भोपाल। देवास के नेमावर हत्याकांड की CBI जांच होगी. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मामले की CBI जांच की सिफारिश कर दी है. मामले में पुलिस ने 9 लोगों को आरोपी बनाया है.
ये था नेमावर हत्याकांड का मामला
29 जून को देवास के नेमावर में एक खेत से एक ही परिवार के 5 लोगों के कंकाल मिले थे. कंकाल को खेत के अंदर 10 फीट नीचे गहरे गड्ढे से निकाला गया था. ये कंकाल 13 मई से लापता चल रहे आदिवासी परिवार के सदस्यों के थे. जब मामले का खुलासा हुआ तो हर कोई हैरान रह गया. छानबीन में पता चला कि इस परिवार की एक युवती का आरोपी सुरेन्द्र के साथ प्रेम संबंध था. युवती जब आरोपी पर शादी का दबाव बनाने लगी, तो उसे रास्ते से हटाने के लिए आरोपी सुरेन्द्र ने युवती सहित उसके परिवार की हत्या कर दी थी और शवों को खेत में 10 फीट नीचे गाड़ दिया था.
पुलिस ने 9 लोगों को आरोपी बनाया
पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड मामले में 9 लोगों को आरोपी बनाया है. आरोपियों ने घटना को इतना शातिर तरीके से अंजाम दिया था कि 2 महीने तक पुलिस परिवार के लापता सदस्यों को ढूंढ नहीं पाई थी. पुलिस को चकमा देने के लिए आरोपी बड़े ही शातिर तरीके से अलग-अलग लोकेशन पर जाकर युवती का मोबाइल ऑन करते थे और फिर बंद कर देते थे. इतना ही नहीं आरोपियों ने शवों को गलाने के लिए शवों के साथ यूरिया और नमक डाला था.
क्या है पूरे मामले की Time Line ?
13 मई को लापता हुआ था परिवार
13 मई, गुरुवार की रात को नेमावर कस्बे से आदिवासी परिवार के पांच सदस्य ममता (45), रूपाली (21), दिव्या (14), पूजा (15) और पवन (14) अचानक लापता हो गए. इस संबंध में थाने में शिकायत की गई. पुलिस लापताओं को तलाशने की गुत्थी को सुलझाने में जुटी हुई थी, लेकिन पुलिस के हाथ कोई पुख्ता सबुत नहीं लग पा रहे थे. पुलिस लगातार टेक्नोलॉजी की मदद से तलाश में जुटी थी. इस बीच रूपाली की लोकेशन ट्रेस होने से पुलिस के हाथ सुराग लगा.
29 जून को आठ फिट गहरे गड्ढे से मिली लाश
पुलिस ने ठीक 48 दिन बाद 29 जून को मेला रोड स्थित एक खेत के गड्ढे से पांच नर कंकाल बरामद किए. इलाके में कंकाल मिलने से दहशत का माहौल बन गया और आवाज प्रदेश के मुखिया तक पहुंची. आदिवासी परिवार के पांचों सदस्य आरोपियों ने आठ फीट गहरे गड्ढे में गाड़ दिए थे. पुलिस ने जेसीबी की मदद से सभी कंकालों को बाहर निकाला. यही नहीं आरोपियों ने शवों को गलाने के लिए नमक तक डाला था.
हत्याकांड में मुख्य आरोपी सुरेंद्र का नाम
इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी सुरेंद्र है. दरअसल, रूपाली का सुरेंद्र से प्रेम प्रसंग था. जबकि सुरेंद्र की कहीं और शादी तय हो गई थी. इस बीच प्रेमिका सुरेंद्र को तंग करने लगी. इसी के चलते सुरेंद्र ने उसे रास्ते से हटाने के लिए युवती सहित उसके परिवार की हत्या अपने साथियों के साथ मिलकर कर दी और जमीन में गाड़ दिया.
मामले में अब तक क्या हुआ था
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नेमावर हत्याकांड के बाद पीड़ित परिवार के लिए 41 लाख 25 हजार की सहायता राशि का ऐलान कर चुके हैं. सीएम के निर्देश पर इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) में ले जाया गया, और अब 9 लोगों को अरोपी बनाते हुए CBI जांच के आदेश हो गये हैं.
आरोपियों के मकान-दुकान पर चला बुल्डोजर
नेमावर हत्या कांड को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी सुरेंद्र सिंह और उसके भाई वीरेंद्र के मकान और दुकानों पर प्रशासन ने जीसीबी से ध्वस्त कर दिया गया है. इसके अलावा वार्ड नंबर-14 में दूसरे आरोपी विवेक के पैतृक घर को भी प्रशासन ने ढहा दिया.
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आरोपियों को फांसी के लिए चार जुलाई को आदिवासी संगठन ने रैली निकाली
नेमावर हत्याकांड के आरोपियों को फांसी की सजा की मांग में चार जुलाई को आदिवासी संगठन ने रैली निकाली है. आदिवासी संगठन ने CBI जांच की मांग की है. इसके साथ ही आरोपियों को फांसी देने और मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की है.
कांग्रेस ने पीड़ित परिवार को दिया कुल 5-5 लाख रुपये के चेक
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के नेतृत्व में अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के पार्टी विधायकों का प्रतिनिधिमंडल जघन्य हत्याकांड के पीड़ित परिवार के बीच 9 जुलाई को नेमावर पहुंचा और पीड़ित परिवार को 5-5 लाख के कुल 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता के चेक दिए. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्होंने मृतक के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया था.
पीड़ित परिवार से मिले भीम आर्मी चीफ
इस बीच नेमावर हत्याकांड को लेकर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद 11 जुलाई को देवास पीड़ित के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे. उस दौरान उन्होंने कहा ये कोई बकरे नहीं हैं, जिन्हें हलाल किया जाएगा या मारा जाएगा. भीम आर्मी चीफ ने कहा कि पीड़ित परिवार जब न्याय की मांग कर रहा है, तो उन्हें न्याय क्यों नहीं दिया जा रहा है, सरकार कोई भी हो बात यह है कि आम व्यक्ति को न्याय मिले, अगर मुख्यमंत्री न्याय नहीं देंगे, तो उन्हें कुर्सी से खींचकर लेकर आएंगे, ये जनता है, लोकतंत्र में मुख्यमंत्री को न्याय देना ही पड़ेगा.