बात करते हैं. बीजेपी जब भी देश हित में कोई काम करती है, तो कांग्रेस के इन नेताओं के पेट में दर्द होता है. यह तो सिर्फ नेहरु परस्ती जानते हैं, और नेहरू की परस्ती करते हैं. इन लोगों का बस चले तो यह भारत का झंडा बेचने की जगह पाकिस्तान का झंडा बेचें."
कांग्रेस भी करे तिरंगे का सम्मान: फिलहाल इस मामले में आरिफ मसूद की ओर से कोई जवाब नहीं आया है, बताया जा रहा है कि वह हज यात्रियों से मिलने के लिए मुंबई गए हुए हैं. लेकिन तिरंगे झंडे पर सियासत लगातार जारी है, इधर बीजेपी के मंत्री सारंग का कहना है कि अगर कमलनाथ तिरंगा यात्रा निकालते हैं या अन्य कांग्रेसी भी तिरंगे के सम्मान में यात्रा निकालते हैं तो यह अच्छी बात है. क्योंकि बीजेपी का उद्देश्य ही है कि हर व्यक्ति तिरंगे को साथ लेकर चले, लेकिन कांग्रेस ध्यान रखें कि तिरंगे का सम्मान करें ना कि अपमान.