भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamalnath) ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में कोरोना महामारी के कारण असमय काल कवलित हुए नागरिकों के परिजनों को अनुग्रह सहायता राशि की घोषणा सरकार द्वारा मई 2021 में की गई थी, लेकिन आज तक एक भी परिवार को सहायता राशि सरकार द्वारा प्रदान नहीं की गई है. कमलनाथ ने कहा कि एक लाख रुपए की सहायता कोरी घोषणा बनकर रह गई. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सरकार मृतकों के परिजनों के शपथ-पत्र के आधार पर ही सहायता राशि वितरित करें.
महामारी प्रबंधन में फेल रही शिवराज सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री औऱ पीसीसी चीफ कमलनाथ ने अपने बयान में कहा कि कोरोना महामारी के प्रबंधन में शिवराज सरकार शुरू से ही असफल रही और निरंतर लापरवाही बरतती रही. महामारी की पहली एवं दूसरी लहर के दौरान प्रदेशवासियों ने देखा है कि कोरोना की जॉंच और इलाज के समुचित प्रबंधन नहीं हुए. लोग इलाज के लिये अस्पताल-दर-अस्पताल भटकते रहे, जरूरी दवाओं, इंजेक्शनों, बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था तक नहीं हो सकी और इन सभी की खूब कालाबाजारी भी हुई. सरकार के कुप्रबंधन के कारण लोगों की मौत भी हुई और सरकार ने उनकी कोरोना से हुई मौतों को नकारा. कमलनाथ ने कहा कि परिजनों की मृत्यु के बाद अब परिवार के लोग अनुग्रह सहायता राशि की आस लगाये बैठे हैं और सरकार की योजना और सहायता राशि का कोई अता-पता नहीं है.
घोषणाएं करके भूल जाती है सरकार
कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश की घोषणावीर सरकार घोषणाएं करके भूल जाती है. मई 2021 में घोषणा की गई थी कि प्रत्येक कोरोना मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपये की अनुग्रह सहायता राशि दी जाएगी. इस घोषणा को चार माह का समय हो गया है और अब तक न तो सरकार ने कोई योजना जारी की है और न ही किसी पीड़ित परिजन को सहायता राशि देकर संबल प्रदान किया है. यह घोषणा भी वैसी ही बन कर रह गई है, जैसी घोषणाएं विगत 15 वर्षों से शिवराज सरकार करती आई है.
अभी तक नहीं बना योजना का स्वरूप
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय (supreme court) ने आदेश दिया है कि कोरोना मृतकों के परिजनों को सहायता राशि दी जाए परन्तु अभी तक योजना का स्वरूप ही नहीं बन पाया है. जबकि राजस्व पुस्तक परिपत्र में आपदा से असामयिक मृत्यु होने पर चार लाख की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान पहले से ही है और सरकार को तो इस सर्कुलर में केवल एक लाईन का परिवर्तन करना है कि कोरोना से हुई मृत्यु को आपदा माना जाएगा. इतने से परिवर्तन के बाद तत्काल सहायता राशि वितरित की जा सकती है पर प्रदेश सरकार चार माह से हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है.
पीड़ित परिवारों को तत्काल मिले मदद
कमलनाथ ने कहा कि मैं सरकार से मांग करता हॅूं कि सरकार कोरोना मृतकों के परिजनों के प्रति सहानुभूति दिखाए और बिना उत्सव, बिना प्रचार-प्रसार व बिना हेडलाईन (headline) मैनेजमेंट के मृतकों के परिजनों को तत्काल सहायता राशि का वितरण कराये. सरकार मृतकों के परिजनों के शपथ-पत्र के आधार पर ही सहायता राशि वितरित करे ताकि सभी पीड़ितों के परिवारों को तत्काल मदद मिल सके.