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नगर निगम का स्वच्छता अभियान बना औपचारिकता, राजधानी में नहीं है बारिश से निपटने की तैयारी

मानसून के आगाज में सिर्फ कुछ दिन बचे हैं, लेकिन भोपाल में नालों की स्थिति अभी तक बदहाल बनी हुई है. नालों की सफाई के लिए भोपाल नगर निगम विशेष अभियान भी चला रहा है, लेकिन वो सिर्फ औपचारिकता बनाकर रह गया है. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट...

Cleanliness campaign becomes formality
स्वच्छता अभियान बना औपचारिकता
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Published : Jun 18, 2020, 1:15 AM IST

Updated : Jun 18, 2020, 10:26 PM IST

भोपाल। मानसून के आगाज में सिर्फ कुछ दिन बचे हैं, लेकिन भोपाल में नालों की स्थिति अभी तक बदहाल बनी हुई है. नालों की सफाई के लिए भोपाल नगर निगम विशेष अभियान भी चला रहा है, लेकिन वो सिर्फ औपचारिकता बनाकर रह गया है. बारिश से पहले भोपाल के बड़े नालों की तस्वीरें खुद बयां कर रही है कि बारिश के दौरान शहर का क्या हाल होने वाला है. सफाई व्यवस्था को लेकर निगम अधिकारियों के बीच में रोजाना होने वाली समीक्षा बैठके सिर्फ बंद कमरों में ही सीमित नजर आ रही है, क्योंकि जमीनी स्तर पर देखें तो नालों की स्थिति साल दर साल बदतर होती जा रही.

स्वच्छता अभियान बना औपचारिकता

अधिकारी देंते हैं तसल्ली
राजधानी भोपाल में पिछले करीब 10 सालों के आंकड़े देखा जाए तो तेज बारिश की स्थिति में घरों में पानी घुसने की समस्या से शहर को अभी तक निजात नहीं मिल पाई है. नगर निगम ने इस संबंध में कई कार्य योजनाएं भी बनाई गई हैं, लेकिन अभी तक इन योजनाओं से किसी तरह का फायदा बारिश के दौरान रहवासियों को नहीं मिल पाया है. हाल ही में भोपाल नगर निगम की कमान संभालने वाले कमिश्नर बीएस चौधरी का कहना है कि नालों की सफाई का काम चल रहा है. वहीं कई ऐसे नाले हैं जहां अबी सफाई की जानी है, वहीं अपर आयुक्त पवन सिंह का कहना है कि 810 नालों में 8 पोकलेन मशीन कुछ जेसीबी मशीनों से सफाई की गई है, लेकिन नालों के पास से अतिक्रमण हटाने की जानकारी अभी नहीं है.

स्वच्छता अभियान बना औपचारिकता

बारिश से बिगड़ सकते हैं हालात
बात पुराने शहर की करें तो 2 साल पहले जिन क्षेत्रों में नालों के पानी ने तबाही मचाई थी. अभी तक उनकी सही तरीके से सफाई नहीं हुई है, जिसमें ऐशबाग के पास महामाई बाग का नाला, कम्मू खां का नाला, चांदबड का नाला और बिस्मिल्लाह कॉलोनी का नाला है, जिनका पानी पिछले साल बारिश के दौरान घरों में घुसा था. इतना ही नहीं यहां पर 3 साल पहले एक युवक की नाले में गिरकर मौत भी हो गई थी, लेकिन उसके बाद भी निगम ने अभी तक कोई सबक नहीं लिया है. नालों की सफाई गहराई तक नहीं की गई है, जिस कारण कालोनियों में जलभराव की स्थिति बनी रहती है. मौसम विभाग इस साल राजधानी में अच्छी बारिश होने का अनुमान लगा रहा है, जिससे यह संकट और भी बढ़ने वाला है.

ये नाले मचा सकते हैं तबाही
शहर में 810 छोटे बड़े नाले हैं, मार्च से अभी तक निगम कुछ ही नालों की ही सफाई कर पाया है. जिस पर लाखों रुपए खर्च भी हो चुके हैं. राजधानी भोपाल में कुछ ऐसे नाले हैं, जो शहर के मुख्य स्थानों पर हैं, जिससे बारिश के दौरान तबाही मच सकती है. इनमें से मुख्य हैं, 80 फीट रोड का नाला, 5 नंबर क्षेत्र का नाला, कोलार का नाला, 12 नंबर क्षेत्र का बाणगंगा नाला, एमपी नगर जोन वन का नाला, गुलमोहर के पास का नाला, नेहरू नगर और अशोका गार्डन क्षेत्र का नाला और सैफिया कॉलेज के पास का बड़ा नाला शामिल है. इन नालों के आस पास शहर की एक बड़ी आवादी रहती है. अगर निगम का यही रवैया बना रहा और समय से नालों का सफाई नहीं हुई तो बारिश के दौरान यहां पिछले सालों से भी बदतर हालत होने के असार हैं.

