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विकास दुबे मामले में MP पुलिस पर उठे सवाल, सीनियर एडवोकेट अजय गुप्ता ने उठाई जांच की मांग

सीनियर एडवोकेट अजय गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में एनकाउंटर में एमपी पुलिस की भूमिका को नकारा है, लेकिन अजय गुप्ता ने विकास दुबे के खुले में घूमते रहने को पुलिस की नाकामी बताया है

Senior Advocate Ajay Gupta
सीनियर एडवोकेट अजय गुप्ता
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Published : Jul 11, 2020, 4:30 PM IST

Updated : Jul 12, 2020, 5:57 PM IST

भोपाल। उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी से लेकर एनकाउंटर तक के पूरे घटनाक्रम पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. इस मामले पर राजधानी के सीनियर एडवोकेट अजय गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में एनकाउंटर में एमपी पुलिस की भूमिका से नकारा है, लेकिन अजय गुप्ता ने विकास दुबे के खुले में घूमते रहने को पुलिस की नाकामी बताया है. एडवोकेट अजय गुप्ता ने कहा की एनकाउंटर में मध्यप्रदेश पुलिस की कोई भूमिका नहीं रही होगी. लेकिन विकास दुबे जैसा दुर्दांत अपराधी मध्यप्रदेश में घूमता रहा और पुलिस को भनक तक नहीं लगी इस मामले में जरूर मध्य प्रदेश पुलिस की जांच होनी चाहिए.

सीनियर एडवोकेट अजय गुप्ता ने उठाई जांच की मांग

MP पुलिस की भूमिका की हो जांच
सीनियर वकील अजय गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए मध्य प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाया है. उन्होंने कहा कि एनकाउंटर मामले में तो मध्य प्रदेश पुलिस की शायद कोई भूमिका नहीं रही होगी लेकिन इतना बड़ा अपराधी मध्यप्रदेश में कैसे आया और कहां कहां छुपा रहा और किस-किस ने उसकी मदद की यह सभी सवाल अभी भी अनसुलझे हैं. लिहाजा इस पूरे मामले में मध्य प्रदेश पुलिस की जांच की जानी चाहिए.

UP पुलिस कर रही अधिकारों का दुरुपयोग
अजय गुप्ता ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने नाटकीय तरीके से विकास दुबे का एनकाउंटर किया है. अगर विकास दुबे भागने की कोशिश भी कर रहा था तो पुलिस उसके पैरों पर गोली चला सकती थी. सीने पर गोली मारने की क्या जरूरत थी. उन्होंने कहा कि अगर विकास दुबे को कोर्ट में पेश किया जाता तो भी उसका अपराध इतना संगीन था कि उसे निश्चित तौर पर फांसी की सजा होती, लेकिन अब पुलिस राज शुरू हो गया है. माना कि पुलिस को बचाव में गोली चलाने का अधिकार होता है लेकिन पुलिस इस अधिकार का दुरुपयोग कर रही है.

उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद कानपुर में एनकाउंटर
उज्जैन के महाकाल मंदिर से उत्तर प्रदेश के दुर्दांत अपराधी और 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस में गिरफ्तार किया था. हालांकि पुलिस ने न तो कोई एफआईआर दर्ज की और ना ही विकास दुबे को कोर्ट में पेश किया. उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे को सीधे उत्तर प्रदेश एसटीएफ के हवाले कर दिया, जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस में विकास दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया गया, यह पूरा घटनाक्रम किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगता है, इसी कारण लगातार इस पूरे मामले पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

भोपाल। उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी से लेकर एनकाउंटर तक के पूरे घटनाक्रम पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. इस मामले पर राजधानी के सीनियर एडवोकेट अजय गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में एनकाउंटर में एमपी पुलिस की भूमिका से नकारा है, लेकिन अजय गुप्ता ने विकास दुबे के खुले में घूमते रहने को पुलिस की नाकामी बताया है. एडवोकेट अजय गुप्ता ने कहा की एनकाउंटर में मध्यप्रदेश पुलिस की कोई भूमिका नहीं रही होगी. लेकिन विकास दुबे जैसा दुर्दांत अपराधी मध्यप्रदेश में घूमता रहा और पुलिस को भनक तक नहीं लगी इस मामले में जरूर मध्य प्रदेश पुलिस की जांच होनी चाहिए.

सीनियर एडवोकेट अजय गुप्ता ने उठाई जांच की मांग

MP पुलिस की भूमिका की हो जांच
सीनियर वकील अजय गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए मध्य प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाया है. उन्होंने कहा कि एनकाउंटर मामले में तो मध्य प्रदेश पुलिस की शायद कोई भूमिका नहीं रही होगी लेकिन इतना बड़ा अपराधी मध्यप्रदेश में कैसे आया और कहां कहां छुपा रहा और किस-किस ने उसकी मदद की यह सभी सवाल अभी भी अनसुलझे हैं. लिहाजा इस पूरे मामले में मध्य प्रदेश पुलिस की जांच की जानी चाहिए.

UP पुलिस कर रही अधिकारों का दुरुपयोग
अजय गुप्ता ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने नाटकीय तरीके से विकास दुबे का एनकाउंटर किया है. अगर विकास दुबे भागने की कोशिश भी कर रहा था तो पुलिस उसके पैरों पर गोली चला सकती थी. सीने पर गोली मारने की क्या जरूरत थी. उन्होंने कहा कि अगर विकास दुबे को कोर्ट में पेश किया जाता तो भी उसका अपराध इतना संगीन था कि उसे निश्चित तौर पर फांसी की सजा होती, लेकिन अब पुलिस राज शुरू हो गया है. माना कि पुलिस को बचाव में गोली चलाने का अधिकार होता है लेकिन पुलिस इस अधिकार का दुरुपयोग कर रही है.

उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद कानपुर में एनकाउंटर
उज्जैन के महाकाल मंदिर से उत्तर प्रदेश के दुर्दांत अपराधी और 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस में गिरफ्तार किया था. हालांकि पुलिस ने न तो कोई एफआईआर दर्ज की और ना ही विकास दुबे को कोर्ट में पेश किया. उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे को सीधे उत्तर प्रदेश एसटीएफ के हवाले कर दिया, जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस में विकास दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया गया, यह पूरा घटनाक्रम किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगता है, इसी कारण लगातार इस पूरे मामले पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

Last Updated : Jul 12, 2020, 5:57 PM IST
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