भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आमिर खान,सलमान खान, शाहरुख खान को आईना दिखाया है. उमा भारती ने फ़िल्म स्टार्स पर उमा भारती ने बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि फिल्मस्टार को पॉलिटिकल कमेंट नहीं करना चाहिए, उन्होंने बयान दिया है कि कई फिल्मस्टार के अंदर नफरत का जहर भरा हुआ है. उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा है कि आमिर खान, सलमान खान, शाहरुख खान जैसे आर्टिस्ट तब कहां थे जब सर तन से जुदा जैसा नारा लगा, तब इन्हें देश में डर नही लगा. उमा भारती ने पूछा है कि तब अवॉर्ड वापसी गैंग कहा थी.
नसीरुद्दीन शाह को नफरत भरा कलाकार: फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती ने खुलासा किया और कहा कि जब वे केंद्र में मिनिस्टर थीं. 90 के दशक में नसरुद्दीन शाह से मैंने बात करने की कोशिश की थी, लेकिन उनके अंदर जबरदस्त नफरत भरी हैं, उनकी आंखें मैं कभी भूल नहीं सकती, ऐसे लोगों की हम फिल्में देखते हैं, अयोध्या ,मथुरा काशी पर बाहर बैठकर समझौता होना चाहिए था ,लेकिन ऐसा नहीं हुआ, ऐसे लैंड डिस्प्यूट में कोर्ट के बाहर भी फैसला हो सकता है.Uma Bharti U TURN सीएम से बातचीत के बाद 2 अक्टूबर को होने वाला आंदोलन निरस्त, बोली-शराब MP की नहीं पूरे देश की समस्या
काशी मथुरा हमारे दिल में: ज्ञानवापी मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का कहना है कि आज मेरे लिए पितृ पक्ष में महत्वपूर्ण निर्णय सुनने को मिला है, कि ज्ञानवापी पर याचिका सुनवाई के योग्य है, ये हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है, काशी मथुरा अयोध्या हमारे हृदय के विषय हैं. 1991 के एक्ट का पालन हो रहा है, जब ये विधेयक आया तो मैं इसमें प्रमुख वक्ता थी, मैंने तब भी कहा था इसमें अयोध्या को जोडा गया है, कृपया मथुरा और काशी को भी जोड़ा जाए. तब ऐसा नहीं होने पर हमने इसका बहिष्कार किया था, मैं चाहती हूं कि ये याचिका शुरुआत है, जब राम मंदिर की बात हुई तो फैसला सबने सुना, हमारी कामना है कि आगे भी ऐसा हो. उन्होंने लोगों से अपील की जो याचिका है उसपर हमें उत्तेजित नहीं होना है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम और हिंदू समाज में अंतर है, हिंदू समाज देवी देवताओं के खिलाफ सुन सकता है, मुस्लिम अपने नबी के खिलाफ नहीं सुन सकता.
मुस्लिम बड़ीं संख्या में हैं, अब वे अल्पसंख्यक नहीं: उमा भारती ने कहा कि इस देश में मुस्लिम बड़ी संख्या में रहते हैं, मेरे पास जो संख्या है उसके हिसाब से वो अल्पसंख्यक नहीं कहलाएंगे लेकिन वो हैं. उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि आक्रांताओं की यादें जब तक रहेंगी, तब तक शांति नहीं रह सकतीं, मैं चाहती हूं कि मथुरा का मामला भी सामने आए.ये मामला भी न्यायालय में सुना जाए और उसका भी निर्णय हो.