ETV Bharat / city

MP उपचुनावः अब सर्वे पर सियासत, कितने सच कितने झूठे !

28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. चुनाव जीतने के लिए दोनों दलों के दावे तो खूब हैं, लेकिन इस बार उपचुनाव में चुनावी सर्वे का काफी बोलबाला है. देखिए मध्य प्रदेश के चुनावी सर्वे पर यह खास रिपोर्ट....

सर्वे पर सियासत
सर्वे पर सियासत
author img

By

Published : Sep 25, 2020, 10:17 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में होने जा रहे उपचुनाव को लेकर दोनों राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. इन चुनावों को जीतने के लिए दोनों पार्टियों के अपने-अपने दावे हैं. लेकिन खास बात यह है कि इन उपचुनाव में चुनावी सर्वे का काफी बोलबाला है. सरकार गवां चुकी कांग्रेस तो तरह-तरह के सर्वे के आधार पर अपनी वापसी के दावे कर रही है. वही सत्ताधारी बीजेपी किसी तरह के सर्वे का दावा तो नहीं कर रही है. लेकिन सियासी गलियारों में बीजेपी पर आरएसएस के सर्वे की चर्चा तेज है.

एमपी में अब सर्वे पर सियासत

कांग्रेस ने किया जीत का दावा

उपचुनाव के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा तरह-तरह के सर्वे कराने की चर्चा तेज है. दावा तो यहा तक किया जा रहा है कि कमलनाथ ने कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी प्रत्याशियों को लेकर भी सर्वे कराए हैं कि कौन प्रत्याशी कितना दमदार है. कांग्रेस अपने सर्वे के आधार पर सभी सीटों पर जीत का दावा कर ही है. कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि सर्वे के आधार पर पार्टी सभी सीटों पर जीत दर्ज करने जा रही है.

संघ ने कराया बीजेपी का सर्वे

वही बीजेपी किसी तरह के सर्वे से तो इंकार कर रही है. लेकिन माना जा रहा है कि आरएसएस ने उपचुनाव के लिए जो सर्वे कराया है उसमें बीजेपी की राह थोड़ी मुश्किल नजर आ रही है. शायद यही वजह है कि बीजेपी जमीनी स्तर पर अब लगातार पार्टी को मजबूत बनाने में जुटी है. हालांकि पार्टी के प्रवक्ता राकेश शर्मा का कहना है कि हम जनता के लिए काम करते हैं इसलिए जनता ही हमें उपचुनाव में जीत दर्ज कराएगी.

राजनीतिक जानकारों की राय

बीजेपी और कांग्रेस के इन सर्वे पर राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी कहते हैं कि पार्टी के सर्वे पर तो वह कुछ नहीं कहेंगे. लेकिन लेकिन यह बात बिल्कुल सच है कि जो मार्केटिंग रिसर्च कंपनी सर्वे करने का काम करती हैं. यह काफी हद तक एक दिशा का बोध कराते हैं.

यही कारण हैं कि हम लोगों ने प्री पोल और पोस्ट पोल सर्वे जो भारत में देखे हैं, कमोवेश वह ज्यादा गड़बड़ नहीं हुए हैं. कुछ सर्वे अगर गड़बड़ हुए या दिशा से भटके और गलत संकेत दे गए हो. लेकिन अमूमन 60 फ़ीसदी से ज्यादा सर्वे सही होते हैं. तो राजनीतिक दलों के सर्वे के पैमाने अलग होते है. इसलिए इन पर अभी से टिप्पणी नहीं की जा सकती.

चुनावी सर्वे से बनाया जा रहा माहौल

इन चुनावी सर्वे के जरिए सोशल मीडिया पर भी बीजेपी और कांग्रेस मतदाताओं को लुभाने में जुटी है. लेकिन यह सर्वे कितने सही और कितने गलत साबित होते हैं यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा.

हां इतना जरुर है कि बीजेपी और कांग्रेस के इन सर्वे से मध्य प्रदेश का सियासी पारा पूरी तरह चढ़ चुका है. बीजेपी और कांग्रेस को यह अच्छी तरह पता है कि अगर एक बार किसी के पक्ष में माहौल बन गया तो चुनाव की दिशा और दशा दोनों बदल जाएगी. यही वजह है कि दोनों पार्टियां चुनावी सर्वे के जरिए अपने-अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने में जुटी है. ताकि इस सियासी जंग में फतह हासिल की जाए.

