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कमलनाथ सरकार ने बुलाया दो दिन का विधानसभा सत्र, SC-ST आरक्षण का लाया जाएगा संकल्प

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Published : Jan 6, 2020, 9:01 AM IST

लोकसभा और राज्यसभा से अनुसूचित जाति जनजाति के आरक्षण को 10 साल के लिए बढ़ा दिया है. प्रदेश की कमलनाथ सरकार भी विधानसभा में आरक्षण का समर्थन लाने के लिए विधानसभा का दो दिवसीय विशेष शीतकालीन सत्र बुलावाया है. जिसमें आरक्षण के समर्थन में संकल्प लाया जाएगा.

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विधानसभा

भोपाल। 16 और 17 जनवरी को मध्य प्रदेश विधानसभा का विशेष शीतकालीन सत्र आयोजित किया गया है. जिसमें कमलनाथ सरकार अनुसूचित जाति जनजाति के आरक्षण को 10 साल के लिए और बढ़ाए जाने का संकल्प लाएगी. लोकसभा और राज्यसभा में यह आरक्षण 10 साल के लिए बढ़ाया गया है जिसके अनुसमर्थन के लिए देश भर की विधानसभाओं से संकल्प पारित कराया जाना है.

दो दिन चलेगा विधानसभा का विशेष शीतकालीन सत्र


संविधान में अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण की व्यवस्था की गई है जिसकी अवधि 25 जनवरी को खत्म हो रही हैं. केंद्र सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में इसे 10 साल के लिए और बढ़ाये जाने पर मुहर लगा दी है. लेकिन दो सदनों के अलावा देश की करीब 50 फीसदी विधानसभाओं से इसका अनुसमर्थन जरूरी है. जिसके लिए राज्यसभा सचिवालय ने सभी विधानसभाओं से अनुसमर्थन के लिए 10 जनवरी की तारीख दी है. जिसकी प्रक्रिया चल रही है.


शीतकालीन सत्र के स्थगित होने के चलते नहीं आ पाया था संकल्प
हाल ही में आयोजित हुए मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के चलते यह अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण का संकल्प पेश नहीं हो पाया था. जबकि सीएम कमलनाथ भी दिल्ली दौरे पर गए थे. लेकिन मुख्यमंत्री के प्रदेश लौटने पर शीतकालीन सत्र की दो विशेष बैठकों को बुलाने का फैसला हुआ है.


सैद्धांतिक रूप से दो विशेष बैठकें 16 और 17 जनवरी को होना तय किया गया है. पहले दिन विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर कार्यवाही को अगले दिन के लिए स्थगित कर दिया जाएगा. जबकि दूसरे दिन सरकार आरक्षण को 10 साल के लिए आगे बढ़ाने का संकल्प लाया जाएगा. राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों की मध्य प्रदेश के अधिकारियों से चर्चा हुई है. जिसके बाद 15 जनवरी तक हमें समर्थन हो जाने पर इसे समायोजित करने का आश्वासन दिया था.

भोपाल। 16 और 17 जनवरी को मध्य प्रदेश विधानसभा का विशेष शीतकालीन सत्र आयोजित किया गया है. जिसमें कमलनाथ सरकार अनुसूचित जाति जनजाति के आरक्षण को 10 साल के लिए और बढ़ाए जाने का संकल्प लाएगी. लोकसभा और राज्यसभा में यह आरक्षण 10 साल के लिए बढ़ाया गया है जिसके अनुसमर्थन के लिए देश भर की विधानसभाओं से संकल्प पारित कराया जाना है.

दो दिन चलेगा विधानसभा का विशेष शीतकालीन सत्र


संविधान में अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण की व्यवस्था की गई है जिसकी अवधि 25 जनवरी को खत्म हो रही हैं. केंद्र सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में इसे 10 साल के लिए और बढ़ाये जाने पर मुहर लगा दी है. लेकिन दो सदनों के अलावा देश की करीब 50 फीसदी विधानसभाओं से इसका अनुसमर्थन जरूरी है. जिसके लिए राज्यसभा सचिवालय ने सभी विधानसभाओं से अनुसमर्थन के लिए 10 जनवरी की तारीख दी है. जिसकी प्रक्रिया चल रही है.


शीतकालीन सत्र के स्थगित होने के चलते नहीं आ पाया था संकल्प
हाल ही में आयोजित हुए मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के चलते यह अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण का संकल्प पेश नहीं हो पाया था. जबकि सीएम कमलनाथ भी दिल्ली दौरे पर गए थे. लेकिन मुख्यमंत्री के प्रदेश लौटने पर शीतकालीन सत्र की दो विशेष बैठकों को बुलाने का फैसला हुआ है.


सैद्धांतिक रूप से दो विशेष बैठकें 16 और 17 जनवरी को होना तय किया गया है. पहले दिन विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर कार्यवाही को अगले दिन के लिए स्थगित कर दिया जाएगा. जबकि दूसरे दिन सरकार आरक्षण को 10 साल के लिए आगे बढ़ाने का संकल्प लाया जाएगा. राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों की मध्य प्रदेश के अधिकारियों से चर्चा हुई है. जिसके बाद 15 जनवरी तक हमें समर्थन हो जाने पर इसे समायोजित करने का आश्वासन दिया था.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की 2:00 बजे स्पीड क्या है 16 और 17 जनवरी को होने जा रही है। दो दिनी विधानसभा सत्र में अनुसूचित जाति जनजाति के आरक्षण को 10 साल के लिए और बढ़ाए जाने का संकल्प लाया जाएगा। लोकसभा और राज्यसभा में आरक्षण 10 साल के लिए बढ़ाया गया है जिसके अनुसमर्थन के लिए देश भर की विधानसभाओं से संकल्प पारित कराया जाना है।


Body:संविधान में अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण की व्यवस्था की गई है जिसकी अवधि 25 जनवरी को खत्म हो रही है लोकसभा और राज्यसभा में से 10 साल के लिए और बढ़ाये जाने पर मोहर लगा दी है, लेकिन दो सदनों के अलावा देश की करीब 50 फीसदी विधानसभाओं से इसका अनु समर्थन जरूरी है। राज्यसभा सचिवालय ने सभी विधानसभाओं से अनुसमर्थन के लिए 10 जनवरी की तारीख दी है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की निर्धारित बैठकों के पहले ही 20 दिसंबर को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थिगत कर दी गई थी। राज्यसभा सचिवालय की सूचना इसके बाद आई थी। मुख्यमंत्री के प्रदेश लौटने पर शीतकालीन सत्र की दो विशेष बैठकों को बुलाने का फैसला हुआ है ।सैद्धांतिक रूप से दो विशेष बैठकें 16 और 17 जनवरी को होना तय किया गया है। पहले दिन विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर कार्रवाई को अगले दिन के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। दूसरे दिन सरकार आरक्षण को 10 साल के लिए आगे बढ़ाने का संकल्प लाएगी। राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों की मध्य प्रदेश के अधिकारियों से चर्चा हुई थी और 15 जनवरी तक हमें समर्थन हो जाने पर इसे समायोजित करने का आश्वासन दिया था।


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