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ससुराल पक्ष से पैसे मांगना 'दहेज की मांग' है, सुप्रीम कोर्ट ने एमपी हाई कोर्ट के फैसले को पलटा - material dowry demand by in laws to build house considered dowry

शीर्ष अदालत ने एक मामले में सुनवाई करते हुए मध्‍य प्रदेश हाई कोर्ट का फैसला पलटते हुए कहा कि ससुराल पक्ष से मकान बनाने के लिए धनराशि या महिला से किसी भी तरह की मांग करता है तो उसे दहेज मांगने में देखा जाए.

Supreme Court order on dowry case
सुप्रीम कोर्ट का दहेज मामले पर आदेश
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Published : Jan 13, 2022, 11:05 PM IST

भोपाल/दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दायर उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एक महिला द्वारा अपने ससुराल में आत्महत्या किये जाने को लेकर उसके पति और ससुर की आईपीसी की धारा 304-बी और धारा 306 के तहत दोषसिद्धि और सजा के फैसले को खारिज कर दिया था. शीर्ष अदालत ने मध्‍य प्रदेश हाई कोर्ट का फैसला पलटते हुए कहा कि अगर व्यक्ति अपने ससुराल पक्ष से मकान बनाने के लिए धनराशि या महिला से किसी भी तरह की मांग करता है तो उसे दहेज मांगने में देखा जाए. जो की भारतीय दंड संहिता की धारा 304-बी के तहत दंडनीय है.

भोपाल/दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दायर उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एक महिला द्वारा अपने ससुराल में आत्महत्या किये जाने को लेकर उसके पति और ससुर की आईपीसी की धारा 304-बी और धारा 306 के तहत दोषसिद्धि और सजा के फैसले को खारिज कर दिया था. शीर्ष अदालत ने मध्‍य प्रदेश हाई कोर्ट का फैसला पलटते हुए कहा कि अगर व्यक्ति अपने ससुराल पक्ष से मकान बनाने के लिए धनराशि या महिला से किसी भी तरह की मांग करता है तो उसे दहेज मांगने में देखा जाए. जो की भारतीय दंड संहिता की धारा 304-बी के तहत दंडनीय है.

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