भोपाल। मध्य प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी ही कोरोना से बचाव को लेकर किए जाने वाले उपायों की धज्जियां उड़ा रही है. ये सब सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के आला नेताओं के सामने ही हो रहा है. ग्वालियर में बीजेपी सदस्यता अभियान के दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकजुट हुए और पार्टी के तमाम नेता उनकी आवभगत में लगे रहे. उधर इसको लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है.
हालांकि जब इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता और सरकार में नगरीय आवास एवं प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कोई भी कार्यक्रम होता है, तो कोशिश यही होती है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए. साथ ही लगातार लोगों से मास्क पहनने को लेकर अपील की जा रही है. सरकार इसको लेकर गंभीर है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने की कोशिश की जा रही है.
ऐसे कैसे रुकेगी कोरोना की रफ्तार-
मंत्री भले ही कुछ भी सफाई दें, लेकिन सवाल उठ रहा है कि जब सत्ताधारी पार्टी ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रही तो मध्यप्रदेश में कोरोना की रफ्तार कैसे रुकेगी. जबकि मध्यप्रदेश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 12 हजार पहुंचने को है. प्रदेश में अब हर रोज 12 सौ से ज्यादा कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं. मध्यप्रदेश का ऐसा कोई भी जिला नहीं है जो अब कोरोना वायरस से अछूता हो. कोरोना की भयावहता समझी जा सकती है कि प्रदेश के 33 जिलों में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 100 से ज्यादा है. जिस ग्वालियर जिले में सूबे के मुखिया के सामने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं, उसमें ही 954 एक्टिव मरीज हैं और सोमवार को यहां 88 नए प्रकरण सामने आए थे. हालांकि प्रदेश के गृह मंत्री रटा रटाया जवाब पेश करते हैं की प्रदेश में रिकवरी रेट पहले से बेहतर है और जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक हमें इससे बचाव के इंतजाम ही करना होंगे.
अब तक आठ मंत्री और 18 बीजेपी विधायक संक्रमित-
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करने और सुरक्षा उपायों को ना अपनाने की वजह से मध्यप्रदेश सरकार के 6 से ज्यादा मंत्री कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग कोरोना से पूरी तरह स्वस्थ हो पाए कि उससे पहले ही सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव कोरोना पॉजिटिव आ गए. स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी भी कोरोना संक्रमित हैं. इसके अलावा तुलसी सिलावट, रामखेलावन पटेल, अरविंद भदौरिया, ओमप्रकाश सकलेचा संक्रमित हो चुके हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कोरोना से नहीं बच सके हैं.