शाजापुर । पोलायखुर्द में 2009 में धर्मस्य विभाग ने आरईएस विभाग के माध्यम से राम मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू किया था. इसकी लागत 12 लाख रुपये थी, लेकिन आज तक पूरा नहीं हो सका है. मंदिर का काम पूरा न होने से रामलला पुजारी के घर में बैठे हैं. भक्त यही भगवान की पूजा अर्चना करते हैं. दो वर्षों से ग्राम के ही एक समाजसेवी इस मंदिर की लड़ाई लड़ रहे हैं. लगातार कलेक्टर से लेकर धर्मस्य विभाग को शिकायत कर रहे हैं. फिर भी आज तक मंदिर का काम पूरा नहीं हो सका है. मामला धार्मिक न्यास एवं मेला प्राधिकारण अध्यक्ष माखनसिंह चौहान के गृह ग्राम का है.
शाजापुर कलेक्टर है मंदिर के अध्यक्ष : शासकीय मंदिर के अध्यक्ष कलेक्टर हैं. समाजसेवी एवं ग्रामीण दो वर्षों से मंदिर के निर्माण कार्य को पूरा करवाने की मांग कर रहे हैं. फिर भी प्रशासन मंदिर के अधूरे निर्माण को पूरा नहीं करवा सका. आरईएस विभाग के ठेकेदार ने मंदिर निर्माण के लिए 12 लाख की राशि निकाल कर मंदिर का काम अधूरा छोड़ दिया. मंदिर में बिजली फिटिंग एवं रंग रोगन का काम भी नहीं हुआ. रामलला को विराजित करने के लिए स्थान भी नहीं तैयार किया गया है. इसलिए रामलला पुजारी के घर में बैठे हैं.
सालों बाद रामनवमी के दिन बनेगा महासंयोग, पूरे दिन रहेंगे 3 सुख समृद्धि दायक योग
भगवान के लिए आमरण अनशन : रामनवमी तक रामलला को मंदिर में विराजित नहीं किया गया तो समाजसेवी ने रामनवमी पर मंदिर के सामने आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय लिया है. इसके लिए उन्होंने विधिवत कलेक्टर से अनुमति भी मांगी है.
MP Politics: मध्य प्रदेश में रामनवमी मनाने की मची होड़, कांग्रेस विधायक ने ही खड़े किये सवाल
शाजापुर धर्मस्य विभाग ने दी थी राशि : यह मंदिर धार्मिक न्यास एवं मेला प्राधिकारण अध्यक्ष माखनसिंह चौहान के गृह ग्राम का है. चौहान के प्रयासों के चलते ही गांव के राम मंदिर निर्माण के लिए धार्मिक धर्मस्व विभाग ने 12 लाख रूपएं की राशि स्वीकृत की थी. लेकिन सिस्टम की लापरवाही के चलते मंदिर का काम पूरा नहीं हो सका है. मामले को लेकर पोलायकला के नायब तहसीलदार कैलाश ससत्या ने बताया वर्ष कि 2009-10 में आरईएस विभाग के द्वारा मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया गया था. निर्माण में देरी हुई है लेकिन अब शीघ्र ही मंदिर में भगवान को विराजित किया जाएगा.