भोपाल। मानसून के आगाज में सिर्फ कुछ दिन बचे हैं, लेकिन भोपाल में नालों की स्थिति अभी तक बदहाल बनी हुई है. नालों की सफाई के लिए भोपाल नगर निगम विशेष अभियान भी चला रहा है, लेकिन वो सिर्फ औपचारिकता बनाकर रह गया है. बारिश से पहले भोपाल के बड़े नालों की तस्वीरें खुद बयां कर रही है कि बारिश के दौरान शहर का क्या हाल होने वाला है. सफाई व्यवस्था को लेकर निगम अधिकारियों के बीच में रोजाना होने वाली समीक्षा बैठके सिर्फ बंद कमरों में ही सीमित नजर आ रही है, क्योंकि जमीनी स्तर पर देखें तो नालों की स्थिति साल दर साल बदतर होती जा रही.

स्वच्छता अभियान बना औपचारिकता

अधिकारी देंते हैं तसल्ली
राजधानी भोपाल में पिछले करीब 10 सालों के आंकड़े देखा जाए तो तेज बारिश की स्थिति में घरों में पानी घुसने की समस्या से शहर को अभी तक निजात नहीं मिल पाई है. नगर निगम ने इस संबंध में कई कार्य योजनाएं भी बनाई गई हैं, लेकिन अभी तक इन योजनाओं से किसी तरह का फायदा बारिश के दौरान रहवासियों को नहीं मिल पाया है. हाल ही में भोपाल नगर निगम की कमान संभालने वाले कमिश्नर बीएस चौधरी का कहना है कि नालों की सफाई का काम चल रहा है. वहीं कई ऐसे नाले हैं जहां अबी सफाई की जानी है, वहीं अपर आयुक्त पवन सिंह का कहना है कि 810 नालों में 8 पोकलेन मशीन कुछ जेसीबी मशीनों से सफाई की गई है, लेकिन नालों के पास से अतिक्रमण हटाने की जानकारी अभी नहीं है.

स्वच्छता अभियान बना औपचारिकता

बारिश से बिगड़ सकते हैं हालात
बात पुराने शहर की करें तो 2 साल पहले जिन क्षेत्रों में नालों के पानी ने तबाही मचाई थी. अभी तक उनकी सही तरीके से सफाई नहीं हुई है, जिसमें ऐशबाग के पास महामाई बाग का नाला, कम्मू खां का नाला, चांदबड का नाला और बिस्मिल्लाह कॉलोनी का नाला है, जिनका पानी पिछले साल बारिश के दौरान घरों में घुसा था. इतना ही नहीं यहां पर 3 साल पहले एक युवक की नाले में गिरकर मौत भी हो गई थी, लेकिन उसके बाद भी निगम ने अभी तक कोई सबक नहीं लिया है. नालों की सफाई गहराई तक नहीं की गई है, जिस कारण कालोनियों में जलभराव की स्थिति बनी रहती है. मौसम विभाग इस साल राजधानी में अच्छी बारिश होने का अनुमान लगा रहा है, जिससे यह संकट और भी बढ़ने वाला है.

ये नाले मचा सकते हैं तबाही
शहर में 810 छोटे बड़े नाले हैं, मार्च से अभी तक निगम कुछ ही नालों की ही सफाई कर पाया है. जिस पर लाखों रुपए खर्च भी हो चुके हैं. राजधानी भोपाल में कुछ ऐसे नाले हैं, जो शहर के मुख्य स्थानों पर हैं, जिससे बारिश के दौरान तबाही मच सकती है. इनमें से मुख्य हैं, 80 फीट रोड का नाला, 5 नंबर क्षेत्र का नाला, कोलार का नाला, 12 नंबर क्षेत्र का बाणगंगा नाला, एमपी नगर जोन वन का नाला, गुलमोहर के पास का नाला, नेहरू नगर और अशोका गार्डन क्षेत्र का नाला और सैफिया कॉलेज के पास का बड़ा नाला शामिल है. इन नालों के आस पास शहर की एक बड़ी आवादी रहती है. अगर निगम का यही रवैया बना रहा और समय से नालों का सफाई नहीं हुई तो बारिश के दौरान यहां पिछले सालों से भी बदतर हालत होने के असार हैं.

Last Updated : Jun 18, 2020, 10:26 PM IST
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