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परिसीमन के बाद ही प्रदेश में होंगे नगरीय निकाय चुनावः जयवर्धन सिंह - निकाय चुनाव

नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने नगरीय निकाय चुनावों पर कहा कि अभी राज्य में निकाय चुनाव नहीं होंगे. फिलहाल सरकार परिसीमन के काम में व्यस्त है. जब परिसमीन का काम पूरा हो जाएगा, उसके बाद ही निकाय चुनाव होंगे.

jaybhardhan singh
जयवर्धन सिंह
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Published : Dec 24, 2019, 8:35 PM IST

भोपाल। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में नगर-निकाय चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मध्यप्रदेश में भी नगर निकाय चुनावों की चर्चा तेज हो गई थी, जिस पर नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने पूर्णविराम लगा दिया है. सिंह ने कहा कि प्रदेश में अभी इस तरह की कोई तैयारी नहीं चल रही है.

जयवर्धन सिंह, नगरीय प्रशासन मंत्री

मंत्री ने कहा कि फिलहाल अभी नगरी निकाय चुनाव नहीं होंगे. सरकार पहले परिसीमन की प्रक्रिया पूरी कर रही है. इसके बाद ही निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. 16 फरवरी को प्रदेश के अधिकतर नगर-सरकारों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. कार्यकाल खत्म होने के बाद सरकार प्रशासक को नियुक्त कर देगी. यानि जब तक चुनाव नहीं होंगे, तब तक प्रदेश सरकार ही प्रशासक के जरिये नगर सरकार पर कंट्रोल रखेगी.

इस बार राज्य सरकार ने महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया में बदलाव किया है. अब तक जनता इन दोनों पदों के लिए प्रतिनिधि चुनती थी, लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया गया है. नए नियम के तहत अब जिस पार्टी के ज्यादा पार्षद होंगे, उसी का महापौर होगा, यानि महापौर का चुनाव अब सीधे जनता नहीं करेगी, बल्कि सभी पार्षद मिलकर महापौर का चुनाव करेंगे.

भोपाल। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में नगर-निकाय चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मध्यप्रदेश में भी नगर निकाय चुनावों की चर्चा तेज हो गई थी, जिस पर नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने पूर्णविराम लगा दिया है. सिंह ने कहा कि प्रदेश में अभी इस तरह की कोई तैयारी नहीं चल रही है.

जयवर्धन सिंह, नगरीय प्रशासन मंत्री

मंत्री ने कहा कि फिलहाल अभी नगरी निकाय चुनाव नहीं होंगे. सरकार पहले परिसीमन की प्रक्रिया पूरी कर रही है. इसके बाद ही निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. 16 फरवरी को प्रदेश के अधिकतर नगर-सरकारों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. कार्यकाल खत्म होने के बाद सरकार प्रशासक को नियुक्त कर देगी. यानि जब तक चुनाव नहीं होंगे, तब तक प्रदेश सरकार ही प्रशासक के जरिये नगर सरकार पर कंट्रोल रखेगी.

इस बार राज्य सरकार ने महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया में बदलाव किया है. अब तक जनता इन दोनों पदों के लिए प्रतिनिधि चुनती थी, लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया गया है. नए नियम के तहत अब जिस पार्टी के ज्यादा पार्षद होंगे, उसी का महापौर होगा, यानि महापौर का चुनाव अब सीधे जनता नहीं करेगी, बल्कि सभी पार्षद मिलकर महापौर का चुनाव करेंगे.

Intro:मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भले ही नगर निगम और नगर पंचायत के चुनाव हो गए हैं लेकिन मध्य प्रदेश में फिलहाल चुनाव की उम्मीद कम ही नजर आ रही है...


Body:नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह का नगरी निकाय चुनाव को लेकर कहना है कि....अभी फिलहाल नगरी निकाय के चुनाव नहीं होना है पहले परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होगी उसके बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी....16 फरवरी को नगर सरकार के कार्यकाल खत्म हो रहा है कार्यकाल खत्म होने के बाद सरकार प्रशासक को नियुक्त कर देगी यानी जब तक चुनाव नहीं होंगे तबतक प्रदेश सरकार ही प्रशासक के जरिये नगर सरकार पर कंट्रोल रखेगी....


Conclusion:बता दें इस बार राज्य सरकार ने महापौर चुनने की प्रक्रिया में बदलाव किया है पहले जनता के द्वारा महापौर को चुना जाता था.... लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है अब जिस पार्टी के ज्यादा पार्षद होंगे उसका महापौर होगा यानी महापौर चुनाव अब सीधे जनता द्वारा नहीं पार्षदों द्वारा होंगे....

बाइट, जयवर्धन सिंह, नगरीय प्रशासन मंत्री
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