भोपाल। मध्यप्रदेश में होने जा रहे उपचुनाव को लेकर दोनों राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. इन चुनावों को जीतने के लिए दोनों पार्टियों के अपने-अपने दावे हैं. लेकिन खास बात यह है कि इन उपचुनाव में चुनावी सर्वे का काफी बोलबाला है. सरकार गवां चुकी कांग्रेस तो तरह-तरह के सर्वे के आधार पर अपनी वापसी के दावे कर रही है. वही सत्ताधारी बीजेपी किसी तरह के सर्वे का दावा तो नहीं कर रही है. लेकिन सियासी गलियारों में बीजेपी पर आरएसएस के सर्वे की चर्चा तेज है.

एमपी में अब सर्वे पर सियासत

कांग्रेस ने किया जीत का दावा

उपचुनाव के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा तरह-तरह के सर्वे कराने की चर्चा तेज है. दावा तो यहा तक किया जा रहा है कि कमलनाथ ने कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी प्रत्याशियों को लेकर भी सर्वे कराए हैं कि कौन प्रत्याशी कितना दमदार है. कांग्रेस अपने सर्वे के आधार पर सभी सीटों पर जीत का दावा कर ही है. कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि सर्वे के आधार पर पार्टी सभी सीटों पर जीत दर्ज करने जा रही है.

संघ ने कराया बीजेपी का सर्वे

वही बीजेपी किसी तरह के सर्वे से तो इंकार कर रही है. लेकिन माना जा रहा है कि आरएसएस ने उपचुनाव के लिए जो सर्वे कराया है उसमें बीजेपी की राह थोड़ी मुश्किल नजर आ रही है. शायद यही वजह है कि बीजेपी जमीनी स्तर पर अब लगातार पार्टी को मजबूत बनाने में जुटी है. हालांकि पार्टी के प्रवक्ता राकेश शर्मा का कहना है कि हम जनता के लिए काम करते हैं इसलिए जनता ही हमें उपचुनाव में जीत दर्ज कराएगी.

राजनीतिक जानकारों की राय

बीजेपी और कांग्रेस के इन सर्वे पर राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी कहते हैं कि पार्टी के सर्वे पर तो वह कुछ नहीं कहेंगे. लेकिन लेकिन यह बात बिल्कुल सच है कि जो मार्केटिंग रिसर्च कंपनी सर्वे करने का काम करती हैं. यह काफी हद तक एक दिशा का बोध कराते हैं.

यही कारण हैं कि हम लोगों ने प्री पोल और पोस्ट पोल सर्वे जो भारत में देखे हैं, कमोवेश वह ज्यादा गड़बड़ नहीं हुए हैं. कुछ सर्वे अगर गड़बड़ हुए या दिशा से भटके और गलत संकेत दे गए हो. लेकिन अमूमन 60 फ़ीसदी से ज्यादा सर्वे सही होते हैं. तो राजनीतिक दलों के सर्वे के पैमाने अलग होते है. इसलिए इन पर अभी से टिप्पणी नहीं की जा सकती.

चुनावी सर्वे से बनाया जा रहा माहौल

इन चुनावी सर्वे के जरिए सोशल मीडिया पर भी बीजेपी और कांग्रेस मतदाताओं को लुभाने में जुटी है. लेकिन यह सर्वे कितने सही और कितने गलत साबित होते हैं यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा.

हां इतना जरुर है कि बीजेपी और कांग्रेस के इन सर्वे से मध्य प्रदेश का सियासी पारा पूरी तरह चढ़ चुका है. बीजेपी और कांग्रेस को यह अच्छी तरह पता है कि अगर एक बार किसी के पक्ष में माहौल बन गया तो चुनाव की दिशा और दशा दोनों बदल जाएगी. यही वजह है कि दोनों पार्टियां चुनावी सर्वे के जरिए अपने-अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने में जुटी है. ताकि इस सियासी जंग में फतह हासिल की जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.