भोपाल। राजधानी के राष्ट्रीय वन विहार में शनिवार को नए मेहमान की आमद हुई. मंडला के कान्हा टाइगर रिजर्व के घोड़ेला बाड़े में रखे गए नर बाघ को राजधानी के वन विहार लाया गया, जहां उसे 'शरण' नाम दिया गया है. फिलहाल इस बाघ को 7 दिन का क्वारंटाइन दिया गया है. क्वारंटाइन पूरा होने के बाद, वन विहार प्रबंधन तय करेगा कि, इस बाघ को डिस्प्ले में रखा जाए या नहीं.
मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक महाराष्ट्र के मुताबिक इस बाघ ने अमरावती जिले में दो लोगों पर जानलेवा हमला किया था. इसके बाद, दिसंबर 2018 में भटक कर यह बैतूल आ गया. इस बाघ को 11 दिसंबर 2018 को बैतूल के सारणी कस्बे के रिहायशी इलाके से रेस्क्यू किया गया था. इसके बाद, इस बाघ को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के प्राकृतिक रहवास में छोड़ा गया था. जहां ये बाघ एक बार फिर रिहायशी इलाके में पहुंच गया और कस्बे के कुछ लोगों पर जानलेवा हमला कर दिया.
वन विहार में बाघों की संख्या बढ़कर 14 हुई
बाघ शरण के वन विहार में आने के बाद, वन विहार में बाघों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है. अब तक खुले में रहने का आदी शरण अब वन विहार में रहने को मजबूर होगा, ताकि लोगों को नुकसान ना पहुंच सके.